महाकुंभनगरः महाकुंभ में देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को इस बार स्पेशल हाईडेंसिटी ऑक्सीजन फॉरेस्ट का आनंद मिलने जा रहा है. डेढ़ लाख पौधों से महाकुंभनगर को इस तरह संवारा जा रहा है, जिससे देश-विदेश से यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को पर्याप्त प्राणवायु तो मिले ही, साथ ही प्रकृति की खूबसूरती देखकर इस बार का महाकुंभ यादगार बन जाए.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महाकुंभनगर के प्रमुख चौराहों के साथ-साथ यहां आने वाले प्रमुख राजमार्गों को भी प्राकृतिक रूप से सजाने-संवारने का काम चल रहा है. डीएफओ प्रयागराज अरविंद कुमार यादव बताते हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप इस बार के महाकुंभ को दिव्य, नव्य और भव्य बनाने की तैयारी चल रही है. इसके तहत कुल 1,49,620 पौधे लगाने का लक्ष्य तय किया गया है. जिसमें 1,37,964 पौधे अभी तक लगाए भी जा चुके हैं.
10 दिसंबर तक महाकुंभ में पौधरोपण का 100 प्रतिशत कार्य पूरा हो जाएगा. सबसे खास बात तो यह है कि महाकुंभ में एंट्री करते ही श्रद्धालुओं का स्वागत 50 हजार खूबसूरत पौधे करेंगे, जिनकी सुंदरता देखकर देशी-विदेशी पर्यटक खासे उत्साहित नजर आएंगे. हरित महाकुंभ को तैयार करने में वन विभाग की टीम युद्धस्तर की तैयारी कर रही है. पूरे महाकुंभनगर में हर सड़क, हर चौराहे पर खूबसूरत पौधे लगाने का काम चल रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन से पहले ही महाकुंभनगर पूरी तरह से हरा भरा नजर आएगा. प्रयागराज में वन विभाग के आईटी हेड आलोक कुमार पांडेय ने बताया कि महाकुंभनगर के अंदर तथा शहर को जोड़ने वाले प्रवेश और निकास मार्गों को शोभाकर पौधों से सजाया जा रहा है. यहां थीमैटिक रोपण कर 50 हजार सीमेंट गार्ड, 10 हजार गोल आयरन ट्री गार्ड, 2,500 चौकोर आयरन गार्ड सहित तमाम कार्य किए जा रहे हैं.
सरस्वती हाईटेक सिटी में एक हाईडेंसिटी ऑक्सीजन फॉरेस्ट विकसित किया जा रहा है. यह ऑक्सीजन बैंक और नगर वन के रूप में कार्य करेगा. सरस्वती हाइटेक सिटी के अंतर्गत 20 हेक्टेयर में 87,120 पौधे लगाए जा रहे हैं, जो देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करेंगे. योगी सरकार के निर्देश पर महाकुंभनगर में 18 मार्गों पर 190 किलोमीटर के दायरे में करीब 50 हजार पौधे लगाए जाने का काम चल रहा है. महाकुंभनगर के शहरी क्षेत्र में 2,500 पौधे लगाए जा चुके हैं. 50 हजार पौधे प्रमुख रूप से प्रयागराज-अयोध्या मार्ग, प्रयागराज-वाराणसी मार्ग के साथ ही लखनऊ, मिर्जापुर, रीवा और बांदा समेत 18 मार्गों पर लगाने का काम चल रहा है.