लखनऊःदेश 18वीं लोकसभा चुनाव के लिए तैयार है. पूरे देश में राजनीतिक दलों ने सियासी जोर आजमाइश शुरू कर दी है. इसके साथ जीत हार के गुणा-गणित लगाने में जुट गए हैं. जहां एक फिर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा फिर से सत्ता पर काबिज होना चाह रही है. वहीं, विपक्षी दल भी पूरी ताकत से भाजपा के विजयी रथ को रोकने की कोशिश में लगे हुए हैं. लेकिन यह सब वोटरों पर निर्भर करता है कि जीत का सेहरा किसके सिर सजेगा. इस बार मतदाताओं की संख्या बढ़ी है. सिर्फ उत्तर प्रदेश में करीब 26 लाख नए वोटर जुड़े हैं. प्रदेश में 20 लाख से अधिक युवा पहली बार अपने मतधिकार का प्रयोग कर उम्मीदवारों के किस्मत का फैसला करेंगे. पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग करने वाले युवा कई लोकसभा सीटों पर उलटफेर करने में सक्षम हैं. ऐसे में सभी राजनीतिक दल इनको अपने पाले में लाने की कोशिश में लगे रहते हैं. यहां तक कि राजनीतिक दल चुनावी घोषणा पत्र में युवाओं का विशेष रूप से ध्यान रखते हैं.
पीएम से लेकर राहुल गांधी तक समझते हैं युवा वोटरों की ताकत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी युवा वोटरों की अहमियत समझते हैं, इसलिए तो इन्हें साधने के लिए अभियान चलाया है. केंद्र सरकार की ओर से 'मेरा पहला वोट देश के लिए' अभियान को आकर्षित करने में लगी है. पीएम मोदी का मानना है कि युवा डिजिटल क्रांति लाने में अहम भूमिका निभाते हैं, इसलिए इनके वोट की शक्ति से लक्ष्य हासिल करना आसान है. वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी अपनी 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के दौरान युवाओं पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. यूपी में यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने युवाओं के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया, इसके साथ ही जनता के सामने संवाद करते हुए मोदी सरकार को घेरा.
सोशल मीडिया से करते हैं खेल
उल्लेखनीय है कि युवा अपनी हर गतिविधि सोशल मीडिया पर साझा करते हैं. इसके साथ ही वह अपनी राय भी बनाते हैं, जो कहीं न कहीं अन्य लोगों को प्रभावित करते हैं. युवा राजनीति में काफी रुचि रखते हैं और बारीकी से नेताओं की गतिविधियों पर नजर रखते हैं और अपनी राय भी देते हैं. युवाओं की एक्टिविट कहीं न कहीं समाज पर असर छोड़ती है. इसलिए यह जिस तरफ जाएंगे, वहां जरूर उलटफेर होने की संभावना है.