देहरादून: उत्तराखंड सरकार राज्य को आयुष प्रदेश बनाना चाहती है और इसके लिए तमाम पहल करने के दावे हो रहे हैं. लेकिन मौजूदा स्थिति यह है कि प्रदेश में मौजूद आयुष कॉलेज ही मानकों पर खरे नहीं उतर रहे हैं. दरअसल, नेशनल कमीशन फॉर इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन की ओर से हाल ही में आयुष कॉलेजों की रेटिंग जारी की गई है. एनसीआईएसएम के मेडिकल एसेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड की ओर से जारी की गई रेटिंग में उत्तराखंड के कुल 20 आयुष कॉलेजों में से मात्र 8 आयुष कॉलेज ही मानकों पर खरे उतरे हैं. प्रदेश में मौजूद 12 निजी कॉलेज मानकों पर अधूरे पाए गए हैं.
उत्तराखंड के 12 निजी आयुष कॉलेज NCISM की रेटिंग से बाहर: दरअसल एनसीआईएसएम (National Commission for Indian System of Medicine) के मेडिकल एसेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड की ओर से देशभर में संचालित आयुष कॉलेज के लिए तय मानकों के आधार पर पहली बार रेटिंग जारी की गई है. एनसीआईएसएम की वेबसाइट पर जारी रेटिंग सूची के अनुसार देश भर में मौजूद 540 आयुष कॉलेजों को शामिल किया गया था. इन सभी आयुष कॉलेज के लिए टाइम मांगों के आधार पर मूल्यांकन किया गया. इसमें सिर्फ 221 आयुष कॉलेज मानकों पर खरे उतरे. 319 आयुष कॉलेज मानकों पर अधूरे थे. मेडिकल एसेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड ने मानकों पर खरे उतरे 221 आयुष कॉलेज को मानकों के आधार पर तीन श्रेणी में बांटा है.
NCISM की रेटिंग पाए 8 में सिर्फ 1 कॉलेज को A रेटिंग: इसके तहत A रेटिंग में प्रदेशों के 55 आयुष कॉलेजों को शामिल किया गया है. B रेटिंग में प्रदेशों के 55 आयुष कॉलेजों को शामिल किया गया है. C रेटिंग में प्रदेशों के 111 आयुष कॉलेज को शामिल किया गया है. उत्तराखंड राज्य में मौजूद आयुष कॉलेजों की स्थिति की बात करें तो 20 कॉलेजों में से आठ आयुष कॉलेज ही रेटिंग में आ पाए हैं. इसके तहत ए रेटिंग में एक कॉलेज, बी रेटिंग में एक कॉलेज और सी रेटिंग में 6 कॉलेज को शामिल किया गया है. एनसीआईएसएम के मेडिकल एसेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड की ओर से जारी रेटिंग इस बात को बयां कर रही है कि उत्तराखंड में सरकारी आयुष कॉलेज की स्थिति दयनीय है.
मानकों पर खरे उतरे प्रदेश के आठ आयुष कॉलेज