हैदराबाद: हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को सीता नवमी मनाई जाती है. इस वर्ष Sita navami 16 मई को होगी. पौराणिक मान्यता है कि इसी दिन देवी सीता धरती पर अवतरित हुई थीं. भगवान राम विष्णु का रूप हैं और माता सीता लक्ष्मी जी का रूप हैं इसलिए इस दिन सीता-राम जी की पूजा करने से भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की भी कृपा मिलती है और जीवन में खुशहाली बनी रहती है. वैशाख माह शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को Sita navami या जानकी नवमी के नाम से भी जाना जाता है.
सीता नवमी कब है - When is sita navami : Sita navami के दिन विवाहित महिलाएं अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए व्रत रखती हैं और देवी सीता की पूजा करती हैं. पंचांग के अनुसार वैशाख माह शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 16 मई को सुबह 6:22 मिनट पर शुरू होगी और 17 मई को सुबह 8:47 मिनट पर समाप्त होगी. Sita navami की पूजा के लिए सुबह 10:56 बजे से 1:39 बजे तक है. इस शुभ मुहूर्त पर आप सीताराम की पूजा कर सकते हैं.
सीता नवमी का महत्व व उपाय :Sita navami के दिन मां को साज-श्रृंगार कर भोग लगाने से दांपत्य जीवन खुशहाल रहता है और वैवाहिक जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं. सीता नवमी के शुभ दिन माता सीता के 108 नाम, सीता सहस्त्रनाम, सीता गायत्री मंत्र, सीता चालीसा और सीता जी की आरती के साथ इस पूजा की जाती है. Sita navami के दिन कुंवारी लड़कियों को अच्छे जीवनसाथी के लिए राम चरित्र मानस का पाठ करना चाहिए. सीता नवमी के शुभ दिन छोटी बच्चियों को भोजन कराना व वस्त्र आदि दान करना शुभ माना गया है. Sita navami के शुभ दिन चींटी, मछलियों, पशु-पक्षियों, सूक्ष्मजीवों आदि को भोजन कराना भी अत्यंत शुभ व कल्याणकारी माना गया है.