नई दिल्ली: बांग्लादेश में अशांति और शेख हसीना सरकार को गिराने में संलिप्तता के गंभीर आरोपों को अमेरिका ने खारिज कर दिया है. सोमवार को एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जीन पियरे ने सभी रिपोर्टों और अफवाहों का खंडन करते हुए कहा कि बांग्लादेश के घटनाक्रम में हमारी कोई संलिप्तता नहीं है. ऐसी कोई भी रिपोर्ट या अफवाह कि इन घटनाओं में अमेरिकी सरकार शामिल थी, पूरी तरह से झूठी है. यह सच नहीं है. यह बांग्लादेशी लोगों के लिए और उनके द्वारा चुना गया विकल्प है. हमारा मानना है कि बांग्लादेश के लोगों को बांग्लादेशी सरकार का भविष्य तय करना चाहिए और हम इसी लाइन पर खड़े हैं. अमेरिका की भूमिका को लेकर सारे आरोप असत्य हैं.
अमेरिका में हिंदू नागरिकों के खिलाफ अत्याचारों के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव ने कहा कि सरकार स्थिति पर नजर रख रही है. मेरे पास इसके अलावा और कुछ कहने के लिए नहीं है. लेकिन जब भी यहां किसी भी तरह के मानवाधिकार मुद्दों की बात आती है, तो राष्ट्रपति हमेशा सार्वजनिक और निजी तौर पर इस पर बात रखते हैं.
उन्होंने कहा, "भारत के साथ अमेरिका का संबंध दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण संबंधों में से एक है. हम क्वाड और यूएस-भारत पहल के जरिये अपनी सबसे महत्वपूर्ण प्राथमिकताओं पर भारत के साथ मिलकर महत्वपूर्ण और उभरती हुई प्रौद्योगिकी काम करते हैं. इसलिए, हम अपनी महत्वपूर्ण और रणनीतिक साझेदारी का विस्तार जारी रखने और अमेरिकी लोगों को कैसे लाभ पहुंचाने जा रहे हैं, इस पर विचार करने के लिए तत्पर हैं. हम अधिक समृद्ध और सुरक्षित इंडो-पैसिफिक और दुनिया बनाना चाहते हैं."
जानें शेख हसीना ने क्या कहा था
बांग्लादेश की सत्ता से बेदखल होने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने दावा किया था कि अगर उन्होंने सेंट मार्टिन द्वीप और बंगाल की खाड़ी को अमेरिका के हवाले कर दिया होता तो वह प्रधानमंत्री के रूप में बनी रह सकती थीं. हालांकि, शेख हसीना के बेटे साजीब वाजेद ने इस बात से इनकार किया कि उनकी मां ने कभी ऐसा कोई बयान दिया है. उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "अखबार में प्रकाशित मेरी मां का हालिया बयान पूरी तरह से झूठा और मनगढ़ंत है. मैंने अभी उनसे पुष्टि की है कि उन्होंने ढाका छोड़ने से पहले या बाद में कोई बयान नहीं दिया है."
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