नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा मंगलवार को फिलीपींस को उसकी संप्रभुता बनाए रखने में भारत के दृढ़ समर्थन का दावा करने के तुरंत बाद, चीन का बयान सामने आया है. चीन ने भारत से दक्षिण चीन सागर पर उसके संप्रभुता के दावों का सम्मान करने का आग्रह किया, जहां उसका फिलीपींस के साथ विवाद चल रहा है. चीन ने कहा कि दोनों देशों के बीच समुद्री विवाद में किसी तीसरे पक्ष को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए.
समुद्री विवाद संबंधित देशों के आपसी मुद्दे - चीन
एक नियमित प्रेस ब्रीफिंग में, चीनी एमएफए के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा, 'तीसरे पक्ष को किसी भी तरह से हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है. समुद्री विवाद संबंधित देशों के बीच के मुद्दे हैं. तीसरे पक्ष को किसी भी तरह से हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है'.
उन्होंने कहा, 'हम संबंधित पक्षों से दक्षिण चीन सागर मुद्दे पर तथ्यों और सच्चाई का दृढ़ता से सामना करने और चीन की क्षेत्रीय संप्रभुता, समुद्री अधिकारों और हितों तथा दक्षिण चीन सागर को शांतिपूर्ण और स्थिर रखने के क्षेत्र के देशों के प्रयासों का सम्मान करने का आग्रह करते हैं'.
यह बयान दक्षिण चीन सागर में चल रही चीन की आक्रामक कार्रवाइयों के बीच आया है. फिलीपींस के रक्षा मंत्री ने हाल ही में टकराव के बाद दक्षिण चीन सागर में अपने दावों पर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता की मांग करने के लिए सोमवार को चीन को चुनौती दी. सूत्रों के मुताबिक, मनीला ने चीन के तटरक्षक बल पर विवादित सेकेंड थॉमस शोल में एक नागरिक नाव पर पानी की बौछार का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया. इससे नुकसान हुआ और चोटें आईं.