नई दिल्ली/ढाका: चार महीने पहले बांग्लादेश के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और देश छोड़कर भागने के बाद अपने पहले सार्वजनिक संबोधन में प्रधानमंत्री शेख हसीना ने देश के अंतरिम नेता मोहम्मद यूनुस पर तीखा हमला किया है. उन्होंने उन पर "नरसंहार" करने और हिंदुओं सहित अल्पसंख्यकों की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाया है.
न्यूयॉर्क में एक कार्यक्रम में अपने समर्थकों को वर्चुअली संबोधित करते हुए, वर्तमान में भारत में रह रहीं हसीना ने यह भी दावा किया कि उन्हें और उनकी बहन शेख रेहाना को मारने की योजना बनाई जा रही है, ठीक उसी तरह जैसे 1975 में उनके पिता शेख मुजीबुर रहमान की हत्या की गई थी.
यूनुस को 'सत्ता का भूखा' बताते हुए हसीना ने आरोप लगाया कि बांग्लादेश में पूजा स्थलों पर हमले हो रहे हैं और मौजूदा सरकार इस स्थिति से निपटने में पूरी तरह विफल रही है. हसीना रविवार को 16 दिसंबर को मनाए जाने वाले 'बिजॉय डिबोस' या विजय दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में अपनी अवामी लीग पार्टी के समर्थकों से बात कर रही थीं.
हालांकि हसीना ने पिछले कुछ महीनों में कई बयान दिए हैं, लेकिन बांग्लादेश में घटनाक्रम पर करीबी नजर रखने वाले एक विशेषज्ञ ने कहा कि, शरण लेने के बाद यह उनका पहला सार्वजनिक संबोधन था.
उन्होंने कहा कि, सशस्त्र प्रदर्शनकारियों को गणभवन (प्रधानमंत्री का आधिकारिक निवास) की ओर भेजा गया था. अगर सुरक्षा गार्डों ने गोली चलाई होती, तो कई लोगों की जान जा सकती थी. यह 25-30 मिनट का मामला था, और उन्हें मजबूरन वहां से निकल जाना पड़ा. उन्होंने सुरक्षा गार्डों से कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए, गोली न चलाएं."
शेख हसीना ने कहा कि, उन पर नरसंहार का आरोप लगाया जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि, वास्तव में, यूनुस ने बहुत ही सोच-समझकर नरसंहार किया है. पूर्व पीएम ने कहा कि इस नरसंहार के पीछे मास्टरमाइंड, छात्र समन्वयक और यूनुस हैं. अपने लगभग एक घंटे के संबोधन में हसीना ने कहा कि ढाका में मौजूदा सरकार अल्पसंख्यकों की रक्षा करने में विफल रही है.
उन्होंने कहा कि, बांग्लादेश में हुई हिंसा के दौरान हिंदू, बौद्ध, ईसाई किसी को भी नहीं बख्शा गया है. ग्यारह चर्चों को ध्वस्त कर दिए गए, मंदिरों और बौद्ध तीर्थस्थलों को तोड़ दिया गया है. जब हिंदुओं ने विरोध किया, तो इस्कॉन के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास को गिरफ्तार कर लिया गया. उन्होंने सवाल किया,"अल्पसंख्यकों पर यह अत्याचार क्यों किया जा रहा है? उन्हें बेरहमी से क्यों सताया जा रहा है और उन पर हमला क्यों किया जा रहा है."
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