हैदराबाद :आज 17 जुलाई बुधवार के दिन आषाढ़ महीने की शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि है. इस तिथि के रक्षक भगवान विष्णु है. विवाह समारोह के साथ स्वनियंत्रण और उपवास के लिए यह तिथि अच्छी है. साथ ही धन प्रदायक गतिविधियों की ऊर्जा के साथ खुद को संलग्न करने के लिए भी यह तिथि अच्छी है. आज देवशयनी एकादशी है. आज सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है.
देवशयनी एकादशी और चातुर्मास की शुरुआत: महामाया मंदिर के पंडित मनोज शुक्ला ने बताया कि "हिंदू पंचांग के मुताबिक आषाढ़ महीने की शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि को देवशयनी एकादशी या आषाढ़ी एकादशी कहा जाता है. देवशयनी का तात्पर्य है कि आज के दिन से भगवान विष्णु चार महीने की योग निद्रा में चले जाते हैं. आज से ही चातुर्मास प्रारंभ होता है जोकि भगवान शंकर और उनके परिवार के लिए समर्पित है. चातुर्मास प्रारंभ होते ही शुभ और मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है. शुभ और मांगलिक कार्य की चार महीने के बाद देवउठनी एकादशी से शुरू होंगे. Ashadhi ekadashi के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान से निवृत होकर भगवान विष्णु का गंगाजल से अभिषेक करें ना चाहिए, भगवान विष्णु को पुष्प-तुलसी दल अर्पित करें और घर के मंदिर में दीपक प्रज्वलित करें.
कृषि कार्य और यात्रा के लिए शुभ है नक्षत्र : आज के दिन चंद्रमा वृश्चिक राशि और अनुराधा नक्षत्र में रहेगा.यह नक्षत्र वृश्चिक राशि में 3:20 से लेकर 16:40 तक फैला हुआ है. इसके शासक ग्रह शनि और देवता मित्र देव हैं, जो 12 आदित्यों में से एक हैं. यह सौम्य स्वभाव का नक्षत्र है. ललित कलाओं को सीखने, दोस्ती करने, रोमांस करने, नए परिधान पहनने, विवाह, गायन और जुलूस आदि में शामिल होने के साथ कृषि कार्यों और यात्रा के लिए यह शुभ नक्षत्र है.