नई दिल्ली: दिल्ली में प्रदूषण अब नई समस्या बनकर खड़ा हो गया है. दरअसल, दिवाली बाद से लगातार एयर क्वालिटी का लेवल गंभीर श्रेणी में दर्ज किया जा रहा है. इतना ही नहीं, सिर्फ पटाखों के धुएं की वजह से ऐसा नहीं हो रहा है, बल्कि धूल मिट्टी भी इसका बड़ा कारण है.
दिल्ली सरकार पर अब बीजेपी ने बड़ा आरोप लगाया है. बीजेपी का कहना है कि 31 अक्टूबर तक सड़कों की मरम्मत हो जानी चाहिए थी, लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार ऐसा करने में विफल रही. अब टूटी सड़कों से गुजर रहे वाहन धूल उड़ाते हुए निकलते हैं. जिससे हवा दूषित होती जा रही है.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने दावा किया कि दिल्ली की वायु गुणवत्ता में गिरावट आम आदमी पार्टी (आप) और उसके प्रमुख अरविंद केजरीवाल द्वारा 31 अक्टूबर तक शहर की क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत करने में विफल रहने के कारण आई है, न कि दिवाली पर जलाए गए पटाखों के कारण.
जानिए- बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने क्या कहा?
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि 2022 और 2023 में दिवाली के बाद सुबह दर्ज की गई एक्यूआई पिछले दिन की तुलना में कम होगी. सचदेवा ने एक बयान में कहा, "इसके बावजूद आप सरकार पिछले एक महीने से जोरदार पटाखा विरोधी अभियान चला रही है और इस पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिसे शहर के निवासियों ने नजरअंदाज कर दिया है."
उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली की क्षतिग्रस्त सड़कों पर वाहनों से निकलने वाली धूल और वाहनों से निकलने वाले धुएं का एक रात में पटाखों के फटने से "कहीं अधिक प्रभाव" पड़ता है. सचदेवा ने कहा, "केजरीवाल, दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी और पर्यावरण मंत्री गोपाल राय को अब यह स्वीकार करना चाहिए कि वे दिवाली पर पटाखे फोड़ने को वायु प्रदूषण में वृद्धि का कारण बताकर 'सनातन' परंपराओं और हिंदू भावनाओं को बदनाम कर रहे हैं और हिंदू समुदाय से माफी मांगनी चाहिए."
'टूटी सड़कों की धूल एयर क्वालिटी को खराब करती है'
दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने भी दावा किया कि दिल्ली की टूटी सड़कों से उठने वाली धूल वायु प्रदूषण को खराब करने में प्रमुख भूमिका निभाती है. उन्होंने कहा, "अगर दिल्ली की सभी सड़कों का उचित रखरखाव किया जाए और सफाई का प्रभावी प्रबंधन किया जाए, तो शहर का प्रदूषण 50 प्रतिशत कम हो जाएगा."
शुक्रवार को शास्त्री पार्क इलाके का दौरा करने वाले गुप्ता ने दावा किया कि पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल और सीएम आतिशी द्वारा दिवाली से पहले सड़कों की मरम्मत करने के वादे के बावजूद शहर में सैकड़ों सड़कें खस्ताहाल हैं. उन्होंने कहा, "आप को राजनीति और आरोप-प्रत्यारोप में लिप्त होना बंद कर देना चाहिए और स्थानीय प्रदूषण स्रोतों जैसे धुल पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जो की दिल्ली में खतरनाक वायु गुणवत्ता के लिए अधिक जिम्मेदार हैं."
लोगों को "गुमराह" करना बंद करें केजरीवाल: भाजपा
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति दिवाली से पहले जितनी खराब थी, उतनी ही खराब है और उन्होंने कहा कि आप और केजरीवाल को लोगों को "गुमराह" करना बंद कर देना चाहिए. दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने दावा किया कि पिछले चार दिनों के तुलनात्मक वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के आंकड़ों से पता चलेगा कि राजधानी में प्रदूषण का स्तर पटाखों की वजह से नहीं बढ़ा है.
विजेंद्र गुप्ता ने यह भी दावा किया कि आवासीय कॉलोनियों से बहने वाला सीवेज का पानी यमुना नदी के प्रदूषण का मुख्य कारण है. उन्होंने आरोप लगाया कि आप सरकार ने पर्याप्त सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) नहीं लगाए हैं. उन्होंने कहा कि कुछ स्थानों पर एसटीपी की क्षमता इतनी कम है कि वे सभी सीवेज का उपचार नहीं कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि चिल्ला में न्यूनतम लिक्विड डिस्चार्ज (एमएलडी) क्षमता वाला प्लांट है, जबकि क्षेत्र से 101 एमएलडी सीवेज सीधे यमुना में बह रहा है.
क्या यमुना में प्रदूषण दिवाली और छठ पूजा से बढ़ता है
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि इसी तरह शास्त्री पार्क और कैलाश नगर जैसे क्षेत्रों में कॉलोनियों से सीवेज का पानी सीधे नदी में बह रहा है, जिससे नदी और प्रदूषित हो रही है. भाजपा नेता ने दावा किया कि आईटीओ क्रॉसिंग सीवेज आउटफॉल में भी स्थिति ऐसी ही है, जहां एक एसटीपी है, लेकिन यह यमुना में बहने वाले 50 एमएलडी सीवेज में से केवल 10 एमएलडी का ही उपचार कर सकता है, जिससे शेष 40 एमएलडी सीवेज ट्रीटमेंट के बगैर रह जाता है.
उन्होंने कहा के आप ने एक बयान में कहा कि यमुना में प्रदूषण केवल दिवाली और छठ पूजा के दौरान ही बढ़ता है और आरोप लगाया कि यह कोई दुर्घटना नहीं है, बल्कि भाजपा द्वारा रची गई "जानबूझकर की गई साजिश" है. केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी ने आरोप लगाया कि भाजपा शासित राज्य हरियाणा और उत्तर प्रदेश खतरनाक रसायनों से युक्त औद्योगिक वेस्ट यमुना में छोड़ते हैं, जिससे झाग पैदा होता है जो नदी के पानी को प्रदूषित करता है.
ये भी पढ़ें:'लोगों को प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहने का अधिकार', सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की आलोचना की
ये भी पढ़ें:Delhi: धुंध की चादर में लिपटी दिल्ली, आनंद विहार की एयर क्वालिटी सबसे खराब