हैदराबाद :मंगलवार 6 अगस्त को श्रावण महीने की शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि है. इसके देवता देवादिदेव महादेव हैं. इस दिन चंद्रमा का दर्शन शुभ माना जाता है. शादी, वेडिंग रिंग की खरीदी और देवताओं की स्थापना के लिए यह तिथि शुभ होती है. किसी भी तरह के तकरार या विवाद के लिए यह तिथि अच्छी नहीं मानी जाती है. बता दें, आज तीसरा मंगला गौरी व्रत भी है.
सनातन धर्म में सावन को भगवान शिव के महीने के रूप में धूमधाम से मनाया जाता है. वहीं, इस माह के मंगलवार को मां मंगला गौरी व्रत और भगवान हनुमान की पूजा करने का भी विशेष महत्व है. मंगला गौरी व्रत से भक्तों को मां गौरी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और अगर कुंडली में मंगल दोष हो या फिर मंगल ग्रह खराब हो तो उससे भी निजात मिलती है. मंगला गौरी व्रत में महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए माता मंगला से प्रार्थना करती हैं और कुंवारी कन्याओं के भी जल्दी विवाह के योग बनते हैं.
व्रत पूजा की विधि: मंगला गौरी व्रत के दिन महिलाएं व कुंवारी कन्याएं सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और मंगला गौरी व्रत का संकल्प लें. उसके बाद शिव मंदिर में जाकर माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करें. पूजा करने के लिए शिवलिंग का जलाभिषेक करें और पूजा सामग्री में फल-फूल, अक्षत, कुमकुम और सोलह श्रृंगार की वस्तुएं मां पार्वती को अर्पित करें. भगवान शिव को वस्त्र आदि अर्पित कर घर या मंदिर में कथा सुनें. महिलाएं पूजा के बाद अपने पति की लंबी आयु और कुंवारी कन्या जल्दी विवाह की कामना करें. इस व्रत का पारण अगले दिन यानी कि बुधवार को किया जाता है.
इस नक्षत्र में किसी भी तरह के शुभ कार्य से बचें : आज के दिन चंद्रमा सिंह राशि और मघा नक्षत्र में रहेगा. इस नक्षत्र का विस्तार 0 से 13:20 डिग्री तक सिंह राशि में फैला है. इसके देवता पितृगण और नक्षत्र स्वामी केतु हैं. यह उग्र और क्रूर प्रकृति का नक्षत्र है.किसी भी तरह का शुभ कार्य यात्रा या उधार धन लेने का काम इस नक्षत्र में नहीं करना चाहिए. शत्रुओं के विनाश की योजना बनाने का काम किया जा सकता है.