नई दिल्ली:दिल्ली में हर साल की तरह इस बार भी दिल्ली सरकार की तरफ से प्रदूषण की रोकथाम के लिए विंटर एक्शन प्लान-2024 तैयार किया गया. जन भागीदारी के साथ प्रदूषण की रोकथाम के लिए इस एक्शन प्लान को 'मिलकर चलें प्रदूषण से लड़ें' नारा दिया गया. दिल्ली सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद भी दिल्ली गैस का चैंबर बनी रही. लोगों की सांसों पर संकट छाया रहा. तेज हवा चलने या बारिश होने पर ही लोगों को प्रदूषण से राहत मिली. साल 2024 में प्रदूषण के लिहाज से राजधानी दिल्ली कैसी रही. ज्यादा जानकारी के लिए पढ़िए ईटीवी भारत की ये खास रिपोर्ट...
वायु प्रदूषण के लिहाज से मुश्किलों भरा रहा साल 2024:साल 2024 दिल्ली के निवासियों के लिए वायु प्रदूषण के लिहाज से मुश्किलों भरा रहा. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार 1 जनवरी 2024 से दिसंबर तक दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) अधिकांश समय खराब से बेहद खराब श्रेणी में रहा. साल 2024 की शुरुआत अपेक्षाकृत बेहतर रही. जबकि जनवरी और फरवरी के कुछ दिनों में एक्यूआई मध्यम श्रेणी में दर्ज किया गया. हालांकि, गर्मियों में धूल और निर्माण कार्यों की वजह से स्थिति बिगड़ने लगी. मानसून के दौरान बारिश के कारण हवा की गुणवत्ता में हल्का सुधार देखा गया, लेकिन यह बहुत ज्यादा दिन तक नहीं रहा.
नवंबर और दिसंबर में प्रदूषण स्तर में रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी हुई दर्ज :सर्दियों के आते ही नवंबर और दिसंबर में प्रदूषण स्तर में भारी वृद्धि हुई. फसल अवशेष (पराली) जलाने, वाहनों के उत्सर्जन और स्थिर वायुमंडलीय परिस्थितियों के कारण एक्यूआई खतरनाक स्तर तक पहुंच गया. नवंबर में कई दिनों तक एक्यूआई 500 से अधिक रहा, जिससे दिल्ली गैस चैंबर जैसी स्थिति का सामना कर रही थी. आनंद विहार जैसे इलाकों में हालात सबसे गंभीर थे, जहां एक्यूआई 800 तक पहुंच गया.