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पिंडदान के लिए घर से करके जाएं ये काम, तभी मिलेगा पितरों को मोक्ष, नोट करें विधि - Pitron Ka Pind Daan - PITRON KA PIND DAAN

इन दिनों पितृपक्ष चल रहे हैं. जिन लोगों के माता या पिता नहीं हैं, वे अपने घरों में तर्पण करते हैं. साथ ही पितृपक्ष में लोग दान-पुण्य भी करते हैं. अगर पितृपक्ष में आप भी पिंडदान के लिए बद्रीनाथ या गया जी जा रहे हैं, तो इन बातों का ख्याल रखना बहुत जरूरी है. ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री से जानिए कैसे मिलेगा पितरों को मोक्ष

PITRON KA PIND DAAN
पिंडदान के लिए घर से करके जाएं ये काम (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 19, 2024, 7:13 AM IST

Pitron Ka Pind Daan: अनंत चतुर्दशी समाप्त होने के बाद पितृ पक्ष की शुरूआत हो गई. 17 सितंबर से पितृपक्ष चल रहे हैं. पितृपक्ष में पितरों का तर्पण किया जाता है. पितृपक्ष में ज्यादातर लोग गया जी या बद्रीनाथ धाम जाते हैं और वहां अपने पितरों का तर्पण करते हैं. ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं, कि ऐसे में अगर आपका भी प्लान गया जी या बद्रीनाथ धाम जाने का बन रहा है, तो घर से कुछ काम जरूर करके जाएं, तभी पितरों को मोक्ष मिलेगा.

पितरों को ऐसे मिलेगा मोक्ष

ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि '17 सितंबर 2024 से पितृपक्ष की शुरुआत हो चुकी है. 16 दिन के श्राद्ध प्रारंभ हो चुके हैं. जिनके पितर नहीं रह गए हैं, वो सूक्ष्म रूप से विचरण करते रहते हैं. इस पितृपक्ष में अपने-अपने घरों पर आते हैं, जो पितर अभी गया जी या बद्रीनाथ धाम नहीं गए हैं, ऐसा नियम है कि घरों में ही तिल से तिलांजल पितरों को दें, चावल से देवताओं को दें और जौ से ऋषियों को तीन तीन अंजुली दें.

यहां की मिट्टी जरूर लेकर जाएं

ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं की अगर गया जी और बद्रीनाथ धाम जाना चाहते हैं. जिनके पिताजी नहीं रह गए हैं, वो गया जी में जाकर उनको मोक्ष गति दे सकते हैं और जिनकी माता जी नहीं रह गई हैं, वो बद्रीनाथ धाम में जाकर मोक्ष गति दे सकते हैं. दोनों जगह जाने से पहले जहां अग्नि संस्कार उनका किया हुआ है, वहां जाकर पहले पीला चावल छोड़कर उनको पहले आमंत्रित करें. दूसरे दिन वहां पीला चावल और जहां अग्नि संस्कार किया है, वहां की मिट्टी लेकर उसको एक पीली झोली में रख लें. इसके बाद उसे घर लेकर आएं, उन्हें श्रद्धांजलि दें और विदा करें.

गया जी में पिंडदान करने से पहले जो व्यक्ति पिंडदान कर रहा है, वो व्यक्ति पीला कपड़ा पहनकर के सबसे पहले गंगा जी में जाए स्नान करें. इसके बाद बनारस में जाकर वहां पिंडदान करे और फिर उसके बाद दूसरे दिन गया जी में जाकर वहां विधि विधान से पिंडदान करे. तो पिताजी को मोक्ष गति मिलती है. जो माता जी का पिंडदान बद्रीनाथ धाम में करना चाहते हैं. वो पहले गंगा जी में स्नान करें, इसके बाद सीधे बद्रीनाथ जाएं. वहां पर माता जी का पिंडदान करें, तो उनको मोक्ष गति मिलती है. वहां से आने के बाद घर में यथाशक्ति पूजन करके जो भी 10 या 20 है, जो भी यथा शक्ति हो, ब्राह्मण भोज करें, उचित दान पुण्य करें, तो मोक्ष गति मिलती है.

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कोशिश करें इस दिन करें पिंडदान

ज्योतिष आचार्य बताते हैं कि पितृपक्ष में नियम है कि जिस तिथि को जिस आदमी की मृत्यु हुई है, उस तिथि में जाकर वहां पिंडदान करें. ऐसा नहीं कर पाते हैं, तो कम से कम पितृ पक्ष में जाकर पिंडदान कर सकते हैं, तो उनको मोक्ष गति मिल जाती है, उनका आशीर्वाद मिलता है, घर फलता फूलता है.

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