नई दिल्ली:पूरे देश को शर्मसार कर देने वाले निर्भया केस के 12 साल पूरे हो गए हैं. 16 दिसंबर 2012 की रात को 6 लोगों ने निर्भया (काल्पनिक नाम) का चलती बस में गैंगरेप किया था. अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी. काफी लंबी लड़ाई के बाद निर्भया को न्याय मिला और चार दोषियों को करीब 8 साल बाद फांसी दे दी गई थी. 12 साल बीत जाने के बाद निर्भया की मां ने कहा कि आज पूरे 12 साल हो गए लेकिन आज भी बेटियों की सुरक्षा के लिए हमें संघर्ष करना पड़ रहा है.
वसंत विहार इलाके में है वही बस स्टैंड
दिल्ली के वसंत विहार इलाके में स्थित बस स्टैंड वही है जहां से 12 साल पहले यानी 16 दिसंबर 2012 की रात को निर्भया ने इस बस स्टैंड से उसी बस में अपने दोस्त के साथ सवार हुई थी, निर्भया को क्या मालूम था कि यह उसकी अंतिम यात्रा होने वाली है.
बस स्टैंड पर मौजूदा समय में बैठी कुछ महिलाओं से जब ईटीवी भारत की टीम ने बातचीत की तो कई महिलाओं का कहना था कि आज भी 12 साल बीत जाने के बाद भी महिलाओं के लिए कोई सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए गए आज भी शाम के समय दिल्ली की सड़कों पर बाहर निकलने में वह खुद को असुरक्षित महसूस करती हैं.
''मुझे नहीं लगता आज के समय में महिला कुछ ज्यादा सुरक्षित हैं. रात के समय में बाहर निकलने में अभी भी डर लगता है. अभी भी माहौल अच्छा नहीं है. इसलिए मैं तो यही कहूंगी कि लड़कियां सेफ नहीं हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को इस पर सख्त कदम उठाने चाहिए. सब की बेटियां सेफ होनी चाहिए. आजकल आपको मालूम है कई सारे केस सुनने को मिलते हैं. रात के समय में लड़कियां जल्दी घर से बाहर नहीं निकल सकती. बहुत डर लगता है. मेरी भी बेटियां हैं. हम अपने बच्चों को घर से बाहर अकेले नहीं निकलने देते. इस माहौल से हमें बहुत डर लगता है''.
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