चंडीगढ़ःहरियाणा के झज्जर की 22 वर्षीय निशानेबाज मनु भाकर का खेल रत्न अवॉर्ड के लिए नामित न होने पर विवाद जारी है. खेल मंत्रालय के फैसले पर मनु के परिवार के सदस्य, खिलाड़ी और उनके प्रशंसकों में काफी नाराजगी है. इसी बीच मनु भाकर के पिता रामकिशन भाकर ने दक्षिण कोरिया से मामले पर एक वीडियो फुटेज जारी कर खेल विभाग के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
पिता बोले...मुझे बहुत ही शॉकिंगःमनु भाकर को ये अवार्ड मिलना चाहिए. मुझे बहुत ही शॉकिंग लगा कि खेल रत्न कमेटी ने अपनी अनुशंसा में मनु भाकर के नाम को शामिल नहीं किया है. यहां तक की उसके नाम पर चर्चा भी नहीं की गई.
सरकार की छवि को खराब कर रहे हैं खेल विभाग के अधिकारीःइस दौरान जब कमेटी में कुछ लोनों ने मनु के नाम पर चर्चा करने का प्रयास किया तो कमेटी में शामिल बाबूओं (अधिकारियों) ने सदस्यों से कहा कि जिन्होंने अपना आवेदन नहीं दिया है, उसपर चर्चा नहीं करेंगे. इस पर चर्चा की कोई जरूरत नहीं है. सब लोग मानते है कि खेल विभाग में अधिकारियों की तैनाती पनिशमेंट पोस्टिंग के तौर पर होता है. मुझे लगता है कि ये अधिकारी सरकार की छवि को खराब करने के उद्देश्य से ऐसे फैसले कर रहे हैं.
खेल कमेटी में खेल लीजेंड होने चाहिएःसरकार को चाहिए कि इस तरह की कमेटी में खेल के लीजेंड होने चाहिए. बहुत सारे खेल के लीजेंड हैं. जैसे पीटी उषा हैं, अभिनव बिंद्रा हैं. अंजू बॉबी जार्ज हैं. अंजलि भागवत हैं. इस तरह के खिलाड़ियों को लेना चाहिए, जिनको खेल का ज्ञान हो. न कि रिटायर्ड आदमी को चेयरमैन बना दो, 2-4 बाबूओं को बोल दो कि फरमान जारी करो. यह सही नहीं है.