नई दिल्ली:दिल्ली सरकार के स्कूलों में मिली शानदार सफलता के बाद अब दिल्ली सरकार की जानिब से सभी यूनिवर्सिटीज और इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट्स (आईटीआई) में भी बिज़नेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम का आगाज हो चुका है. मंगलवार को सीएम आतिशी द्वारा इंद्रप्रस्थ इंस्टिट्यूट ऑफ़ इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी दिल्ली में दिल्ली सरकार के सभी यूनिवर्सिटीज और आईटीआई के लिए बिज़नेस ब्लास्टर्स सीनियर प्रोग्राम को लांच किया. लॉन्चिंग के अवसर पर दिल्ली सरकार के स्कूलों के पूर्व स्टूडेंट्स ने एक पैनल चर्चा का भी आयोजन किया, जहां उन्होंने सभागार में मौजूद स्टूडेंट्स को 2000 की सीड मनी के साथ शुरू किए अपने बिज़नेस जर्नी के बारे में बताया.
सीड मनी मेंमिलेंगे 50,000 रुपये
बता दें कि इस प्रोग्राम के तहत दिल्ली सरकार की यूनिवर्सिटीज और आईटीआई में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को उनके बिज़नेस आईडिया के लिए प्रति टीम 50,000 रुपये तक की सीड मनी दी जाएगी. स्टार्ट-अप शुरू करने और उसे आगे बढ़ाने के लिए टीमों को मेंटरशिप भी दी जाएगी. दिल्ली सरकार के सभी यूनिवर्सिटीज और इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट्स में बिज़नेस ब्लास्टर्स सीनियर प्रोग्राम की शुरुआत पर सभी को बधाई देते हुए सीएम आतिशी ने कहा कि हमारे उच्च शिक्षण संस्थानों में बिज़नेस ब्लास्टर्स की शुरुआत आने वाले भविष्य के जॉब क्रिएटर्स तैयार करेगा जो बेरोजगारी की समस्या को दूर कर भारत को दुनिया का नंबर. 1 देश बनाएंगे.
हमारे स्कूल-कॉलेजों में बिज़नेस ब्लास्टर्स की क्यों है जरूरत
सीएम आतिशी ने कहा कि दिल्ली सरकार की सभी यूनिवर्सिटी चाहे वो अम्बेडकर यूनिवर्सिटी हो, एनएसयूटी हो, आईआईआईटी दिल्ली हो इन सभी में स्टूडेंट्स की बहुत अच्छी प्लेसमेंट होती है. उन्हें लाखों के पैकेज मिलते हैं. फिर भी यहाँ बिज़नेस ब्लास्टर्स सीनियर प्रोग्राम शुरू करने की क्यों ज़रूरत हुई. उन्होंने कहा कि ये सपना वहाँ से शुरू हुआ जब हमने पूरी दुनिया को देखा. आज हम दुनियाभर की सबसे बड़ी और सबसे नामी कंपनियों को देखें तो उनमें से अधिकतर में भारतीयों का बोलबाला है. भारतीय उन कंपनियों में शीर्ष पदों पर हैं.
सीएम आतिशी ने कहा कि भारतीय बहुत टैलेंटेड होते हैं, दुनिया भर की बड़ी कंपनियों को चला रहे हैं. लेकिन, उसके बावजूद ऐसा क्यों है कि हमारे देश में इतनी ज़्यादा बेरोजगारी है. ग्रेजुएट करने वाले युवाओं का आंकड़ा देखे तो उनमें से 42% लोग बेरोजगार हैं. उन्होंने कहा कि हम जब स्कूलों में थे तब नौंवी क्लास में इकोनॉमिक्स की किताबों में पढ़ते थे कि दुनिया में तीन तरह के देश होते हैं. विकसित देश, विकासशील देश, अविकसित देश और भारत एक विकासशील देश है और 2020 तक भारत विकसित देश बन जाएगा. लेकिन 2020 बीतने के बाद भी आज भी हमारी इकोनॉमिक्स की किताब में यही लिखा हुआ है कि भारत एक विकासशील देश है.
-
1. नए स्टार्टअप्स की पहचान और उनका विकास.
2. रोजगार के अवसर बढ़ाना. चुने गए स्टार्टअप्स न सिर्फ अपने लिए बल्कि दूसरों के लिए भी रोजगार के अवसर पैदा करेंगे.
3. समस्या का हल चुने गए स्टार्टअप्स का लक्ष्य होगा समाज या मार्केट की किसी समस्या को हल करना. ये टेक्नोलॉजी, सामाजिक या पर्यावरण से जुड़ी चुनौतियों का समाधान कर सकते हैं.
4. इनोवेशन दिल्ली सरकार के यूनिवर्सिटीज़ और आईटीआई में एक ऐसा माहौल तैयार होगा, जहाँ इनोवेशन और नए आइडियाज को बढ़ावा मिलेगा.
5. स्टार्टअप्स की शुरुआत. छात्रों के नए आइडियाज सफल बिज़नेस में बदलेंगे और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देंगे.
6. इंडस्ट्री और शिक्षा का सहयोग. इस योजना से यूनिवर्सिटीज़ और इंडस्ट्री के बीच तालमेल बढ़ेगा.
7. नए स्किल्स का विकास. छात्रों को ऐसा प्लेटफॉर्म मिलेगा, जहाँ वो अपने आइडिया सकेंगेपर काम कर ग्लोबल स्तर पर प्रतियोगिता के लिए तैयार हो.
प्रोग्राम फ्लो
|
|
|
|
ये भी पढ़ें: