उदयपुर. झीलों की नगरी उदयपुर अरावली की पहाड़ियों के बीच कटरा की तर्ज पर मां वैष्णो देवी का भव्य मंदिर बन कर तैयार है. उदयपुर से 17 किमी दूर उदयपुर नाथद्वारा रोड पर पहाड़ी पर निर्मित यह मंदिर मां वैष्णो देवी का राजस्थान का सबसे बड़ा मंदिर है. सवा चार लाख फीट परिसर में सवा तीन लाख फीट में मंदिर का निर्माण किया गया है. साथ ही एक लाख फीट परिसर में पार्किंग बनाया गया है. इस मंदिर का लोकार्पण 3 मार्च को होगा. श्री मीरा किशन दरबार ट्रस्ट की ओर से इस मंदिर का निर्माण करवाया गया है. ट्रस्ट के सुनील खत्री ने बताया की राज्य में यह पहला ऐसा मंदिर होगा, जिसमें श्रद्धालुओं को जम्मू स्थित मां वैष्णो देवी मंदिर का पूरा स्वरूप नजर आएगा. इस मंदिर में श्रद्धालुओं को पिंडी रूप में मां के दर्शन होंगे.
मंदिर का लोकार्पण 3 मार्च को : सुनील खत्री ने बताया कि मंदिर का लोकार्पण 3 मार्च को होगा. उससे पहले शहर में ज्योत यात्रा निकाली जाएगी. ये यात्रा 3 मार्च को सुबह 10 बजे जगदीश मंदिर से प्रारंभ होकर हाथीपोल चेतक, फतेहपुरा होते हुए मंदिर तक पहुंचेगी. ज्योत यात्रा में कटरा से मां की लाई हुई ज्योत के दर्शन होंगे, जो मंदिर में स्थापित की जाएगी.
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311 फीट लंबी गुफा : जम्मू स्थित मां वैष्णो देवी मंदिर की तरह इस मंदिर में भी दो गुफाओं का निर्माण हुआ है. युवाओं के लिए 311 फीट लंबी गुफ़ा और बुजुर्गों के लिए 251 फीट लंबी गुफ़ा बनाई गई है. जिस तरह मां वैष्णो देवी में कटरा से चलकर श्रद्धालुओं को दर्शनी ड्यौड़ी के दर्शन होते हैं. उसी तरह इस मंदिर में भी श्रद्धालुओं को बाण गंगा, गर्भ जून, हाथी मत्था, सांझी छत से होते त्रिकुट पर्वत में प्रवेश होने का अनुभव मिलेगा. यहां 51 फीट ऊंचा त्रिशूल और भैरू नाथ का मंदिर भी बनाया गया है. साथ ही मंदिर में 12 ज्योतिर्लिंग और नौ देवियों की प्रतिमाओं को स्थापित किया गया है. मंदिर में कुल 21 भव्य मूर्तियां स्थापित की गई हैं.