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उत्तराखंड के IAS अधिकारी टटोलेंगे जनता की नब्ज, सरकार ने धरातल पर उतारे 4 दर्जन अधिकारी, देखें लिस्ट - RESPONSIBILITY OF IAS OFFICERS

उत्तराखंड के 48 आईएएस अफसरों को 95 विकासखंडों की जिम्मेदारी सौंपी गई. ये अधिकारी विकास योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार करेंगे.

RESPONSIBILITY OF IAS OFFICERS
उत्तराखंड के IAS अधिकारी टटोलेंगे जनता की नब्ज (PHOTO-ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 24 hours ago

Updated : 22 hours ago

देहरादून (रोहित कुमार सोनी):उत्तराखंड सरकार ने चार दर्जन आईएएस अधिकारियों को धरातल पर उतार दिया है. ये अधिकारी राज्य के विकास योजनाओं को गति देने के साथ ही जनता के सुझाव के आधार पर योजनाओं को तैयार करने और धरातल पर चल रही योजनाओं में सुधार की रूपरेखा तैयार करेंगे. जिन अधिकारियों की फौज सरकार ने धरातल पर उतारी है, उन अधिकारियों को जिला स्तर पर कार्य करने का काफी अनुभव भी है. इससे अधिकारियों के अनुभवों का लाभ उठाने के साथ ही उत्तराखंड को सशक्त प्रदेश बनाए जाने की दिशा में तेज गति से कार्य किया जा सकेगा.

उत्तराखंड सरकार ने पूर्व में 'सरकार आपके द्वार' अभियान को भी शुरू किया था. लेकिन वो बेहतर ढंग से सफल नहीं हो पाया. ऐसे में अब अधिकारियों के जरिए सरकार जनता की नब्ज टटोलना चाहती है ताकि सरकार जनता के लिए तैयार होने वाली योजनाओं को जनता के सुझाव के आधार पर तैयार करें. जिससे उनको योजनाओं का आसानी से लाभ मिल सके. राज्य सरकार ने विकासखंडों (ब्लॉक) के निरीक्षण के लिए उत्तराखंड शासन के 48 अपर सचिवों को बतौर नोडल अधिकारी नामित किया है. ऐसे में विकासखंडों के लिए नामित नोडल अधिकारी न सिर्फ विकास योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण करेंगे, बल्कि जनसमस्याओं पर अपनी एक रिपोर्ट तैयार कर शासन को सौंपेंगे.

उत्तराखंड के IAS अधिकारी टटोलेंगे जनता की नब्ज (VIDEO-ETV Bharat)

48 अफसरों को 95 ब्लॉकों का जिम्मा: उत्तराखंड सरकार का दावा है कि वो राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ गांव के अंतिम छोर के व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए काम कर रही है. जिसके चलते ही अपर सचिव स्तर के अधिकारियों को राज्य के हर विकासखंड में भेजने का निर्णय लिया है. ये सभी नोडल अधिकारी, राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण करेंगे.

अपर सचिव बंशीधर तिवारी को रुद्रप्रयाग जिले का ऊखीमठ और अगस्त्यमुनि ब्लॉक का जिम्मा. (PHOTO- ETV Bharat)

इसके साथ ही विकासखंडों के लिए नामित अधिकारी, अपने-अपने विकासखंड के एक या दो गांव में रात को भी रुकेंगे. साथ ही स्थानीय लोगों से बातचीत भी करेंगे. प्रदेश के 95 विकासखंडों के लिए 48 अपर सचिव स्तर ने अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है. इन सभी अधिकारियों में से 47 अधिकारियों को दो- दो विकासखंड और एक अधिकारी को एक विकासखंड की जिम्मेदारी दी है.

धरातल पर उतरकर ग्राउंड रियलिटी को समझकर शासन को रिपोर्ट सौंपेंगे अधिकारी. (PHOTO- ETV Bharat)

एक अधिकारी को दो विकासखंड: वहीं, ज्यादा जानकारी देते हुए नियोजन सचिव, आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि प्रदेश के सभी जिलों के लिए किसी न किसी सचिव को प्रभारी सचिव की जिम्मेदारी दी गई है. साथ ही जिलों के प्रभारी मंत्री भी बने हुए हैं. ऐसे में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश दिए थे कि प्रदेश के सभी विकासखंडों में अपर सचिव स्तर के अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाया जाए. जिसको देखते हुए प्रदेश में मौजूद 95 विकासखंडों पर अपर सचिव स्तर के अधिकारियों को बतौर नोडल अधिकारी बनाया गया है.

प्रदेश में विकासखंडों की संख्या अधिक है जबकि अपर सचिव अधिकारियों की संख्या कम है, जिसके चलते एक अधिकारी को दो विकासखंड की जिम्मेदारी दी गई है. साथ ही सभी अधिकारियों से अपेक्षा की गई है कि वो अगले 15 दिन के भीतर अपने-अपने ब्लॉक में जाएं.

पिथौरागढ़ जिले का गंगोलीहाट और मुनस्यारी ब्लॉक की जिम्मेदारी अपर सचिव प्रशांत कुमार आर्य को. (PHOTO- उत्तराखंड शासन)

ग्राउंड लेवल पर स्थिति के अनुसार योजना:नियोजन सचिव ने बताया कि विकासखंडों में अपर सचिव स्तर के अधिकारियों को जिम्मेदारी दिए जाने के पीछे सरकार की मंशा है कि अधिकारी शासन में बैठकर नीति निर्धारण करते हैं. ऐसे में वो ग्राउंड रियलिटी को भी समझ लें. हालांकि, अधिकांश अपर सचिव किसी न किसी जिले में अधिकारी रहे हैं. ऐसे में अधिकारी जितना अधिक पब्लिक से जुड़ेंगे. उनको ग्राउंड की वास्तविक स्थिति की उतनी ही अधिक जानकारी होगी.

शासन में बैठकर निर्णय लेने और वो निर्णय भले ही अच्छी सोच के साथ ली गई हो, लेकिन ये जरूरी नहीं है कि उसका असर धरातल पर सही ही हो. क्योंकि निर्णयों का असर कई बार विपरीत भी हो जाता है.

47 अधिकारियों को दो-दो विकासखंड और एक अधिकारी को एक विकासखंड की जिम्मेदारी (PHOTO- ETV Bharat)

विभाग करता है इंपैक्ट इवोल्यूशन स्टडी: नियोजन सचिव ने बताया कि देश में डेमोक्रेसी है जिसका मतलब है- ऑफ द पीपल, बाई द पीपल, फॉर द पीपल. कुल मिलाकर जनता के लिए ही सरकार होती है और जनता से रायशुमारी करके ही सारी चीजें करनी चाहिए. साल 2023 में हुए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले जो 27 नीतियों में संशोधन किया गया था, उस समय नीतियों में संशोधन के लिए स्टेकहोल्डर्स से चर्चा की गई थी. साथ ही बताया कि नियोजन विभाग इंपैक्ट इवोल्यूशन स्टडी भी करता है. ऐसे में कभी नीतियों तो कभी योजनाओं का इंपैक्ट इवोल्यूशन स्टडी की जाती है. लिहाजा जो योजनाएं अच्छी चलती है उसकी स्टडी के साथ ही, जो योजनाएं अच्छी नहीं चल रही है उसकी भी स्टडी की जाती है.

चमोली जिले का जोशीमठ और दशोली विकासखंड में अपर सचिव आनंद श्रीवास्तव को जिम्मेदारी (PHOTO- ETV Bharat)

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लोकतांत्रिक व्यवस्था में कार्यपालिका का बड़ा महत्व: अपर सचिव स्तर के अधिकारियों को विकासखंडों की जिम्मेदारी दिए जाने के सवाल पर भाजपा सांसद व प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में कार्यपालिका का बहुत बड़ा महत्व है. कार्यपालिका के जो अधिकारी या कर्मचारी हैं उनके प्रति जनता का विश्वास होना भी बहुत जरूरी है. कई बार ऐसे सवाल खड़े होते रहे हैं कि कार्यपालिका के अधिकारी अपने कार्यों के प्रति संवेदनशील नहीं होते हैं. जिस वजह से तमाम काम रुक जाते हैं. इसको देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ये निर्णय लिया है कि अधिकारी विकासखंडों के गांव में रात्रि विश्राम करेंगे और जनता से बातचीत करेंगे. हालांकि, जनप्रतिनिधि लोकतांत्रिक प्रक्रिया का एक माध्यम है लेकिन कार्यों को लागू करना या फिर धरातल पर उतरना कार्यपालिका द्वारा किया जाता है.

देहरादून के विकासनगर और सहसपुर विकासखंड की जिम्मेदारी अपर सचिव सोनिका को दी गई. (PHOTO- ETV Bharat)

बता दें कि, उत्तराखंड में निकाय चुनाव का बिगुल बज चुका है. 23 जनवरी 2025 को प्रदेश के 102 नगर निकायों में मतदान की प्रक्रिया संपन्न होगी. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि अपर सचिव स्तर के अधिकारी निकाय चुनाव के बाद विकासखंडों का निरीक्षण करने के लिए जाएंगे. बहरहाल, राज्य सरकार की ओर से उठाए गए इस कदम से जनता को कितना फायदा मिलेगा यह तो वक्त बताएगा, लेकिन अगर सरकार का यह निर्णय सही ढंग से धरातल पर उतरता है तो आने वाले समय में उत्तराखंड की योजनाएं जनता के अनुरूप बनती दिखाई देंगी, जिसका सीधा फायदा जनता को मिलेगा.

अपर सचिव विजय कुमार जोगदंडे को टिहरी गढ़वाल जिले के चंबा और थौलधार विकासखंड की जिम्मेदारी (PHOTO- ETV Bharat)

प्रदेश के विकासखंडों में इन अधिकारियों को सौंपी गई जिम्मेदारी:-

  1. उत्तरकाशीजिला- 6 विकासखंडों में अपर सचिव स्तर के तीन आईएएस अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है. जिसके तहत, भटवाड़ी और चिन्यालीसौड़ में सी रविशंकर, डूंडा और नौगांव में युगल किशोर पंत, पुरोला और मोरी में रणवीर सिंह चौहान को जिम्मेदारी दी गई है.
  2. चमोली जिला- 9 विकासखंडों में अपर सचिव स्तर के पांच आईएएस अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है. जिसके तहत, जोशीमठ और दशोली में आनंद श्रीवास्तव, घाट और पोखरी में अहमद इकबाल, कर्णप्रयाग और नारायणबगड़ में मनोज गोयल, थराली और देवाल में अभिषेक रहेला के साथ ही गैरसैंण विकासखंड में प्रदीप जोशी को जिम्मेदारी दी गई है.
  3. पौड़ी गढ़वाल जिला- 15 विकासखंडों में अपर सचिव स्तर के 8 आईएएस अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है. जिसके तहत, पौड़ी और कल्जीखाल में रुचि मोहन रयाल, जयहरीखाल और द्वारीखाल में देव कृष्णा तिवारी, एकेश्वर और दुगड्डा में उमेश नारायण पांडे, यमकेश्वर और खिरसू में राजेंद्र कुमार, श्रीकोट और नैनीडांडा में गौरव कुमार, बीरोंखाल और रिखणीखाल में नरेंद्र कुमार जोशी, थलीसैंण और पोखडा में कविंद्र सिंह के साथ ही पाया विकासखंड में प्रदीप जोशी को जिम्मेदारी सौंपी गई है.
  4. टिहरी गढ़वाल जिला- 9 विकासखंडों में अपर सचिव स्तर के 5 आईएएस अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है. जिसके तहत, चंबा और थौलधार में विजय कुमार जोगदंडे, नरेंद्रनगर और प्रतापनगर में स्वाति एस भदौरिया, देवप्रयाग और कीर्तिनगर में विनीत कुमार, भिलंगना और जाखणीखाल में गौरव कुमार के साथ ही जौनपुर विकासखंड में ललित मोहन दयाल को जिम्मेदारी दी गई है.
  5. देहरादून जिला- 6 विकासखंडों में अपर सचिव स्तर के तीन आईएएस अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है. जिसके तहत, चकराता और कालसी में अतर सिंह, विकासनगर और सहसपुर में सोनिका, रायपुर और डोईवाला में आनंद स्वरूप को जिम्मेदारी दी गई है.
  6. हरिद्वार जिला- 6 विकासखंडों में अपर सचिव स्तर के तीन आईएएस अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है. जिसके तहत, बहादराबाद और रुड़की में रंजना, नारसन और भगवानपुर में नितिका खंडेलवाल, लक्सर और खानपुर में अनुराधा पाल को जिम्मेदारी दी गई है.
  7. रुद्रप्रयाग जिला- 3 विकासखंडों में अपर सचिव स्तर के दो आईएएस अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है. जिसके तहत, ऊखीमठ और अगस्त्यमुनि में बंशीधर तिवारी के साथ ही जखोली विकासखंड में मदन मोहन सेमवाल को जिम्मेदारी दी गई है.
  8. पिथौरागढ़ जिला- 8 विकासखंडों में अपर सचिव स्तर के चार आईएएस अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है. जिसके तहत, कनालीछीना और डीडीहाट में धीराज सिंह गर्ब्याल, बेरीनाग और धारचूला में पूजा गर्ब्याल, पिथौरागढ़ और मूनाकोट में सुरेश चंद्र जोशी, गंगोलीहाट और मुनस्यारी में प्रशांत कुमार आर्य को जिम्मेदारी दी गई है.
  9. अल्मोड़ा जिला- 11 विकासखंडों में अपर सचिव स्तर के 6 आईएएस अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है. जिसके तहत, हवालबाग और भैसियाछाना में प्रकाश चंद्र, धौलादेवी और ताकुला में अपूर्व पांडे, भिकियासैंण और ताड़ीखेत में भगवत किशोर मिश्रा, चौखुटिया और द्वाराहाट में जगदीश चंद्र कांडपाल, सल्ट और स्याल्दे में अरुणेंद्र सिंह चौहान के साथ ही लमगड़ा विकासखंड में जितेंद्र कुमार सोनकर को जिम्मेदारी दी गई है.
  10. नैनीताल जिला- 8 विकासखंडों में अपर सचिव स्तर के चार आईएएस अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है. जिसके तहत, भीमताल और कोटाबाग में गंगा प्रसाद, रामगढ़ और धारी में मनमोहन मैनाली, ओखलकांडा और बेतालघाट में प्रदीप सिंह रावत, हल्द्वानी और रामनगर में रीना जोशी को जिम्मेदारी दी गई है.
  11. बागेश्वर जिला- 3 विकासखंडों में अपर सचिव स्तर के दो आईएएस अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है. जिसके तहत, कपकोट और गरुड़ में संजय सिंह टोलिया के साथ ही बागेश्वर विकासखंड में जितेंद्र कुमार सोनकर को जिम्मेदारी दी गई है.
  12. चंपावत जिला- 4 विकासखंडों में अपर सचिव स्तर के दो आईएएस अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है. जिसके तहत, चंपावत और लोहाघाट में लक्ष्मण सिंह, बाराकोट और पाटी में महावीर सिंह चौहान को जिम्मेदारी दी गई है.
  13. उधम सिंह नगर जिला- 7 विकासखंडों में अपर सचिव स्तर के चार आईएएस अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है. जिसके तहत, काशीपुर और जसपुर में रवनीत चीमा, बाजपुर और रुद्रपुर में नमामि बंसल, गदरपुर और सितारगंज में ओमकार सिंह के साथ ही खटीमा में मदन मोहन सेमवाल को जिम्मेदारी दी गई है.

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