नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने शुक्रवार को कई मुद्दों पर केंद्र की बीजेपी सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि 2014 में केंद्र में भाजपा की सरकार बढ़ने के बाद से महंगाई तेजी से बढ़ी है. लोगों की आमदनी 1.6 गुना बढ़ी है. और खर्च ढाई गुना से ज्यादा बढ़ा है. इससे देश में भुखमरी के हालात हैं. आज केंद्र सरकार महंगाई और बेरोजगारी को काबू करने में फेल है. किसानों की आय कम खर्च ज्यादा बढ़ा है. किसानों की फसलों से बिचौलिए मालामाल हो रहे हैं.
भारद्वाज ने दावा किया कि साल 2011-12 में महंगाई 8.5 प्रतिशत थी. भुखमरी में भारत 125 देशों में 99 नंबर पर था, लेकिन अब 12 पोजीशन नीचे गिर गया. अब हम 111वें नंबर पर आते हैं. 2011-12 में ग्रामीण इलाकों में एक्सपेंडिचर ( मासिक खर्च) 1430 रुपये होता था. 2023-23 में बढ़कर 3773 रुपये हो गया है. यानी खर्च 2.64 गुणा ज्यादा बढ़ गया है. शहरी क्षेत्र में मासिक खर्च 2630 रुपये से बढ़कर 6459 रुपये हो गया है.
उन्होंने कहा कि लोगों की कमाई की बात करें तो 5050 से बढ़कर 8197 रुपये हुई है. कमाई मात्र 1.6 गुना बढ़ी है. और खर्च ढाई गुना से ज्यादा बढ़ा है. इससे भुखमरी फैल रही है. इसलिए पीएम को पांच किलो अनाज देना पड़ रहा है. क्योंकि रोजगार खत्म हो गया है. स्माल स्केल इंडस्ट्री खत्म कर दी गई हैं. मोदी सरकार के पास कोई पॉलिसी नहीं है. इस कारण महंगाई बढ़ रही है.
दोगुने से ज्यादा बढ़ गए खाद्य पदार्थों के दामःभारद्वाज ने कहा कि पहले अरहर की दाल 70 रुपये प्रति किलो थी. अब 154 रुपये किलो हो गई है. उड़द दाल 67 रुपये से 124 रुपये, चावल 27 से 44 रुपये प्रति किलो, गेहूं 21 रुपये से 30 रुपये प्रति किलो हो गया है. दूध 36 रुपये लीटर हुआ करता था अब 59 रुपये लीटर हो गया है. आलू 18 रुपये से बढ़कर 28 रुपये हो गया है. प्याज का दाम 41 प्रतिशत बढ़ गया है. टमाटर का दाम 40 प्रतिशत बढ़ गया. बीते वर्ष जुलाई में अदरक और मिर्च 400 रुपये किलो तक पहुंच गया था. जीरा 800 रुपये प्रति किलो पहुंच गया था.
किसानों के पास नहीं तो किसके पास जा रहा पैसाःखाद्य पदार्थों के दाम बढ़ने के दो कारण हो सकते हैं. पहले किसानों को हम ज्यादा दाम दे रहे हैं. इसलिए महंगाई बढ़ रही है. दूसरा बीच के बिचौलियों के पास पैसा जा रहा है. 11 साल के अंदर आमदनी 1.6 गुना बढ़ी है. और खर्च ढाई गुना से ज्यादा बढ़ा है. किसान की आमदनी तो बढ़ी ही नहीं है. 2.6 गुना ज्यादा खर्च बढ़ा है. इसका मतलब यह है कि बिचौलियों के पास पैसा जा रहा है. यानी की ये पैसा बड़े बड़े पूंजीपतियों की जेब में गया है. यह देश के लिए चिंता की बात हैं.