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Demat Account का पासवर्ड लेकर कर दिया 40 लाख का नुकसान, कमीशन के नाम पर की 17 लाख की ठगी - FRAUD IN DEMAT ACCOUNT

एडीसीपी ने बताया कि साइबर ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. शेयर ट्रेडिंग में मोटा प्रॉफिट का झांसा दिया जाता है.

साइबर ठग अलग अलग तरीके अपनाते हैं
साइबर ठग अलग अलग तरीके अपनाते हैं (ETV Bharat)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 19, 2025, 10:46 PM IST

नई दिल्ली:कमीशन के नाम पर दिल्ली में फ्रॉड करने की घटना पेश आई. जहां डीमैट अकाउंट का पासवर्ड लेकर 40 लाख का नुकसान उठाना पड़ा. पीड़ित से आरोपियों ने कहा कि 3 महीने में 10 गुना इन्वेस्टमेंट पर रिटर्न दिला देंगे. इन्वेस्टमेंट पर लॉस हुआ तो हमारी जिम्मेदारी होगी. Ai सॉफ्टवेयर इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो को मैनेज करेगा. यह तमाम बातें अक्सर साइबर ठग लोगों को समझाते हैं. जो लोग झांसे में आ जाते हैं. उनसे ठगी को अंजाम दे देते हैं. शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट के नाम पर सबसे ज्यादा ठगी की जा रही है. एक दो बार नहीं बल्कि लंबे वक्त तक लोगों को विश्वास में लेकर लगातार विभिन्न खातों में पैसे ट्रांसफर कर रहे हैं.

ठगों ने कौन सा तरीका अपनाया?शालीमार गार्डन के रहने वाले सुधीर कुमार मलिक के साथ साइबर ठगों ने दो महीने में शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट के नाम पर 17 लाख रुपए से अधिक की ठगी कर ली. पुलिस को दी गई शिकायत में सुधीर कुमार मलिक ने बताया है की चार दिसंबर 2024 को उनके पास एक कॉल आता है. कॉलर रितिका खुद को शेयर ट्रेडिंग कंपनी की ट्रेडिंग एक्सपर्ट बताती है. रितिका फोन पर सुधीर कुमार मलिक को बताती है की डिमैट अकाउंट में ट्रेडिंग करेंगे और अच्छा खासा प्रॉफिट करवा देंगे. प्रॉफिट होने पर कमीशन के तौर पर 30 फीसदी कंपनी को देना होगा.

कमीशन के नाम पर दिल्ली में फ्रॉड करने की घटना पेश आई. (ETV Bharat)

इसी तरह अगले दिन पीड़ित के पास फिर कॉल आता है और ट्रेडिंग के लिए खरीदी करने का टारगेट दिया जाता है जोकि एक मिनट में पूरा हो जाता है. इसके बाद पीड़ित को बताया गया कि छह हजार रुपए का सब्सक्रिप्शन लेना होगा, इसके बाद आगे ट्रेडिंग टिप्स दी जाएगी. छह हजार रुपए जमा करने के लिए कॉलर ने पीड़ित को बैंक खाते की डिटेल भेज दी. पीड़ित ने तुरंत छह हजार रुपए कॉलर की ओर से दिए गए खाते में यूपीआई से ट्रांसफर कर दिए.

ठगों ने अलग अलग तरीके अपनाए:साइबर ठगों ने बहुत ही रणनीतिक तरीके से पीड़ित को विश्वास में लिया. ठगों की ओर से पीड़ित से डिमैट अकाउंट का लॉगिन आईडी और पासवर्ड मांगा गया, लेकिन पीड़ित ने देने से मना कर दिया. ठगों ने अलग-अलग नंबरों से फोन कर कंपनी के अलग-अलग पदों पर होने की बात कही और पीड़ित का कंपनी के सभी दस्तावेज भेजे और विश्वास जीत लिया. पीड़ित ने भेजे गए फर्जी दस्तावेजों पर भरोसा करते हुए डिमैट अकाउंट का लॉगिन आईडी और पासवर्ड दे दिया. 3 हफ्तों में पीड़ित के डिमैट अकाउंट से साढे पांच लख रुपए का नुकसान कर दिया गया. इसी प्रकार लगातार पीड़ित के डिमैट अकाउंट से साइबर ठग पैसे निकालते गए.

पीड़ित ने जब लगातार हो रहे लॉस पर अपनी नाराजगी जाहिर की तो पीड़ित को बताया गया की प्रॉफिट पर जो कमीशन होगा उसमें लास को एडजस्ट कर दिया जाएगा. एक हफ्ते के बाद पीड़ित के खाते में एक करोड रुपए से अधिक का मुनाफा दर्शाया गया. इसके बाद कंपनी ने पीड़ित को कॉल कर कहा की पुराने नुकसान को एडजस्ट करने के बाद 16 लाख रुपए का कमीशन देना है. बताए गए खाते में पीड़ित ने पैसे ट्रांसफर कर दिए. पीड़ित को कॉल कर बताया गया कि आपके पैसे प्राप्त हो गए हैं, 48 घंटे में आपके खाते में एक करोड़ 71 हजार रुपए मुनाफे के क्रेडिट हो जाएंगे.

साइबर फ्रॉड करने वाले इसी तरह पैसे देने में टालमटोल करने लगे. अंत में ठगों ने पीड़ित को सूचित किया कि पैसा मिलना संभव नहीं है, अगर आप चाहें तो हमारे खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी कर सकते हैं. इसके बाद पीड़ित को एहसास हुआ कि उसके साथ ठगी की गई है. पीड़ित सुधीर कुमार मलिक के मुताबिक फर्जी दस्तावेज बनाकर 17.36 लाख रुपए की ठगी की गई. और डिमैट अकाउंट का लॉगिन आईडी पासवर्ड लेकर 40.49 लाख का लॉस किया गया.


"शेयर ट्रेडिंग के नाम पर साइबर ठगी के मामले बहुत तेजी के साथ बढ़ रहे हैं. महिला कॉलर ने पीड़ित को फोन कर कहा कि शेयर ट्रेडिंग करने पर हम मोटा प्रॉफिट करवाएंगे और प्रॉफिट पर 30 लेंगे कमीशन लेंगे. पीड़ित ठगों के जाल में फंस जाते हैं और अपना डीमैट अकाउंट का लॉगिन आईडी पासवर्ड दे देते हैं. फर्जी ट्रेडिंग एप भी पीड़ित को डाउनलोड कराया जाता है जिसका कंट्रोल साइबर ठगों के पास होता है. जिसमें मोटर प्रॉफिट दिखाया जाता है इस तरह 17 लाख रुपए की पीड़ित से साइबर ठगी की गई है. इस संबंध में मुकदमा दर्ज किया गया है. ठगी की रकम को होल्ड करने के लिए संबंधित बैंकों को मेल भेजा गया है." -एडीसीपी क्राइम सच्चिदानंद

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