किसने क्या कहा, सुनिए... (ETV Bharat Jaisalmer) जोधपुर/जैसलमेर.आज ही के दिन 50 साल पहले पोकरण में 'बुद्ध मुस्कुराए' और भारत परमाणु शक्ति संपन्न देश बन गया. उस समय पूरे परीक्षण ऑपरेशन को स्माइलिंग बुद्धा नाम दिया गया था, क्योंकि 18 मई 1974 को देश में बुद्ध पूर्णिमा मनाई जा रही थी. तत्कालीन समय की रिपोर्टों के अनुसार इस ऑपरेशन की कवायद 7 सितंबर 1972 से शुरू हुई थी. उस समय सरकार ने देश के साइंटिस्टों को स्वदेशी परमाणु उपकरण की डिजाइन के साथ टेस्ट करने की अनुमति दी थी. इस सफल परीक्षण की सूचना प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को तब अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी) के निदेशक राजा रमन्ना ने फोन कर देते हुए कहा था कि बुद्ध मुस्कुराए. इसके बाद इंदिरा गांधी ने उस जगह का दौरा किया था.
कांग्रेस ने बताया महान उपलब्धि : देश में अभी लोकसभा चुनाव चल रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस ने शनिवार को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व में हुए इस परीक्षण की उपलब्धि को सोशल मीडिया हैंडल्स पर जारी किया है, जिसमें लिखा है कि भारत ने तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी जी के कुशल नेतृत्व में पोकरण में अपना पहला परमाणु परीक्षण किया था. इस उपलब्धि ने भारत को परमाणु शक्ति बनने वाला दुनिया का छठा देश बनाया और भारत को परमाणु युग में प्रवेश कराया.
इंदिरा गांधी ने किया परीक्षण स्थान का दौरा... (ETV Bharat Jaisalmer) पढ़ें :पोकरण से परमाणु शक्ति संपन्न भारत का सफर, खेतोलाई को आज भी तारीख पर गर्व - 1998 Pokhran Nuclear Test
अमेरिका सहित महाशक्तियों को दिया था झटका : 1974 में भारत चीन और पाकिस्तान के साथ हुए युद्धों से उबर रहा था. अमेरिका तब भारत के इतना नजदीक नहीं था. हालांकि, भारत ने परीक्षण के बाद घोषणा की थी कि वह परमाणु हथियार नहीं बनाएगा, लेकिन इसके बावजूद दुनिया के देशों ने भारत पर आर्थिक सहित अन्य प्रतिबंध लगा दिए थे. 1978 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जिम कार्टर ने भारत के साथ परमाणु सहायता निर्यात बंद कर दिया था.
50 साल पहले पोकरण में बुद्ध मुस्कुराए... (ETV Bharat Jaisalmer) 11 मई 1998 को फिर बुद्ध मुस्कुराए : 1998 में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजेपयी ने वैज्ञानिकों को परमाणु परीक्षण के लिए अनुमति दी थी. देश के महान वैज्ञानिक और पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम के हाथ में इसकी बागडोर सौंपी गई थी. भारत पर अमेरिका की कड़ी नजर थी. उसके सेटेलाइट भारत के पहले परमाणु परीक्षण की साइट के साथ-साथ पूरी रेंज पर नजर रखते थे, लेकिन भारत के वैज्ञानिकों ने भी पूरी तैयारी के साथ पांच परीक्षण किए.
इनमें 11 मई 1998 को तीन और दो 13 मई 1998 को परीक्षण किए गए. इसके बाद प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी खेतोलाई गांव के निकट परीक्षण स्थल पर गए थे. इसके बाद भी अमेरिका सहित कई देशों ने भारत पर प्रतिबंध लगा दिए था.