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चाहते हैं पितरों का भरपूर आशीर्वाद तो पितृपक्ष में रखें वास्तु शास्त्र का ध्यान, बढ़ जाएगी सकारात्मकता - Pitra Paksha Tarpan Vastu Shastra

हिंदू धर्म में पितृपक्ष का बहुत महत्व माना गया है. इस दौरान घर में वास्तु शास्त्र का महत्व बहुत जरूरी है. वास्तु शास्त्र का ध्यान रखने से पितर प्रसन्न होते हैं और उनका भरपूर आशीर्वाद मिलता है. वास्तु शास्त्र के जानकार पं. अनिल पांडेय से जानते हैं ऐसे ही कई उपाय.

Pitru Paksha Tarpan Vastu Shastra
पितृ पक्ष में वास्तु शास्त्र का रखें ध्यान (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 17, 2024, 8:55 PM IST

Pitra Paksha Vastu Tips:इस वर्ष पितृपक्ष 18 सितंबर से शुरू होकर 2 अक्टूबर को समाप्त होगा और फिर नवरात्रि प्रारंभ हो जाएगी. पितृपक्ष में हम अपने पितरों का ध्यान करते हैं और उनकी पूजा विशेष रूप से महत्वपूर्ण होती है. इस पूजा में विशेष रूप से वास्तु शास्त्र का भी ध्यान रखा जाना आवश्यक है. यदि हम वास्तु शास्त्र का ध्यान रखेंगे तो हमारी पूजा का अत्यंत शुभ फल प्राप्त होगा. पितृपक्ष में वास्तु शास्त्र के अनुसार कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है. इससे हमारे घर का वातावरण सकारात्मक बनता है और हमें पितरों की विशेष कृपा प्राप्त होती है.

पितृपक्ष में वास्तु शास्त्र का रखें ध्यान (ETV Bharat)

घर की सफाई और शुद्धिकरण

घर की साफ सफाई

पितृपक्ष में घर के हर कोने की अच्छी तरह से सफाई करें. खासकर घर की उत्तर पूर्व दिशा यानि इशान कोण की विशेष सफाई करें. गंदगी और धूल को हटाएं क्योंकि ये नकारात्मक ऊर्जा का स्त्रोत हो सकती है. घर में गंगाजल या गौ मूत्र का छिड़काव करें. इसके अलावा धूप, कपूर या लोभान जलाकर घर को शुद्ध करें. इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक वातावरण निर्मित होता है.

दक्षिण दिशा की विशेष सफाई

पितरों की तस्वीर या उनकी पूजा के लिए घर की दक्षिण दीवार को विशेष महत्वपूर्ण माना गया है. दक्षिण की दीवार पर जब हम उनकी तस्वीर लगाएंगे तो उनका मुंह उत्तर दिशा की तरफ रहेगा.

दीपक और अगरबत्ती

प्रतिदिन शाम को पितरों के स्थान पर दीपक जलाएं और अगरबत्ती लगाएं. इससे वातावरण शुद्ध और सकारात्मक रहता है.

प्रकाश और हवा का प्रवाह

प्राकृतिक प्रकाश घर में पर्याप्त रूप से आना चाहिए. हवा का प्रवाह सुनिश्चित करें. घर के अंदरूनी हिस्सों खासकर पूजा स्थल में रोशनी की कमी ना होने दें. खिड़कियां और दरवाजे सुबह और शाम के समय खोले ताकि ताजी हवा और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह निरंतर रहें.

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वास्तु दोष निवारण

  • घर में यदि कोई वास्तुदोष हो तो उसे पितृपक्ष के दौरान निवारण का प्रयास करें जैसे टूटा हुआ सामान, कूडा करकट या बेकार सामान को हटाएं.
  • घर में पितरों के लिए एक शुद्ध और शांतिपूर्ण स्थान निश्चित करें. जहां नियमित रूप से ध्यान, तर्पण और पूजा की जा सके.
  • शांति और सुकुन का माहौल बनाएं. परिवार के सदस्यों के बीच विवाद या कलह ना हो.
  • नियमित रूप से पितरों के लिए ध्यान और मंत्रजाप करें. खासकर ईशान कोण में बैठकर मंत्रजाप करें.
  • घर में पानी के स्त्रोत जैसे नल,टंकी साफ रखें. पानी का रिसाव या नल का टपकना वास्तुदोष माना जाता है.
  • पितरों के तर्पण का स्थान साफ सुथरा और अच्छा होना चाहिए.
  • रसोई घर में साफ सफाई रखें वहां से आने वाले धुएं और गंध को बाहर जाने दें.
  • अन्न का सम्मान करें. श्राद्ध के भोजन में शुद्धता का विशेष ध्यान रखें.
  • भोजन का दान जरूरतमंदों, ब्राह्मणों और गायों को करें, इससे पितरों को संतुष्टि मिलती है.
  • सकारात्मक चित्र और घर में पवित्र धार्मिक प्रतीक ओम, स्वास्तिक का प्रयोग करें, जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहेगी.

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