सैन फ्रांसिस्को: भारतीय मूल के अमेरिकी एआई रिसर्चर सुचिर बालाजी की मौत का मामला इस समय मीडिया की सुर्खियों में हैं. सुचिर की 26 नवंबर को सैन फ्रांसिस्को में मौत हुई थी. वह अपने अपार्टमेंट में मृत पाए गए थे. पुलिस ने इसे आत्महत्या का मामला बताया था. हालांकि, सुचिर बालाजी के परिवार ने मौत को संदिग्ध मानते हुए एफबीआई जांच की मांग की है. वहीं इस मामले पर दुनिया के दिग्गज बिजनेसमैन एलन मस्क भी संदेह जता चुके हैं. बता दें कि, 'ओपनएआई' को लेक सुचिर ने कई खुलासे किए थे.
एलन मस्क ने एक्स पोस्ट पर कहा है कि यह आत्महत्या जैसा मामला नहीं लगता. सुचिर की मां ने मस्क से मामले में मदद की गुहार लगाई है. सैन जोस मर्करी न्यूज के अनुसार, बालाजी अपने बुकानन स्ट्रीट अपार्टमेंट के अंदर मृत पाए गए थे. उनके मृत होने की पुष्टि सैन फ्रांसिस्को पुलिस और मुख्य चिकित्सा परीक्षक के कार्यालय ने की थी. चिकित्सा परीक्षक के कार्यालय ने मृत्यु के तरीके को आत्महत्या माना था.
उसके बाद पुलिस अधिकारियों ने कहा कि 'वर्तमान में, किसी भी तरह की गड़बड़ी का कोई सबूत नहीं है.' इस पूरे मामले पर सुचिर की मां पूर्णिमा रामाराव ने एफबीआई जांच की मांग करते हुए दावा किया है कि उनके बेटे सुचिर के अपार्टमेंट में तोड़फोड़ की गई. बाथरूम में खून के धब्बे पाए गए, जो हत्या की ओर संकेत करते हैं.
सुचिर की मां पूर्णिमा राव ने एक्स पोस्ट पर लिखा..
'हमने निजी जांचकर्ता को काम पर रखा और मौत के कारण पर प्रकाश डालने के लिए दूसरा शव परीक्षण किया. निजी शव परीक्षण पुलिस द्वारा बताई गई मौत के कारण की पुष्टि नहीं करता है. सुचिर के अपार्टमेंट में तोड़फोड़ की गई थी, बाथरूम में संघर्ष के निशान थे और खून के धब्बों के आधार पर ऐसा लग रहा था कि किसी ने बाथरूम में उसे मारा था.यह एक निर्दयी हत्या है जिसे अधिकारियों ने आत्महत्या घोषित किया है. सैन फ्रांसिस्को शहर में पैरवी करना हमें न्याय पाने से नहीं रोक सकता. हम एफबीआई जांच की मांग करते हैं.'
सुचिर बालाजी ने लगभग चार साल तक 'ओपनएआई' में काम किया था. तब उन्हें एहसास हुआ कि यह तकनीक समाज को फायदे से ज्यादा नुकसान पहुंचाएगी. यह बात उन्होंने न्यूयॉर्क टाइम्स से कही थी. अक्टूबर में 'एक्स' पर एक पोस्ट करके बालाजी बताया था, "मैं लगभग 4 साल तक 'ओपनएआई' में था और उनमें से पिछले 1.5 साल तक 'चैटजीपीटी' पर काम किया. शुरुआत में मुझे कॉपीराइट, फेयर यूज आदि के बारे में अधिक जानकारी नहीं थी, लेकिन 'जेनएआई' कंपनियों के खिलाफ सभी मुकदमों को देखने के बाद मैं जानने को उत्सुक हो गया."
बालाजी ने आगे लिखा, "जब मैंने इस मुद्दे को बेहतर ढंग से समझने की कोशिश की, तो अंत में इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि फेयर यूज कई 'जेनएआई' उत्पादों के लिए एक बहुत ही अविश्वसनीय डिफेंस की तरह लगता है, मूल कारण यह है कि वे ऐसे विकल्प बना सकते हैं जो उस डाटा के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं जिस पर उन्हें प्रशिक्षित किया जाता है." बालाजी कंप्यूटर विज्ञान का अध्ययन करने के लिए कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले गय थे. वह कैलिफोर्निया के क्यूपर्टिनो में पले-बढ़े.
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