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वित्तीय संघर्ष और लद्दाख की आइस हॉकी टीम की ऐतिहासिक जीत - ASIAN WINTER GAMES 2025

लद्दाख आइस हॉकी टीम ने एशियन विंटर गेम्स में मकाऊ, चीन को 4-2 से हराकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की.

वित्तीय संघर्ष और लद्दाख की आइस हॉकी टीम की ऐतिहासिक जीत
वित्तीय संघर्ष और लद्दाख की आइस हॉकी टीम की ऐतिहासिक जीत (Ghulam Mustafa)

By ETV Bharat Sports Team

Published : Feb 12, 2025, 9:54 PM IST

लेह (लद्दाख): रविवार, 9 फरवरी भारत में आइस हॉकी के प्रशंसकों के लिए एक ऐतिहासिक क्षण था, क्योंकि भारतीय पुरुष आइस हॉकी टीम ने चीन के हार्बिन में मकाऊ, चीन को 4-2 से हराकर एशियन विंटर गेम्स में अपनी पहली जीत हासिल की.

टूर्नामेंट की शुरुआत भारत के लिए चुनौतीपूर्ण रही, क्योंकि उन्हें हांगकांग, चीन (0-30) और तुर्कमेनिस्तान (1-19) से हार का सामना करना पड़ा, लेकिन फिर टीम ने जबरदस्त वापसी की और टूर्नामेंट में पहली जीत दर्ज की.

यह 2018 के बाद से किसी अंतर्राष्ट्रीय आइस हॉकी महासंघ टूर्नामेंट में भारत की पहली जीत है और यह एशियाई शीतकालीन खेलों में भारत की पहली भागीदारी भी है. टीम ने तुर्कमेनिस्तान के खिलाफ अपने दूसरे मैच में पहला गोल करके अपने प्रदर्शन में सुधार किया. इसके बाद आखिरी ग्रुप मैच में मकाऊ के खिलाफ जीत दर्ज की, जिसमें गोल स्कोरर मोहम्मद अली बाबा, मोहम्मद इस्माइल, त्सेरिंग अंगचुक और त्सेरिंग अंगदस रहे.

सोनम अंगमो ने में पुरुष टीम की जीत पर खुशी का इज्हार किया
भारतीय महिला आइस हॉकी टीम की सदस्य सोनम अंगमो ने एशियाई शीतकालीन खेलों में पुरुष टीम की जीत पर अपनी खुशी साझा की. उन्होंने कहा, 'इतने लंबे अंतराल के बाद अंतरराष्ट्रीय मंच पर लड़कों को चमकते देखना वाकई उल्लेखनीय और गर्व का क्षण है. मकाऊ के खिलाफ उनकी रोमांचक जीत उनकी कड़ी मेहनत का नतीजा थी और उनके प्रयासों का फल मिलना अद्भुत है.'

वित्तीय संघर्ष और लद्दाख की आइस हॉकी टीम की ऐतिहासिक जीत (Ghulam Mustafa)

आइस हॉकी टीम के पूर्व कप्तान ने क्या कहा?
भारतीय पुरुष आइस हॉकी टीम के पूर्व कप्तान टुंडुप नामग्याल ने ऐतिहासिक जीत पर अपने विचार साझा करते हुए कहा, 'इतने बड़े मंच पर जीतना टीम, भारत और खासकर लद्दाख के लिए बेहद गर्व का क्षण है. यह पहली बार है जब भारत ने एशियाई शीतकालीन खेलों में जीत हासिल की है और यह उन सभी युवा बच्चों के लिए एक बड़ी प्रेरणा है जो वर्तमान में आइस हॉकी को एक खेल के रूप में अपना रहे हैं.'

एशियाई शीतकालीन खेलों तक आइस हॉकी टीम का सफर चुनौतियों से भरा था
भारत ने आक्रामक खेल का प्रदर्शन किया, जिसमें मकाऊ के 23 के मुकाबले 42 शॉट गोल पर लगे. तैयारी के लिए केवल कुछ ही दिन होने के बावजूद, टीम ने इस जीत को हसिल करने के लिए उल्लेखनीय लचीलापन दिखाया. एशियाई शीतकालीन खेलों तक उनका सफर चुनौतियों से भरा था. खेल मंत्रालय ने भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) के माध्यम से नए ट्रायल का आदेश दिया, भले ही अंतरराष्ट्रीय आइस हॉकी महासंघ (IIHF) से संबद्ध निकाय, आइस हॉकी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IHAI) ने पहले ही आयोजकों को टीम के नाम सौंप दिए थे.

इस अप्रत्याशित निर्णय से खिलाड़ी अधर में लटक गए, उनकी भागीदारी को लेकर अनिश्चितता थी. हालांकि, मंत्रालय के अंतिम समय में हस्तक्षेप और आपत्तियों के बावजूद, टीम ने एशियाई शीतकालीन खेलों के नौवें संस्करण में इस ऐतिहासिक जीत के साथ अपनी विश्वसनीयता साबित की.

वित्तीय संघर्ष और लद्दाख की आइस हॉकी टीम की ऐतिहासिक जीत (Ghulam Mustafa)

लद्दाख के 8 खिलाड़ियों के लिए फंड देने से इनकार
इस संदर्भ में लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद (एलएएचडीसी), लेह के पार्षद फुंटसोग स्टैनज़िन त्सेपाग, स्मानला दोरजे नूरबू और कोंचोक स्टैनज़िन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने केंद्र द्वारा फंड देने से इनकार करने और यूटी सरकार द्वारा 8 खिलाड़ियों के लिए फंड देने से इनकार करने पर सवाल उठाए. तीनों ने तर्क दिया कि ये खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और इस लिहाज से इन सभी को पूरा समर्थन दिया जाना चाहिए.

लेह के सासपोल निर्वाचन क्षेत्र के एलएएचडीसी के पार्षद स्मानला दोरजे नूरबू ने कहा कि खिलाड़ियों को परेशानी नहीं होनी चाहिए, क्योंकि वे भारत का प्रतिनिधित्व करने जा रहे हैं. वे कहते हैं, 'भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए चीन के हार्बिन में गए दल को युवा मामले और खेल मंत्रालय से वित्तीय सहायता मिल रही है, सिवाय आइस हॉकी टीम के, जिसे अज्ञात कारणों से इस सहायता से अलग रखा गया है. यह देखना बहुत चिंताजनक है, क्योंकि उनका चयन दिशा-निर्देशों और नियमों के आधार पर किया गया है और भारतीय ओलंपिक संघ ने भी उन्हें मंजूरी दे दी है.'

उन्होंने एक और महत्वपूर्ण बिंदु पर भी प्रकाश डाला, 'जब यूटी सरकार ने आइस हॉकी खिलाड़ियों की सहायता करने का फैसला किया, तो उन्होंने 8 खिलाड़ियों को छोड़ दिया. इन 8 खिलाड़ियों के लिए केवल 28 लाख की राशि की आवश्यकता है, लेकिन प्रशासन ने इसके बजाय प्रमुख हस्तियों के आधिकारिक आवासों के निर्माण पर अपने धन को खर्च करना चुना.'

इसी तरह, चुशुल निर्वाचन क्षेत्र के पार्षद कोंचोक स्टैनज़िन ने कहा कि स्थिति का खिलाड़ियों पर असर नहीं पड़ना चाहिए और उन्हें वह सहायता नहीं मिली जिसकी उन्हें ज़रूरत थी. वे कहते हैं, 'जिन 8 खिलाड़ियों को वित्तीय सहायता नहीं मिली, उनमें से 2 खिलाड़ी मेरे क्षेत्र के हैं. धन की कमी के कारण टीम चीन में अभ्यास मैच भी नहीं खेल पाई और अगर समय पर धन उपलब्ध कराया जाता तो ऐसा नहीं होता. मैंने और अन्य पार्षदों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की क्योंकि हम खिलाड़ियों की तरफ से बात करना चाहते थे और राजनीति से परे हम उनका समर्थन करना चाहते हैं.'

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