नई दिल्ली :पूर्वभारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट रेसलिंग छोड़कर अब राजनीति में आ गई हैं. हाल ही में हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर उन्होंने जुलैना से जीत हासिल की. पहलवानी के बाद जंतर-मंतर पर पूर्व कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण के खिलाफ प्रदर्शन से में उनकी साथी खिलाड़ी साक्षी मलिक को यह फैसला पसंद नहीं आया.
अब शायद साक्षी मलिक और विनेश फोगाट की राहें अलग-अलग हैं. जंतर मंतर पर इन दोनों का साथ देने वाले बजरंग पुनिया भी पहलवानी छोड़कर कांग्रेस ज्वाइन कर चुके है. ऐसे में साक्षी मलिक की हाल ही में एक आत्मकथा विटनेस प्रकाशित हुई है जिसमें उन्होंने अपने संघर्षों का जिक्र किया है.
किताब की इसी कड़ी में साक्षी मलिक ने विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया को लेकर एक और बात का जिक्र किया है. उन्होंने लिखा कि, जब विनेश और बजरंग पुनिया के करीबी लोगों ने उनके दिमाग में लालच भरना शुरू कर दिया तो उनके विरोध प्रदर्शनों में दरार आने लगी.
पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार साक्षी मलिक ने अपनी किताब में लिखा, बजरंग और विनेश के करीबी लोगों ने उनके दिमाग में लालच भरना शुरू कर दिया. उन्होंने अपनी किताब में कहा, जिसकी वजह से वह ट्रॉयल्स में छूट की बात करने लगे. इतना ही नहीं उन्होंने आगे इन दोनों की ट्रॉयल्स में छूट का प्रदर्शन पर अच्छा प्रदर्शन नहीं पड़ा. इससे हमारे संघर्ष और प्रदर्शन की छवि प्रभावित हुई और समर्थकों ने यह सोचना शुरू कर दिया कि हम अपने स्वार्थ के लिए यह विरोध कर रहे हैं.
बता दें, विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक 2024 में 53 किग्रा वर्ग के बजाए 50 किग्रा वर्ग में भाग लिया था. वह अपने शानदार प्रदर्शन की बदौलत क्वार्टरफाइनल और सेमीफाइनल में अपनी विरोधी को मात देकर फाइनल में पहुंच गई थी. फाइनल मुकाबले से पहले हुए तौल में दुर्भाग्यवश उनका वजन उनकी कैटेगरी से 100 ग्राम ज्यादा पाया गया जिसके चलते उन्हें पेरिस ओलंपिक से अयोग्य घोषित कर दिया गया. विनेश का भारत लौटने पर दिल्ली एयरपोर्ट से उनके घर तक शानदार स्वागत किया और उन पर खूब इनाम की बारिश भी हुई