नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज मैथ्यू हेडन ने विराट कोहली से ऑफ स्टंप के बाहर गेंद मारने की इच्छा पर काबू पाने की अपील की है और इसके लिए उन्होंने 2003-04 बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के दौरान सचिन तेंदुलकर द्वारा खेली गई बेहतरीन पारियों में से एक का उदाहरण दिया है.
पर्थ में पहले टेस्ट की दूसरी पारी में कोहली के नाबाद शतक को छोड़कर, 36 वर्षीय कोहली बल्ले से संघर्ष करते रहे हैं और लगातार ऑफ स्टंप के बाहर गेंद पर कैच आउट हुए हैं. हेडन का मानना है कि बॉक्सिंग डे टेस्ट के लिए मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड की पिच बल्लेबाजों के लिए उपयुक्त होगी और उन्होंने कहा कि अगर कोहली ऑफ स्टंप के बाहर गेंद को स्लैश करने की इच्छा पर काबू पा लेते हैं तो भारतीय दिग्गज फॉर्म में वापस आ सकते हैं.
हेडन ने स्टार स्पोर्ट्स से कहा, 'विराट कोहली ने अपने शानदार करियर के दौरान बल्लेबाजी की है, लेकिन मेलबर्न में उनके पास एक अच्छा बल्लेबाजी ट्रैक होने वाला है. उन्हें जो करने की जरूरत है, वह है क्रीज पर बने रहने का तरीका ढूंढना. ऑफ-स्टंप के बाहर की गेंद को उनको छोड़ना चाहिए. उन्हें इस गेंद का विरोध करना होगा'.
हेडन ने सचिन द्वारा खेली गई सबसे बेहतरीन टेस्ट पारियों में से एक को याद किया, जब ब्रेट ली, एंडी बिचेल और जेसन गिलेस्पी के तेजतर्रार ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजी आक्रमण ने बाहरी किनारे को पाने की उम्मीद में उन्हीं क्षेत्रों को निशाना बनाया था. इसके बाद जो हुआ वह बेहतरीन था क्योंकि 'मास्टर ब्लास्टर' ने नाबाद 241 रन बनाए, सचिन ने पारी में 33 चौके लगाए लेकिन उनमें से कोई भी कवर क्षेत्र में नहीं आया था.
हडेन ने कहा, 'विराट को मेरा सुझाव है. वह गेंद के साथ थोड़ा और लाइन में आ जाए और थोड़ा और नीचे की ओर खेलने की कोशिश करे. मुझे पता है कि वह शानदार कवर ड्राइवर लगाते हैं, लेकिन सचिन तेंदुलकर भी ऐसे ही थे और उन्होंने इस शॉट को एक दिन के लिए दूर रखा था. मैं गली में बैठकर उस दिन कैच लेने की उम्मीद कर रहा था लेकिन वो नहीं हो पाया.