करनाल :पेरिस ओलंपिक का जादू इन दिनों लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है. देश समेत हरियाणा को खिलाड़ियों से मेडल की ढेरों उम्मीदें हैं. ऐसे में आज एक अच्छी ख़बर तब आई, जब हरियाणा के करनाल के कैमला गांव निवासी बलराज पंवार ओलिंपिक गेम्स में रोइंग में पुरुषों के सिंगल स्कल्स इवेंट के हीट्स राउंड में फोर्थ पोजीशन हासिल करने में कामयाब रहे. वे सीधे क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालिफाई करने के लिए मामूली अंतर से चूके हैं. हालांकि अब वे रीपेचेज राउंड में उतरेंगे जो कि क्वार्टर फाइनल में पहुंचने का उनके लिए ये अंतिम मौका होगा. बलराज के परिवार को उम्मीद है कि उनका बेटा जरूर देश के लिए मेडल लाएगा.
पहले राउंड में हासिल की चौथी रैंक :भारतीय नौकायन खिलाड़ी बलराज पंवार का खेल देखने के लिए परिजन और कैमला गांव के लोग टीवी पर नज़रे गड़ाए बैठे थे. परिजनों ने मैच से पहले बलराज पंवार की जीत के लिए भगवान से प्रार्थना भी की. उनके घर में ग्रामीणों का जमावड़ा लगा हुआ नज़र आया. रोइंग कॉम्पिटीशन में 33 देशों के खिलाड़ी शामिल हुए थे. इस बीच बलराज पंवार ने अपना पूरा दमखम लगाते हुए बाकी खिलाड़ियों के साथ जबर्दस्त मुकाबला किया और चौथे स्थान पर रहे. मामूली अंतर से वे क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालिफाई करने से चूके हैं. हालांकि उन्हें रीपेचेज राउंड में पूरा मौका मिलेगा. बलराज के परिवार को उम्मीद है कि बलराज देश के लिए मेडल जरूर जीतेगा.
गरीब परिवार से आते हैं बलराज पंवार :आपको बता दें कि बलराज एक गरीब परिवार से संबंध रखता है और अपनी कड़ी मेहनत के बलबूते पर वो ओलंपिक में पहुंचा है. देश को उनसे मेडल की काफी उम्मीदें हैं. बलराज पिछले कई सालों से इसकी तैयारी कर रहा था. बलराज पंवार ने 2020 में अपने रोइंग कैरियर की शुरुआत की थी. उन्होंने 40वें और 41वें सीनियर राष्ट्रीय रोइंग चैंपियनशिप में मेडल जीते हैं. साथ ही वे गोवा में आयोजित 37वें राष्ट्रीय खेलों में भी शामिल हुए थे. परिवार सहित करनाल के लोग दुआएं कर रहे हैं कि वो पेरिस ओलंपिक में गोल्ड लेकर आए और देश का नाम रोशन करें.