देहरादून: शिक्षा विभाग में खाली पड़े शिक्षकों के पदों को भरने की कवायद शुरू हो गई है. जिसके तहत प्रदेश के 11 जिलों के दूरस्थ स्कूलों में खाली पड़े विज्ञान, गणित और अंग्रेजी विषय के नए 749 अतिथि शिक्षकों को तैनाती दी जाएगी. प्रदेश के तमाम स्कूलों में सालाना ट्रांसफर ने बाद बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद खाली हो गए थे. जिसके चलते स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए जनप्रतिनिधियों और अभिभावकों की ओर से मांग की जा रही थी. जिसको देखते हुए शिक्षा मंत्री ने प्रदेश के खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में खाली पड़े पदों पर अतिथि शिक्षकों को भरने के निर्देश दिए हैं.
उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि राज्य सरकार ने साल 2018 में राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक, एलटी और प्रवक्ता के खाली पड़े पदों पर अतिथि शिक्षकों की तैनाती का निर्णय लिया गया था. जिसके लिए इन पदों की शैक्षणिक योग्यता रखने वाले अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए थे. जिसके तहत करीब 4200 अतिथि शिक्षकों को तमाम विद्यालयों में खाली पड़े पदों के सापेक्ष तैनाती दी गई थी, लेकिन इस समय करीब एक हजार अभ्यर्थियों को तैनाती नहीं मिल पाई थी.
11 जिलों में होगी अतिथि शिक्षकों की तैनाती:ऐसे में राज्य के तमाम राजकीय स्कूलों में प्रवक्ता संवर्ग के 749 रिक्त पदों के सापेक्ष रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान, जीव विज्ञान, अंग्रेजी और गणित विषयों में जिलावार और विषयवार मेरिट सूची तैयार कर तैनाती कर दी गई है. साथ ही कहा कि हरिद्वार और उधमसिंह नगर जिले को छोड़कर बाकी 11 जिलों में अतिथि शिक्षकों की तैनाती के लिए मुख्य शिक्षा अधिकारियों को अभ्यर्थियों की मैरिटवार सूची भी भेज दी गई है. ताकि, इन अभ्यर्थियों को स्कूलों में जल्द से जल्द तैनाती दी जा सके.
जिलेवार शिक्षकों की संख्या:मुख्य शिक्षा अधिकारियों को भेजी गई सूची के अनुसार, चमोली जिले में 101, पिथौरागढ़ जिले में 112, पौड़ी जिले में 88, अल्मोड़ा जिले में 157, नैनीताल जिले में 35, चंपावत जिले में 41, बागेश्वर जिले में 68, रुद्रप्रयाग जिले में 76, टिहरी जिले में 40, उत्तरकाशी जिले में 14 और देहरादून जिले के पर्वतीय क्षेत्रों में 17 अतिथि शिक्षकों को प्रवक्ता संवर्ग के खाली पड़े पदों के सापेक्ष तैनाती दी गई है. इन सभी नए अतिथि शिक्षकों की तैनाती के बाद प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों के स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को बेहतर शिक्षा मिल पाएगी.
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