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आदिवासी एकता महारैली को लेकर बंधु तिर्की ने कार्यकर्ताओं संग की बैठक, कहा- आदिवासियों को बांटने की भाजपा की है मंशा - आदिवासी एकता महारैली

Bandhu Tirkey held meeting. रांची में चार फरवरी को आदिवासी एकता महारैली का आयोजन किया गया है. इसे लेकर तैयारियां जोर-शोर से की जा रही हैं.

Bandhu Tirkey held meeting with workers regarding Tribal Unity Maharally
Bandhu Tirkey held meeting with workers regarding Tribal Unity Maharally

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 31, 2024, 11:41 AM IST

रांची: 4 फरवरी को डीलिस्टिंग के खिलाफ होने वाली आदिवासी एकता महारैली को लेकर पूर्व मंत्री बंधु तिर्की ने रांची जिले के ग्रामीण एवं शहरी कार्यकर्ताओं और आदिवासी नेताओं के साथ अहम बैठक की. पूर्व मंत्री बंधु तिर्की ने कहा कि डीलीस्टिंग रैली राज्य के विभिन्न आदिवासी व सरना समितियां और सभी आदिवासी समुदाय के बीच भ्रम पैदा कर रही है.

बैठक में आए केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष कहा कि 4 फरवरी को होने वाली महारैली को लेकर आदिवासी बहुत क्षेत्र में व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार किया जा रहा है. आदिवासी समुदाय के सभी जाति के लोगों के बीच जनसंपर्क, मीटिंग और बैठक का दौर जारी है. गांव और चौक चौराहों पर चर्चा और पंपलेट के माध्यम से लोगों को आमंत्रित किया जा रहा है.

बैठक में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पर्व मंत्री बंधु तिर्की ने कहा कि भाजपा, आरएसएस की आदिवासी विरोधी नीतियां आदिवासी समाज के लोगों को आपस में लड़ाकर बांटने का षड्यंत्र रच रही है. आदिवासी एकता महारैली आयोजन समिति के संयोजक लक्ष्मी नारायण मुंडा ने कहा कि डीलिस्टिंग के माध्यम से भारतीय जनता पार्टी चाहती है कि देश से आदिवासी समुदाय को समाप्त कर दिया जाए. भारत एक धर्मनिरपेक्ष राज्य है और यहां पर सभी जाति और धर्म के लोगों को बराबर का सम्मान मिलता रहा है. लेकिन पिछले कुछ वर्षों से और जब से भारतीय जनता पार्टी का शासन काल आया है तब से भाजपा के नेता देश को हिंदू राष्ट्र घोषित करने में जुटे हुए हैं.

वहीं इस कार्यक्रम में बंधु तिर्की, अजय तिर्की, प्रेम शाही मुंडा, रतन तिर्की, प्रभाकर तिर्की, रमा खलखो, सुषमा बिरुली, अमर उरांव, अशोक मुंडा, दीपक मुंडा, सुनील होड़ो, परमेश्वर मुंडा, हरिनारायण महली, हरि कुमार भगत, सुनील तिर्की, सबिता कुजूर, बिनु एक्का, गोपाल तिर्की, संजय तिर्की, योगेंद्र उरांव, लाला महली सहित आदिवासी समुदाय के कई गणमान्य मौजूद रहे.

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