हैदराबाद:हिंदू धर्म में गुप्त नवरात्रि का विशेष महत्व है. यह साल में दो बार मनाई जाती है, एक बार माघ मास में और दूसरी बार आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष में. इस नवरात्रि को गुप्त इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें साधक अपनी साधना, अनुष्ठान और पूजा गुप्त रूप से करते हैं. यह तांत्रिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है. लखनऊ के ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र के अनुसार,
इस वर्ष माघ मास की गुप्त नवरात्रि 30 जनवरी से 7 फरवरी तक मनाई जाएगी. इस दौरान, देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा अत्यंत श्रद्धा और भक्ति के साथ की जाती है. आइए इस लेख में जानते हैं कि गुप्त नवरात्रि में राशि अनुसार कौन से उपाय करना लाभकारी होगा.
गुप्त नवरात्रि का महत्व
गुप्त नवरात्रि साधना और आत्म-चिंतन का समय है. यह वह समय है जब साधक अपनी आंतरिक शक्ति को जागृत करने और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त करने के लिए प्रयास करते हैं. माना जाता है कि गुप्त नवरात्रि में किए गए अनुष्ठान और साधना का फल शीघ्र प्राप्त होता है. इस दौरान, भक्त देवी दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं.
राशि अनुसार गुप्त नवरात्रि में किए जाने वाले उपाय
गुप्त नवरात्रि के दौरान राशि के अनुसार कुछ विशेष उपाय करने से सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो सकते हैं. यहां प्रत्येक राशि के लिए कुछ उपाय दिए गए हैं:
मेष राशि:
- पूरी नवरात्रि में देवी की उपासना लाल फूलों से करें.
- नित्य प्रातः और सायं "दुर्गा सप्तशती" का पाठ करें.
- यथाशक्ति तिल और गुड़ का दान करते रहें.
वृष राशि:
- पूरी नवरात्रि में देवी की उपासना सफ़ेद फूलों से करें.
- अधिक से अधिक मां ब्रह्मचारिणी की उपासना करें.
- पीली वस्तुओं का नियमित दान करते रहें.
मिथुन राशि:
- पूरी नवरात्रि में मध्य रात्रि की पूजा अवश्य करें.
- अधिक से अधिक सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करें.
- लाल फल और मिठाई का दान करते रहें.