मिट्टी के बर्तन बनाकर समीर बना 12वीं टॉपर, परिवार गरीब लेकिन इरादे पहाड़ से भी ऊंचे - CGBSE Exam Result 2024 Topper
12th Topper Sameer Chakradhari Fourth Rank छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल के परीक्षा परिणाम घोषित हो गए हैं. धमतरी के समीर चक्रधारी ने 12 वीं की परीक्षा में चौथा रैंक हासिल किया है. आपको बता दें कि समीर के पिता एक कुम्हार हैं.जो मिट्टी के बर्तन बनाकर अपना जीवन यापन करते हैं.
मिट्टी के बर्तन बनाकर समीर बना 12वीं टॉपर (ETV Bharat Chhattisgarh)
मिट्टी के बर्तन बनाकर समीर बना 12वीं टॉपर (ETV Bharat Chhattisgarh)
धमतरी:मिट्टी की मूर्ति बनाने वाले कुम्हार के बेटे ने 12वीं की परीक्षा टॉप कर धमतरी समेत प्रदेश का नाम रौशन किया है.इस होनहार छात्र का नाम समीर चक्रधारी है. जिनके पिता मिट्टी के बर्तन बनाकर अपने परिवार का पेट पालते हैं. समीर ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता को दिया है.साथ ही आगे चलकर बड़ा अफसर बनने का सपना मन में संजोया है.
कहां रहता है समीर ? :धमतरी से 50 किलोमीटर दूर मगरलोड क्षेत्र के भोथीडीह गांव में समीर का परिवार रहता है.समीर बेहद ही गरीब किसान परिवार से ताल्लुक रखता है. समीर के पिता के पास 2 एकड़ खेत है.इसके अलावा परिवार के लोग मूर्ति बनाकर अपना जीवन चलाते हैं. समीर खुद भी मूर्तिकार है.समीर गणित का विद्यार्थी रहा है.घर पर माता पिता के अलावा छोटी बहन है.
प्रदेश में लाया चौथा स्थान :धमतरी जिले के समीर चक्रधारी ने 12वीं की परीक्षा में प्रदेश में चौथा स्थान हासिल किया है. मगरलोड ब्लॉक के भोथीडीह गांव में रहने वाले समीर ने गणित विषय लेकर 96.60 प्रतिशत अंक लाए हैं. टॉप 10 में चौथा रैंक आने की खबर लगते ही समीर के घर पर पड़ोसी, रिश्तेदार, शिक्षक और मीडिया वालों का हुजूम उमड़ पड़ा.
मूर्ति बनाकर की पढ़ाई :ईटीवी भारत ने समीर से बातचीत की. इस दौरान समीर ने बताया कि वह पढ़ाई के साथ-साथ पिता के काम में मदद करता था. मूर्ति बनाकर 12वीं में टॉप किया है. दसवीं में वह एक अंक से टॉप 10 में आने से समीर चूक गया था. लेकिन इस बार 12वीं में पूरी लगन के साथ पढ़ाई पर ध्यान देते हुए 6 से 7 घंटे पढ़ाई की और सफल हुआ.
'मैं अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता और शिक्षकों को देना चाहूंगा.मैंने पिछली बार भी मेहनत की थी.लेकिन कुछ नंबरों से चूक गया था.लेकिन इस बार रैंक आने पर काफी खुश हूं'-समीर चक्रधारी, 12वीं टॉपर
समीर को सरकार से है उम्मीद :समीर शुरू से ही शिक्षा के लिए लगनशील रहा है. 10 बोर्ड की टॉपर लिस्ट में आने से कुछ ही अंकों से चूक गया था. लेकिन 12वी में आखिर मेहनत रंग लाई. समीर ने बताया कि वो रोजाना 6 घंटे पढ़ाई करता था. इसके अलावा पिता के साथ मजदूरी या मूर्ति बनाने का काम भी करता था. समीर ने कभी कोई कोचिंग या ट्यूशन नही लिया, समीर भविष्य में सिविल सर्विस में जाना चाहता है.समीर की सफलता से पूरा परिवार गदगद है. लेकिन बेटे की आगे की पढ़ाई के लिए शासन प्रशासन से मदद की उम्मीद भी रखता है.