चेटौरौक्स (पेरिस) : ओलंपिक खेलों में निशानेबाजी प्रतियोगिता में भाग लेने आये भारतीय दल को उनके स्वाद के अनुसार भोजन ढूंढने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा.
खिलाड़ियों के लिए यहां दो 'एथलीट गांव' हैं लेकिन दोनों में ही भारतीयों को अपना पसंदीदा भोजन नहीं मिला. कुछ निशानेबाज स्थानीय दक्षिण एशियाई रेस्तरां पर निर्भर हैं जबकि कुछ ने अपना खाना खुद पकाया है.
एक भारतीय निशानेबाज ने गोपनीयता की शर्त पर पीटीआई को बताया, 'खाना ढूंढने में मुश्किल हो रही है, बस किसी तरह से काम चल रहा है'. पिस्टल कोच जसपाल राणा ने कहा, 'हम तो खुद बनाते हैं. कल मैंने राजमा चावल खाया. किराने की दुकान से जरूरी सामान खरीदा और अपने अपार्टमेंट में बनाया'.
वहीं कुछ अन्य निशानेबाज पेरिस में खेल गांव की चहल पहल की कमी महसूस कर रहे हैं. वे पेरिस में ही रहना पसंद करते.