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लखनऊ की सबसे पुरानी दुर्गा पूजा का बोस, टैगोर से भी रहा है नाता, आइए जानते हैं इसके बारे में - LUCKNOW DURGA PUJA PANDAL

राजधानी की 100 साल पुरानी इस दुर्गा पूजा की थीम है बेहद खास

लखनऊ की सबसे पुरानी दुर्गा पूजा.
लखनऊ की सबसे पुरानी दुर्गा पूजा. (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 9, 2024, 3:37 PM IST

लखनऊ :इन दिनों देश भर में दुर्गा पूजा की धूम मची है. लखनऊ में भी दुर्गा पूजा पंडाल सज गए हैं. मां दुर्गा की मनभावन प्रतिमाएं स्थापित करने के साथ ही हर पंडाल को एक अलग थीम दी गई है. ऐसे में लखनऊ की सबसे पुरानी दुर्गा पूजा के पंडाल की भी थीम पश्चिम बंगाल में महिला रेजिडेंट डॉक्टर रेप-मर्डर केस के मद्देनजर इंसाफ की मांग को रखा गया है. यह दुर्गा पूजा इसलिए भी खास है, क्योंकि इसका रिश्ता नेताजी सुभाष चंद्र बोस और गुरुदेव रविंद्रनाथ टैगोर से रहा है. आइए जानते हैं इसके बारे में.

लखनऊ की सबसे पुरानी दुर्गा पूजा. (Video Credit; ETV Bharat)

1914 से सजाया जा रहा पंडाल: हुसैनगंज इलाके में बंगाली क्लब की ओर से वर्ष 1914 से लगातार दुर्गा पंडाल स्थापित किया जाता है. यहां की पूजा तीन दिन बहुत ही विशेष तरीके से की जाती है. बंगाली रीति रिवाज और तौर तरीकों से पूजा पाठ संपन्न किया जाता है. इसके अलावा बंगाल से पुजारी पूजा करने के लिए खासतौर पर आते हैं.

बोस और गुरुदेव से है नाता:बंगाली क्लब के अध्यक्ष अरुण कुमार बनर्जी ने ईटीवी भारत को बताया कि वर्ष 1914 से लगातार दुर्गा पंडाल सजाया जा रहा है. खास बात यह कि यहां 1938 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस खुद आए थे. इसके अलावा गुरुदेव रविंद्रनाथ टैगोर का भी क्लब से नाता रहा है. बताया कि हर साल मां दुर्गा की प्रतिमा एक ही लकड़ी के बेस पर बनती है और वह बेस सदियों पुराना है. हर साल मूर्ति विसर्जन के बाद लकड़ी का वह बेस काटकर ले आया जाता है. फिर उसे पूरे साल बहुत संभाल कर रखा जाता है. अगले साल फिर उसी बेस पर मां देवी विराजमान होती हैं.

बताया कि बंगाली क्लब ने अपनी स्थापना के बाद से ही मां दुर्गा के नए मुकुट को सालभर के लिए सुरक्षित रखना शुरू किया था. यानी मूर्ति विसर्जन से पहले मां दुर्गा का मुकुट क्लब के लोग अपने साथ ले आते थे और साल भर पहले उतारे गए मुकुट के साथ मूर्ति विसर्जन किया करते थे. इस परंपरा का निर्वहन आज भी यहां किया जाता है.

इस बार की थीम है जस्टिस:उन्होंने बताया कि बंगाली क्लब की ओर से इस पंडाल का विषय रखा जाता है. इस बार की थीम 'वी वॉन्ट जस्टिस' रखी गई है. इसे रखने का उद्देश्य है कि बंगाल के मेडिकल कॉलेज में महिला रेजिडेंट डॉक्टर रेप-मर्डर मामले में इंसाफ दिलाना है. इसके लिए पूरा बोर्ड लगाया गया है. जिसमें बंगाली, हिंदी और अंग्रेजी भाषा में स्लोगन लिखा हुआ है.

बता दें कि शहर का सबसे पुराना पंडाल बंगाली क्लब है. यहां पर नवरात्र के मौके पर पंडाल में सबसे अधिक भीड़ होती है. यहां सुबह 4 बजे से पूजा पाठ शुरू हो जाता है. भक्तों की भीड़ आने भी शुरू हो जाती है. रात के समय यहां पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं.

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