ओलंपिक में बैडमिंटन खिलाड़ियों के खराब प्रदर्शन पर भड़के प्रकाश पादुकोण, खूब सुनाई खरी खोटी - Paris Olympics 2024
PRAKASH PADUKONE : भारतीय बैडमिंटन के दिग्गज खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण ने भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर निशाना साधा है. उन्होंने खिलाड़ियों को हार की जिम्मेदारी लेने की बात भी कही है. पढ़ें पूरी खबर...
नई दिल्ली :पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों का अभियान समाप्त हो गया है. सोमवार को शटलर लक्ष्य सेन को कांस्य पदक के मैच में मलेशिया के ली ज़ी जिया के खिलाफ दिल तोड़ने वाली हार का सामना करना पड़ा. भारतीय बैडमिंटन के दिग्गज प्रकाश पादुकोण ने पेरिस में खराब प्रदर्शन के बाद भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों को निशाने पर लेते हुए उनकी आलोचना की है.
ओलंपिक में भारतीय अभियान पर विचार करते हुए पूर्व बैडमिंटन दिग्गज ने कहा, अब समय आ गया है कि खिलाड़ी आगे बढ़कर जीत हासिल करें. सरकार ने एथलीटों की सहायता करने में अपनी भूमिका निभाई और अब समय आ गया है कि खिलाड़ी आगे आएं. मैं अपने प्रदर्शन से थोड़ा निराश हूं कि हम बैडमिंटन से एक भी पदक नहीं जीत पाए. जैसा कि मैंने पहले कहा है, हम तीन पदक के दावेदार थे, इसलिए कम से कम एक पदक तो मुझे खुश कर देता.
सरकार के प्रयास की तारीफ की लक्ष्य सेन के मैच हारने के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा,, इस बार सरकार भारतीय खेल प्राधिकरण और खेल मंत्रालय सभी ने अपना सर्वश्रेष्ठ किया है और मुझे नहीं लगता कि सरकार ने जो किया है, उससे अधिक कोई और कर सकता था, इसलिए मुझे लगता है कि खिलाड़ियों को भी जिम्मेदारी लेने की जरूरत है. इस ओलंपिक या पिछले ओलंपिक में आप सरकार और फेडरेशन को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते, क्योंकि जो वह कर सकते थे उन्होंने किया.
खिलाड़ियों में मेहनत की कमी बताई उन्होंने आगे कहा कि वह आपको सुविधाएं उपलब्ध कर सकते हैं लेकिन अंत में प्रदर्शन आपको ही करना होगा. खिलाड़ियों को भी आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है. आप बस और अधिक की मांग नहीं कर सकते. शायद खिलाड़ी ओलंपिक में पदक जीतने के लिए पर्याप्त मेहनत नहीं कर रहे हैं. सिर्फ कोच या कोई और नहीं. आपके पास स्पोर्ट्स साइंस सपोर्ट टीम है, खिलाड़ियों के पास अपने फिजियो, एसएंडसी कोच, अपने न्यूट्रिशनिस्ट हैं. मुझे नहीं लगता कि अमेरिका समेत किसी भी दूसरे देश के पास इतनी सुविधाएं हैं. चलिए खुलकर बात करते हैं.
सेन के खेल की आलोचना की लक्ष्य सेन के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि, मुझे लगता है कि उन्होंने अच्छा खेला लेकिन मै थोड़ा निराश हूं क्योंकि वह इसको जीतकर समाप्त कर सकते थे. आज भी फर्स्ट गेम जीतने के बाद वो सेकंड गेम में 8-3 से आगे थे. वह हमेशा से तेज गति के साथ खेलने या हवा के साथ खेलने में थोड़ा असहज रहे हैं. इस पर उन्हें थोड़ा काम करने की जरूरत है. अगर आपने उनकी पिछले प्रदर्शन देखें होंगे ज्यादातर वह तीन गेम खेले हैं और ज्यादातर बार वो हारे हैं. इस क्षेत्र में उन्हें काम करने की जरूरत है. उन्होंने आगे कहा कि शानदार शुरुआत के बाद उन्होंने अपना आत्मविश्वास खो दिया इससे विपक्षी खिलाड़ी को आत्मविश्वास आ गया. उनका आत्मविश्वास इससे पहले भी कईं बार कम हुआ है.
भारत के सभी बैडमिंटन खिलाड़ी हुए बाहर बता दें, 2008 के बाद यह पहली बार है जब भारत ओलंपिक (Olympic) में बैडमिंटन में बिना पदक (Medal) के लौटेगा. सेन तीन सेटों तक चले कांस्य पदक मैच में हार गए और इसके साथ ही बैडमिंटन में भारत की पदक जीतने की उम्मीदें टूट गईं. इससे पहले, पीवी सिंधु महिला एकल के राउंड ऑफ 16 में चीन की ही बिंग जियाओ से हार गईं, जबकि सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की भारतीय जोड़ी पुरुष युगल क्वार्टर फाइनल में मलेशिया के आरोन चिया और सोह वूई यिक से हार गई.
एचएस प्रणय राउंड ऑफ 16 में प्रतियोगिता से बाहर हो गए, जबकि अश्विनी पोनप्पा और तनिषा क्रैस्टो ग्रुप चरण में पिछड़ गईं. लक्ष्य ने अपने पहले ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन पदक जीतने का मौका चूक गए।