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नूंह में दो सहायक शिक्षकों के भरोसे 190 छात्र, विधायक आफताब अहमद ने किया सरकार पर हमला - TEACHERS SHORTAGE IN NUH

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Aug 12, 2024, 4:06 PM IST

Updated : Aug 12, 2024, 4:31 PM IST

Teachers Shortage in Nuh: हरियाणा के कई सरकारी स्कूलों में अध्यापकों की कमी आज तक सरकार पूरी नहीं कर पाई है. खासपर प्रदेश के सबसे पिछड़े जिले नूंह में हालात ज्यादा खराब हैं. यहां पर सैकड़ों छात्रों का भविष्य एक या दो टीचर के भरोसे हैं. ऐसे ही हालात मोहम्मदपुर के राजकीय प्राथमिक पाठशाला के हैं.

Teachers Shortage in Nuh
राजकीय पाठशाला में स्कूल के बाहर धरना देते बच्चे. (Photo- ETV Bharat)

नूंह में दो सहायक शिक्षकों के भरोसे 190 छात्र (वीडियो- ईटीवी भारत)

नूंह: हरियाणा के नूंह जिले में कई स्कूलों में शिक्षकों का टोटा है. कहीं अतिथि अध्यापक तो कहीं पर सहायक अध्यापकों के भरोसे सैकड़ों छात्रों की पढ़ाई चल रही है. ऐसी ही हालत मोहम्मदपुर नूंह के राजकीय प्राथमिक पाठशाला की है. यहां करीब 190 छात्र-छात्राएं हैं, लेकिन शिक्षक के नाम पर केवल दो सहायक अध्यापक हैं. उन्हीं के भरोसे करीब 200 छात्रों का भविष्य है.

कांग्रेस विधायक दल (CLP) के उपनेता और नूंह विधायक आफताब अहमद ने मोहम्मदपुर गांव का दौरा किया. उन्होंने कहा कि राजकीय प्राथमिक पाठशाला मोहम्मदपुर नूंह में 190 छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. इस स्कूल में चार पद अध्यापक के स्वीकृत हैं. चार शिक्षक पदों पर दो सहायक शिक्षक काफी समय से कार्यरत हैं. एक अतिथि अध्यापक जनवरी 2024 में यहां से सेवानिवृत हो चुका है. उसके बाद से यहां कोई नियमित अध्यापक नहीं लगाया गया है. एनजीओ के माध्यम से लगाए गए शिक्षकों के माध्यम से शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई है. इतने बच्चों का भविष्य केवल दो सहायक अध्यापकों के भरोसे है.

मोहम्मदपुर का राजकीय प्राथमिक पाठशाला. (Photo- ETV Bharat)

आफताब अहमद ने कहा कि ये कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले रनियाला गांव के 12वीं के स्कूल में एक भी शिक्षक नहीं था. ऐसे बहुत से स्कूल हैं, जिनमें नियमित शिक्षक नहीं है. यह इस बात को दर्शाता है कि भाजपा सरकार की क्या मानसिकता है शिक्षा व्यवस्था को लेकर. कांग्रेस नेता आफताब अहमद ने कहा कि लाखों पद शिक्षकों के हरियाणा में खाली हैं. मेवात में 50 फीसदी स्कूलों में अध्यापकों के पद रिक्त पड़े हुए हैं. इससे पहले कांग्रेस सरकार के समय में अलग से मेवात काडर बनाया गया था, लेकिन उसको भी धूमिल करने का काम इस सरकार ने किया है. उस काडर के अधीन आने वाले अध्यापकों का भी यहां से तबादला कर दिया गया.

सीएलपी उपनेता ने कहा कि वर्ष 2022 में सरकारी स्कूल कोटला में ग्रामीणों ने ताला जड़ा था. शिक्षक नहीं थे, यहां शिक्षा के नाम पर धोखा हो रहा है और यह सरकार जानबूझकर शिक्षा प्रदान नहीं कर रही. यहां शिक्षा अधिकारी अगर आते हैं तो वो भ्रष्टाचार करके जेल में जाते हैं. वह यहां शिक्षा देने के बजाय पैसा कमाने के लिए आते हैं. ये सब सरकार की देखरेख में हो रहा है. इसलिए हम कह रहे हैं कि यहां के बच्चों के साथ यह सरकार खिलवाड़ कर रही है. बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं देने की बजाय यहां जो शिक्षा की व्यवस्था है, उसको भी खत्म करने पर सरकार तुली हुई है.

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Last Updated : Aug 12, 2024, 4:31 PM IST

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