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यूपी के 34 औद्योगिक क्षेत्रों की दुश्वारियां होंगी दूर, UPSIDA खर्च करेगा 125 करोड़ रुपये, होंगे ये कार्य - UP 34 industrial areas Development

साल 1970-80 के समय से बसे औद्योगिक क्षेत्रों की सूरत बदलने की तैयारी है. यहां ड्रेनेज, सड़क, सीवरेज, वाटर मैनेजमेंट आदि की सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए काम किया जाएगा. यूपीसीडा की ओर से इसके लिए सप्लीमेंट बजट जारी किया जाएगा.

औद्योगिक क्षेत्रों में कई तरह के विकास कार्य कराए जाएंगे.
औद्योगिक क्षेत्रों में कई तरह के विकास कार्य कराए जाएंगे. (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 12, 2024, 8:01 AM IST

यूपीसीडा के सीईओ ने विस्तार से दी जानकारी. (Video Credit; ETV Bharat)

कानपुर :उद्यमिता में सुगमता लाने के लिए व लॉजिस्टिक कॉस्ट को कम करने के लिए अब उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) की ओर से सूबे के 34 औद्योगिक क्षेत्रों के लिए 125 करोड़ रुपये का सप्लीमेंट दिया जाएगा. खास बात यह है, कि पहली बार यूपीसीडा की ओर से 1970-80 के दौर में बसे औद्योगिक क्षेत्रों को चुना गया है. यहां ड्रेनेज, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, सड़क सुधार, साफ-सफाई, जल प्रबंधन और सीवरेज सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए काम किया जाएगा. प्राधिकरण के अफसरों ने इसका पूरा खाका तैयार कर लिया है. अटल इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के तहत यह सारी कवायद होगी. उन औद्योगिक क्षेत्रों में अपग्रेडेशन का काम प्राथमिकता पर होगा, जहां की स्थितियां विकट हैं.

रात दिन काम करेंगे, अलग रूप में दिखेग इंफ्रास्ट्रक्चर: यूपीसीडा के सीईओ मयूर माहेश्वरी ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में बताया कि हम अटल इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के तहत 34 औद्योगिक क्षेत्रों में एनुअल मेंटीनेंस का काम देखेंगे. औद्योगिक क्षेत्रों की सभी दुश्वारियों को दूर करना हमारी प्राथमिकता है. कई औद्योगिक क्षेत्र ऐसे हैं, जिन्हें नगर निगम को हस्तांतरित किया जा चुका है. वहां मेंटीनेंस चार्ज भी वसूला जाता है. हालांकि, स्थितियां बेहतर नहीं हैं. इसलिए वहां भी प्राधिकरण के अफसर अपने हिसाब से काम कराएंगे.

55 जिलों के 150 से अधिक औद्योगिक क्षेत्रों का संचालन यूपीसीडा से :यूपीसीडा के सीईओ मयूर माहेश्वरी ने बताया, कि यूपीसीडा से सूबे के 55 जिलों के 150 से अधिक औद्योगिक क्षेत्रों का संचालन होता है. हमारा उद्देश्य है कि सूबे के सभी औद्योगिक क्षेत्रों की बदहाली दूर हो. जिससे विदेशों से उद्यमी यहां आकर निवेश करें और कानपुर के साथ-साथ उप्र का भी आर्थिक विकास हो. यहां के औद्योगिक क्षेत्र अन्य राज्यों के लिए नजीर बन सके.

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