पेरिस (फ्रांस) :पेरिस ओलंपिक 2024 में एक नया विवाद खड़ा हो गया है, जिसमें मुक्केबाज इमान खलीफ के बायोलॉजिकल पुरुष होने के बावजूद महिला मुक्केबाज के रूप में ओलंपिक में भाग लेने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. इमान खलीफ तब से ही सोशल मीडिया पर खूब ट्रेंड कर रही हैं, लोग जानना चाह रहे हैं कि आखिर यह बॉक्सर है कौन. कुछ लोग उन्हें महिला बता रहे हैं तो कुछ का कहना है वह बायोलॉजिकल पुरुष हैं, क्योंकि उनमें XY क्रोमोसोम्स हैं.
सबसे पहले जानिए आखिर क्या है विवाद ?
पेरिस ओलंपिक में गुरुवार को विवाद तब शुरू हुआ जब इटली की मुक्केबाज एंजेला कैरिनी ने इमान खलीफ का सामना किया. मुकाबला शुरू होने के कैरिनी ने 'अपनी जान बचाने' के लिए सिर्फ 46 सेकंड के बाद मैच छोड़ने का फैसला किया.
यह मैच खलीफा ने सिर्फ 46 सेकंड में जीत लिया. निर्णय की घोषणा के बाद इटली की बॉक्सर कैरिनी ने खलीफ से हाथ नहीं मिलाया, और अपने घुटनों के बल रिंग में रो पड़ी. इसके बाद, आंसूओं से भरी कैरिनी ने कहा कि उन्होंने शुरुआती मुक्कों के बाद अपनी नाक में तेज दर्द के कारण मुकाबला छोड़ दिया. उन्होंने कहा कि वो यह मैच हारी नहीं बल्कि खुद को जीता हुआ मानती हैं.
वर्ल्ड चैंपियनशिप 2023 से हुई थी बाहर
यह पहली बार नहीं है जब इमान इस तरह के विवाद के केंद्र में रही हैं, इससे पहले उन्हें जेंडर एलिजिबिलिटी मानदंडों को पूरा नहीं करने के कारण वर्ल्ड चैंपियनशिप 2023 में प्रतिस्पर्धा करने से अयोग्य घोषित किया गया था. इसके बावजूद उन्हें पेरिस ओलंपिक 2024 में खेलने की अनुमति कैसे मिल गई यह भी एक बड़ा सवाल है, जिसका किसी के पास कोई जवाब नहीं हैं.
पेरिस ओलंपिक क्वालीफिकेशन पर IOC
अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के प्रवक्ता मार्क एडम्स ने इमान खलीफ विवाद को लेकरा कहा है कि चूंकि खलीफ के पासपोर्ट पर 'महिला' लिखा है, इसलिए वह 66 किग्रा वर्ग में महिला वर्ग में प्रतिस्पर्धा कर रही हैं. उन्होंने कहा कि, 'महिला वर्ग में प्रतिस्पर्धा करने वाली सभी महिलाएं प्रतियोगिता पात्रता नियमों का पालन कर रही हैं. उनके पासपोर्ट में महिला लिखा है. और इसलिए यह कहा गया है कि वे महिला हैं'.
इमान खलीफ कौन हैं ?
25 वर्षीय इमान खलीफ अल्जीरिया के तियारेट की रहने वाली हैं और वर्तमान में यूनिसेफ की राजदूत हैं. खलीफ के पिता 'लड़कियों के लिए मुक्केबाजी को मंजूरी नहीं देते थे', लेकिन वह सबसे बड़े मंच पर स्वर्ण पदक जीतकर अगली पीढ़ी को प्रेरित करना चाहती थीं.