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यूपी में 20 लाख लोगों को नौकरी देने की तैयारी; गंगा एक्सप्रेसवे के किनारे 11 जिलों में लगंगे 2000 उद्योग - Ganga Expressway - GANGA EXPRESSWAY

उत्तर प्रदेश में निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेवे विकास के नए द्वार भी खोलेगा. जिसके लिए शासन-प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है. जिसकी वजह से लगभग 20 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है.

गंगा एक्सप्रेसवे के किनारे लगेंगे उद्योग.
गंगा एक्सप्रेसवे के किनारे लगेंगे उद्योग. (Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 10, 2024, 5:15 PM IST

Updated : Sep 11, 2024, 6:15 AM IST

लखनऊ:प्रयागराज से मेरठ के बीच निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेसवे 11 जिलों से होकर गुजरेगा. इन 11 जिलों में गंगा एक्सप्रेसवे के किनारे करीब 2000 औद्योगिक इकाइयों को स्थापित किए जाने की तैयारी की जा रही है. यूपीडा यहां बड़े भूखंड आवंटित करेगी. अगले 10 साल में 20 लाख लोगों को नौकरी देने के लिए इस एक्सप्रेसवे को आधार बनाया जा रहा है.

जल्द शुरू होगा जमीन आवंटनःउत्तर प्रदेश में गंगा एक्सप्रेसवे ही नहीं पांच एक्सप्रेसवे के किनारे ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन, सेमीकंडक्टर, भारी इलेक्ट्रिकल व पावर उपकरण से लेकर फिल्म निर्माण उद्योग तक लगाने का रास्ता जल्द खुलने वाला है. यूपी सरकार देश-विदेश के निवेशकों को यहां जल्द जमीन आवंटित करने का काम शुरू करेगी. इसके लिए जमीन आवंटन नीति तैयार की है. सम्भवतः बुधवार कैबिनेट से पास कराया जाएगा. इस तरह एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल मैन्यूफैक्चरिंग व लाजिस्टिक कलस्टर व यूपी डिफेंस कारिडोर के लिए भूमि आवंटन को अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी की अध्यक्षता में जमीन आवंटन समिति बनेगी, जो जमीन के आवंटन समिति नीति बनाएगी.

गंगा एक्सप्रेस वे के किनारे बनेंगे क्लस्टरःरेट तय करने से लेकर उसे बेचने तक काम करेगी. जमीन आवंटन में उन उद्योगों को प्राथमिकता मिलेगी जो सनराइज सेक्टर या फोकस सेक्टर के दायरे में आते हैं. सनराइज सेक्टर में ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन, सेमीकंडक्टर, पावर उपकरण व सर्कुलर इकनॉमी से जुड़ी परियोजनाएं शामिल हैं. उत्तर प्रदेश में गंगा एक्सप्रेस वे, बुलंदशहर एक्सप्रेस वे, आगरा- लखनऊ एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के किनारे इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाए जाने हैं. यह 29 जिलों में विकसित होने हैं. करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश करने, चार सौ ज्यादा लोगों को सीधा रोजगार देने वालों को जमीन आवंटन में सबसे ज्यादा वरीयता दी जाएगी.

खाका हो रहा तैयारःकंपनी को 4000 वर्गमीटर तक जमीन का कब्जा मिलने के तीन साल के भीतर, 4000 वर्गमीटर से 20 हजार वर्गमीटर तक जमीन आवंटित होने पर निर्माण का वक्त चार साल का दिया जाएगा. 20 हजार वर्गमीटर से ज्यादा जमीन पर परियोजना पांच साल में लगानी होगी. उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल नंदी ने बताया कि उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास के लिए एक्सप्रेस वे सबसे महत्वपूर्ण स्थान बनेंगे. जिसके जरिए निवेश और रोजगार के अवसर सरकार अगले कुछ साल में देगी. जिसको लेकर हम पूरा खाता तैयार कर रहे हैं.

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Last Updated : Sep 11, 2024, 6:15 AM IST

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