बीजिंग : सीरिया में बशर अल असद की सत्ता का जाना, चीन के लिए एक बड़ी परेशानी की वजह बन सकता है. उइगर बहुल उग्रवादी समूह तुर्किस्तान इस्लामिक पार्टी (टीआईपी) ने सीरिया से चीन के झिंजियांग क्षेत्र तक ‘जिहाद’ फैलाने की घोषणा की है. 8 दिसंबर को जारी एक भड़काऊ वीडियो में ग्रुप ने पहले से कहीं ज्यादा तीखी चीन विरोधी बयानबाजी की.
समूह के 'पूर्वी तुर्किस्तान' पर ध्यान केंद्रित करने की संभावना है. बता दें उइगर अलगाववादी और उनके समर्थक चीन के झिंजियांग या झिंजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र (एक्सयूएआर) को 'पूर्वी तुर्किस्तान' कहते हैं. टीआईपी के नए वीडियो के बाद से क्षेत्र में सुरक्षा और रणनीतिक चिंताएं बढ़ गई हैं.
सुरक्षा पर्यवेक्षकों के अनुसार, 1990 के दशक में झिंजियांग से भागकर टीआईपी ने सीरियाई गृह युद्ध को ट्रेनिंग के मैदान के रूप में इस्तेमाल किया. इसने तबाह देश में प्रमुख इस्लामी विद्रोही गुट हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) के साथ गठबंधन किया. पिछले दशक में, टीआईपी के लड़ाकों ने सीरिया में युद्ध का अनुभव प्राप्त किया. उन्होंने अपदस्थ सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद के प्रति वफादार बलों के खिलाफ प्रमुख हमलों में भाग लिया.
ऐसा माना जाता है कि लताकिया और टार्टस जैसे रणनीतिक सीरियाई शहरों पर कब्जा करने में टीआईपी लड़ाकों ने बड़ी भूमिका निभाई. बशर अल-असद शासन के अचानक पतन के साथ, टीआईपी ने पूर्वी तुर्किस्तान (झिंजियांग) को 'आजाद' करने की कसम खाई है, जो राजधानी उरुमकी, काशगर और अक्सू जैसे प्रमुख एक्सयूएआर शहरों के लिए सीधा खतरा है.
समूह के प्रचार वीडियो, जिसमें युद्ध-कौशल वाले लड़ाके और उनकी उन्नत रणनीतियां दिखाई गई हैं, अंतरराष्ट्रीय हमलों को अंजाम देने की उनकी क्षमता के बारे में आशंकाओं को बढ़ाते हैं. इससे बीजिंग के लिए चिंता और बढ़ गई है. हालांकि जानकार ऐसा मानते हैं कि टीआईपी का फिर से उभरना क्षेत्रीय स्थिरता के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है. यह एक ऐसा मुद्दा है जो नई दिल्ली के लिए भी मुश्किलें खड़ी सकता है.