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चार रिश्तेदारों ने रची लूट की साजिश, तीन गिरफ्तार - Loot Case Exposed

मंडोर थाना पुलिस ने 31 लाख रुपए लूट के मामले का खुलासा किया है. तीन आरोपी गिरफ्तार हुए हैं.

Police Station Mandore Jodhpur
पुलिस थाना मंडोर (ETV Bharat Jodhpur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 4, 2024, 10:55 PM IST

जोधपुरः मंडोर थाना क्षेत्र स्थित नौ मील के पास एक व्यापारी पर लोहे के पाइप से हमला करके 31 लाख रुपए लूटने के मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, इनमें दो महिलाएं भी हैं. वहीं, एक आरोपी की तलाश में टीमें जगह-जगह दबिश दे रही है. सभी आरोपी आपस में रिश्तेदार हैं.

थानाधिकारी रमेश खिडिया ने बताया कि नागौरी गेट स्थित दामोदर कॉलोनी राम मोहल्ला निवासी मनीष डागा (42) ने मंडोर थाने में रिपोर्ट दी थी. रिपोर्ट में बताया कि 2 अक्टूबर की रात को उसके किसी परिचित बुद्धाराम देवासी जो पेशे से ट्रक चालक है, उसका फोन आया था. उस दौरान वह स्कूटी पर घर के लिए 31 लाख रुपए लेकर निकला था. रात में वह मंडोर नौ मील स्थित जेसीबी फैक्ट्री के नजदीक पहुंचा, जहां पर स्कूटी खड़ी करके रुपए से भरे थैले को स्कूटी की डिग्गी में रख दिया. इस दौरान वह बुद्धाराम का इंतजार कर रहा था. तभी एक बाइक पर सवार होकर आए युवक ने सिर पर लोहे के पाइप से हमला कर दिया और 31 लाख रुपए से भरा थैला लेकर फरार हो गया.

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ड्राइवर ने इंतजार करवाया, लूट के बाद अस्पताल ले गयाः पुलिस ने इस मामले में पाली के शिवपुरा स्थित भाणिया निवासी बुधाराम पुत्र सोनाराम देवासी, उसकी पत्नी गीता देवासी और पाली के शिवपुरा स्थित हापत निवासी ललिता पत्नी अर्जुन देवासी को गिरफ्तार किया है. लूट का मुख्य आरोपी अर्जुन है, जो फरार है. थानाधिकारी ने बताया कि मनीष नौ मील के पास रात को बुद्धाराम का इंतजार कर रहा था, लेकिन आरोपी ने जान बुझकर उसे इंतजार करने के लिए खड़ा रखा.

पुलिस ने बताया कि अर्जुन जब मनीष को घायल करके रुपए से भरा बैग ले गया, उसके बाद मनीष के चिल्लाने पर ट्रक चालक बुद्धाराम परिचित के साथ आया. इस पर मनीष को नयापुरा स्थित सैटेलाइट अस्पताल ले गए. मनीष ने पुलिस को बताया कि वह बाइक सवार को जानता है, लेकिन रात होने के कारण वह बाइक के नंबर नहीं देख पाया. इसके बाद पुलिस सक्रिय हो गई. पुलिस जब बुद्धाराम से पूछताछ की तो सच सामने आ गया.

चारों रिश्तेदारों ने मिलकर बनाई प्लानिंगः डीसीपी (पूर्व) आलोक श्रीवास्तव के निर्देश पर एडीसीपी (पूर्व) वीरेंद्र सिंह राठौड़ और एसीपी (मंडोर) पीयूष कविया के सुपरविजन में टीम गठित की गई. टीम ने तीन आरोपियों को पकड़ा. इसमें बुधाराम उसकी पत्नी और लूट करके भागे अर्जुन की पत्नी को पकड़ा है. पूछताछ में सामने आया कि आरोपी अर्जुन और ट्रक चालक बुद्धाराम आपस में मौसा-भांजे हैं. दोनों ने पत्नियों के साथ मिलकर लूट की प्लानिंग पहले ही रच ली थी. इसके बाद आरोपी ट्रक चालक ने युवक को मिलने के लिए 9 मील बुलाया था, जहां पर ट्रक चालक ने युवक को इंतजार करवाया. इतने में मुख्य आरोपी अर्जुन पीछे से लोहे का सरिया लेकर आया और सिर पर हमला करके रुपए लूटकर फरार हो गया.

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