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'बाहुबली' कांवड़िया गंगाजल के साथ भोलेनाथ को कंधों पर उठा लाया, हरिद्वार से पहुंचा रामनगर - MAHASHIVRATRI 2025

रामनगर में भक्ति का दिखा अलग अंदाज, भगवान भोलेनाथ की मूर्ति को कंधों पर उठाकर हरिद्वार से रामनगर पहुंचा आशीष

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आदियोगी की भक्ति में डूबा 20 वर्षीय आशीष (photo- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 26, 2025, 3:46 PM IST

रामनगर: आज पूरे देश में महाशिवरात्रि का पर्व बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. इसी क्रम में 20 वर्षीय आशीष भगवान भोलेनाथ की अलग ही अंदाज में भक्ति कर रहे हैं. आशीष ने 15 किलो की फाइबर से बनी भोलेनाथ की प्रतिमा को अपने कंधों पर उठाकर हरिद्वार से रामनगर तक का सफर तय किया. ये नजारा पूरे क्षेत्र में आकर्षण का केंद्र बन गया है.

भोलेनाथ की प्रतिमा को अपने कंधों पर आशीष ने उठाया:कांवड़िया आशीष ने बताया कि मैं कई वर्षों से कांवड़ यात्रा कर रहा हूं, लेकिन इस बार मेरे मन में विशेष आस्था थी. जिससे मैंने ठान लिया कि मैं भगवान शिव को ही अपने कंधों पर उठाकर यात्रा करूंगा. मैंने यह फाइबर की मूर्ति काशीपुर से बनवाई थी और इसे लेकर हरिद्वार से रामनगर तक पैदल सफर किया. उन्होंने कहा कि मैंने भगवान शिव से देश की सुख-शांति की कामना की है.

'बाहुबली' कांवड़िया गंगाजल के साथ भोलेनाथ को कंधों पर उठा लाया (VIDEO-ETV Bharat)

स्थानीय लोगों ने की सराहना:स्थानीय लोगों ने बताया कि ऐसी आस्था बहुत कम देखने को मिलती है. आशीष ने जो किया है, वह शिव भक्ति की सच्ची मिसाल है. उसकी श्रद्धा देखकर मन गर्व से भर जाता है.

स्थानीय लोगों ने आशीष का भव्य स्वागत किया:कांवड़ यात्रा हर साल हजारों शिवभक्तों के जोश, जुनून और भक्ति की साक्षी बनती है. लेकिन आशीष की यह अनूठी श्रद्धा उन्हें दूसरों से अलग बनाती है. पूरे सफर के दौरान लोग उनकी भक्ति से प्रभावित होकर उन्हें बधाई देते नजर आए. वहीं, रामनगर पहुंचने पर स्थानीय लोगों ने आशीष का भव्य स्वागत किया और उसकी इस अनूठी भक्ति की सराहना की. मंदिर में शिव प्रतिमा की स्थापना के बाद आशीष ने पूरे विधि-विधान से जलाभिषेक किया. यह पूरी यात्रा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आस्था, श्रद्धा और संकल्प की जीवंत मिसाल है.

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