नई दिल्ली : भारत के पूर्व खिलाड़ियों ने रविचंद्रन अश्विन की प्रशंसा की, जिन्होंने ब्रिसबेन के गाबा में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीसरे टेस्ट के समापन के तुरंत बाद बुधवार को अपने अंतरराष्ट्रीय करियर को अलविदा कह दिया. पूर्व खिलाड़ियों ने उन्हें 'असली मास्टर क्राफ्ट्समैन' कहा और यह भी कहा कि उन्हें रिकॉर्ड की ज्यादा परवाह नहीं है और उनके संन्यास लेने का फैसला दिखाता है कि वे खेल के जोश से खेलते थे.
अश्विन ने अनिल कुंबले के बाद भारतीय टीम के लिए टेस्ट क्रिकेट में दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले खिलाड़ी के रूप में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया. ऑफ स्पिनर ने रवींद्र जडेजा के साथ मिलकर घरेलू मैदान पर भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई.
भारत की पूर्व महिला क्रिकेटर शांता रंगास्वामी, जिन्होंने 16 टेस्ट और 19 वनडे खेले हैं, ने कहा कि अश्विन अगर और खेलते तो अनिल कुंबले के रिकॉर्ड के करीब पहुंच सकते थे, लेकिन उनके इस फैसले से पता चलता है कि उन्हें रिकॉर्ड की ज्यादा परवाह नहीं है.
रंगास्वामी ने ईटीवी भारत को फोन पर बताया, 'यह एक कठिन फैसला है, ईमानदारी से कहूं तो मैं उनकी घोषणा से थोड़ा चौंक गई, क्योंकि अगर वह और कुछ साल और खेलते तो वह अनिल कुंबले के रिकॉर्ड के करीब पहुंच जाते'.
रंगास्वामी ने आगे कहा, 'लेकिन फिर यह दिखाता है कि उन्हें रिकॉर्ड की ज्यादा परवाह नहीं है...कि वह खेल के जोश और उत्साह के लिए खेलते थे. मुझे लगता है कि वह एक बेहतरीन क्रिकेटर थे, ऐसे लोगों को रिटायर होते देखना दुखद है, लेकिन फिर भी, जीवन चलता रहना चाहिए. वह पहले से ही 38 वर्ष के हैं, इसलिए मुझे लगता है कि उनके पास परिवार जैसी अन्य प्राथमिकताएं हैं'.
उन्होंने कहा, 'मुझे खुशी है कि वह इंडियन प्रीमियर लीग के दौरान एक्शन में दिखाई देंगे, चेन्नई सुपर किंग्स. मुझे खुशी है कि वह पूरी तरह से तस्वीर से बाहर नहीं है'.
पूर्व भारतीय स्पिनर नीलेश कुलकर्णी, जिन्होंने भारत के लिए 3 टेस्ट और 10 वनडे खेले, ने अश्विन की हर मैच में अपनी गेंदबाजी में सुधार करने की गुणवत्ता की प्रशंसा की.