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मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार पर मनु भाकर के पिता बोले, कमेटियों में खेल लीजेंड हों, अधिकारी सरकार की छवि कर रहे हैं खराब - KHEL RATNA AWARD CONTROVERSY

दो बार की ओलंपिक पदक विजेता निशानेबाज मनु भाकर के पिता ने मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.

Manu Bhaker and her father Ramkishan Bhaker
मनु भाकर व उनके पिता रामकिशन भाकर (Etv Bharat)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Dec 24, 2024, 1:13 PM IST

चंडीगढ़ःहरियाणा के झज्जर की 22 वर्षीय निशानेबाज मनु भाकर का खेल रत्न अवॉर्ड के लिए नामित न होने पर विवाद जारी है. खेल मंत्रालय के फैसले पर मनु के परिवार के सदस्य, खिलाड़ी और उनके प्रशंसकों में काफी नाराजगी है. इसी बीच मनु भाकर के पिता रामकिशन भाकर ने दक्षिण कोरिया से मामले पर एक वीडियो फुटेज जारी कर खेल विभाग के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

पिता बोले...मुझे बहुत ही शॉकिंगःमनु भाकर को ये अवार्ड मिलना चाहिए. मुझे बहुत ही शॉकिंग लगा कि खेल रत्न कमेटी ने अपनी अनुशंसा में मनु भाकर के नाम को शामिल नहीं किया है. यहां तक की उसके नाम पर चर्चा भी नहीं की गई.

दो बार की ओलंपिक पदक विजेता मनु भाकर के पिता रामकिशन भाकर (Etv Bharat)

सरकार की छवि को खराब कर रहे हैं खेल विभाग के अधिकारीःइस दौरान जब कमेटी में कुछ लोनों ने मनु के नाम पर चर्चा करने का प्रयास किया तो कमेटी में शामिल बाबूओं (अधिकारियों) ने सदस्यों से कहा कि जिन्होंने अपना आवेदन नहीं दिया है, उसपर चर्चा नहीं करेंगे. इस पर चर्चा की कोई जरूरत नहीं है. सब लोग मानते है कि खेल विभाग में अधिकारियों की तैनाती पनिशमेंट पोस्टिंग के तौर पर होता है. मुझे लगता है कि ये अधिकारी सरकार की छवि को खराब करने के उद्देश्य से ऐसे फैसले कर रहे हैं.

खेल कमेटी में खेल लीजेंड होने चाहिएःसरकार को चाहिए कि इस तरह की कमेटी में खेल के लीजेंड होने चाहिए. बहुत सारे खेल के लीजेंड हैं. जैसे पीटी उषा हैं, अभिनव बिंद्रा हैं. अंजू बॉबी जार्ज हैं. अंजलि भागवत हैं. इस तरह के खिलाड़ियों को लेना चाहिए, जिनको खेल का ज्ञान हो. न कि रिटायर्ड आदमी को चेयरमैन बना दो, 2-4 बाबूओं को बोल दो कि फरमान जारी करो. यह सही नहीं है.

मनु ने 75 साल में एकलौता कारनामा कियाःबाकी तो देश को पता है कि मनु ने 75 साल में एकलौता कारनामा किया है जो बहुत ही सराहनीय और बहुत बड़ा था, जिसपर पूरी देश प्राउड फील कर रहा था. इस तरह के अवार्ड से उसको इग्नोर करना, उसको अनदेखी करना, कहीं न कहीं खेल को डिस्करेज करने का काम है. खेल और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करना चाहिए. खेल विभाग के अधिकारी जो कर रहे हैं, वो उन्हें नहीं करना चाहिए.

मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार की अनुशंसा सूची को लेकर बवालःबता दें कि दो बार की ओलंपिक पदक विजेता निशानेबाज मनु भाकर का नाम मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार की अनुशंसा सूची से गायब होने से बवाल मच गया है. मनु ने पेरिस गेम्स 2024 में महिलाओं की व्यक्तिगत 10 मीटर एयर पिस्टल में लगातार दो पदक (कांस्य) जीतकर और सरबजोत सिंह के साथ मिश्रित टीम स्पर्धा में पदक जीतकर इतिहास रच दिया और ओलंपिक खेलों में सबसे महान भारतीय एथलीटों में से एक के रूप में अपनी जगह पक्की कर ली. हरियाणा के झज्जर जिले की यह खिलाड़ी भारत की आजादी के बाद से एक ही ओलंपिक संस्करण में ऐसी उपलब्धि हासिल करने वाली पहली भारतीय बन गई. खेल रत्न के लिए अनुशंसित एथलीटों की सूची से उनका नाम न होने की खबर मीडिया में आने के बाद से लगातार प्रतिक्रियाएं आ रही है.

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