कोझिकोड : पेरिस जाने वाली भारतीय ओलंपिक टीम के लिए विदाई समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि थे. विभिन्न स्पर्धाओं में भाग लेने के लिए पेरिस जा रहे करीब 30 खिलाड़ियों ने प्रधानमंत्री से सीधे बातचीत की. भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा और केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मंडाविया भी मंच पर मौजूद थे. प्रधानमंत्री ने पहली बार ओलंपिक में भाग लेने वालों से सुनने में रुचि दिखाई. जब उन्होंने समूह में 18 वर्ष से कम आयु के लोगों के कल्याण के बारे में पूछा, तो एक छोटी लड़की सामने की पंक्ति से खड़ी हो गई.
उसने कहा, 'मैं धिनिधि देसिंघु हूं. मेरी उम्र 14 साल है. मैं केरल से हूं, लेकिन मैं कर्नाटक के लिए प्रतिस्पर्धा करती हूं. इस बार मैं ओलंपिक में भाग ले रही हूं. यह मेरे खेल करियर की शुरुआत है. मुझे ऐसे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों वाली भारतीय टीम का हिस्सा होने पर गर्व है. निश्चित रूप से हम देश के गौरव की रक्षा करेंगे'. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उसकी सफलता की कामना की. भीड़ में मौजूद पीआर श्रीजेश और दीपिका कुमारी समेत वरिष्ठ एथलीटों ने ताली बजाकर अपने समूह की युवा स्टार का हौसला बढ़ाया. फोटो सेशन के दौरान पीटी उषा ने उन्हें आगे की पंक्ति में बुलाया और अपने पास बिठाया.
भारतीय ओलंपिक टीम की सदस्य नौवीं कक्षा की यह छात्रा अपनी उम्र के बच्चों के लिए कई खास अनुभवों से वंचित रह गई है. जब उसकी उम्र के अन्य बच्चे नाच रहे थे, गा रहे थे और अपने जीवन का आनंद ले रहे थे, तब धीनिधि देसिंगू अपने सपने को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही थी. अब उन सभी त्यागों का फल मिल गया है. उसने पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर लिया है और उसे तैराकी में देश का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला है. इस महीने के अंत में होने वाली प्रतियोगिता में भाग लेने वाली भारतीय टीम की सबसे कम उम्र की खिलाड़ी होने का गौरव इस मलयाली लड़की को प्राप्त है.