बंदर सेरी बेगवान: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रूनेई की राजकीय यात्रा पर मंगलवा को बंदर सेरी बेगवान पहुंचे. ब्रूनेई के क्राउन प्रिंस हाजी अल-मुहतदी बिल्लाह ने पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया और एयरपोर्ट पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.
इसके बाद पीएम मोदी बंदर सेरी बेगवान के एक होटल में पहुंचे. यहां प्रवासी भारतीयों ने उनका स्वागत किया. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों से हाथ मिलाया और उनका अभिवादन किया. साथ ही उन्होंने एक बच्ची से बातचीत की, जिसने पीएम मोदी को उनका स्केच भेंट किया. पीएम मोदी से मिलने के बाद प्रवासी भारतीयों के एक सदस्य ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी ने बच्चों द्वारा बनाई गई पेंटिंग देखीं और उन्हें वे बहुत पसंद आईं. उन्होंने पेंटिंग पर अपने ऑटोग्राफ भी दिए...मुझे बहुत खुशी हो रही है."
वहां पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ब्रूनेई दारुस्सलाम पहुंच गया हूं. हमारे देशों के बीच मजबूत संबंधों, खासकर वाणिज्यिक और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने की उम्मीद है. मैं क्राउन प्रिंस हाजी अल-मुहतादी बिल्लाह को हवाई अड्डे पर मेरा स्वागत करने के लिए धन्यवाद देता हूं.
भारतीय उच्चायोग के नए कार्यालय का उद्घाटन
प्रधानमंत्री मोदी ने शाम में बंदर सेरी बेगवान में भारतीय उच्चायोग के नए कार्यालय का उद्घाटन किया. इस अवसर पर विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल भी मौजूद थे.
पीएम मोदी ने उमर अली सैफुद्दीन मस्जिद का दौरा किया
प्रधानमंत्री मोदी ने बंदर सेरी बेगवान में प्रतिष्ठित उमर अली सैफुद्दीन मस्जिद का दौरा भी किया. ब्रूनेई के धार्मिक मामलों के मंत्री हाजी अवांग बदरुद्दीन ने उनका स्वागत किया. ब्रूनेई के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हाजी मोहम्मद इशाम भी इस अवसर पर मौजूद थे. प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करने के लिए वहां बड़ी संख्या भारतीय समुदाय के लोग भी आए थे. पीएम मोदी से हाथ मिलने के लिए लोग काफी उत्सुक दिखे.
पीएम मोदी बुधवार को सुल्तान हसनल बोल्किया के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे. इसके बाद वह सिंगापुर दौरे के लिए रवाना होंगे.
भारत-ब्रूनेई संबंधों पर नजर
पिछले कुछ वर्षों में भारत-ब्रूनेई के बीच द्विपक्षीय संबंधों और विभिन्न क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ा है. दोनों देशों के बीच मधुर और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं. दोनों देश एक सहस्राब्दी पुराने इतिहास, संस्कृति और परंपरा से जुड़े हुए हैं. ब्रूनेई को ब्रिटिश से स्वतंत्रता मिलने के बाद 10 मई 1984 को दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध स्थापित हुए थे. इस वर्ष भारत-ब्रूनेई के संबंधों की स्थापना की 40वीं वर्षगांठ है. भारत और ब्रूनेई के बीच संबंध मजबूत पारंपरिक और सांस्कृतिक संबंधों और संयुक्त राष्ट्र, गुटनिरपेक्ष आंदोलन और राष्ट्रमंडल की सदस्यता पर आधारित हैं. ब्रूनेई के सुल्तान हाजी हसनल बोल्किया ने 1992 और 2008 में भारत की राजकीय यात्रा की थी और आसियान-भारत सम्मेलन में भाग लिया था.
आसियान क्षेत्र में भारत का प्रमुख साझेदार है ब्रूनेई
ब्रूनेई आसियान क्षेत्र में भारत का प्रमुख साझेदार है और भारत के हिंद-प्रशांत क्षेत्र के दृष्टिकोण के लिए भी अहम है. जुलाई 2012 से जून 2015 तक आसियान-भारत संबंधों में समन्वयक के रूप में ब्रूनेई ने आसियान के साथ भारत के जुड़ाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध ऊर्जा और अंतरिक्ष सहयोग सहित विविध सहयोग क्षेत्रों में झलकते हैं.
2023-24 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 286.20 मिलियन अमरीकी डॉलर था. दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग की अपार संभावनाएं हैं. भारत और ब्रूनेई के बीच 2016 में रक्षा सहयोग के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे और 2021 में इसका नवीनीकरण किया गया.
दोनों देशों के बीच राजनीतिक संबंध
1984 में राजनयिक संबंधों की स्थापना के बाद 18 मई 1993 को ब्रूनेई में भारतीय मिशन की स्थापना की गई. इससे पहले, कुआलालंपुर में भारतीय मिशन ही ब्रूनेई के मामलों को भी देखता था. 12 अगस्त 1992 को भारत में ब्रूनेई का उच्चायोग स्थापित किया गया था, जिसका नेतृत्व एक कार्यवाहक उच्चायुक्त द्वारा किया जाता था.
ब्रूनेई के सुल्तान हाजी हसनल बोल्किया ने 15-18 सितंबर 1992 तक भारत की अपनी पहली राजकीय यात्रा की थी. सुल्तान की दूसरी राजकीय यात्रा 20-23 मई 2008 को हुई थी. सुल्तान ने 20-21 दिसंबर 2012 को भारत-आसियान साझेदारी वार्ता के 20 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आसियान-भारत स्मारक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए भी भारत का दौरा किया था.
सुल्तान बोल्किया 2018 में गणतंत्र दिवस परेड में शामिल हुए थे
24-26 जनवरी 2018 को, ब्रूनेई के सुल्तान हाजी हसनल बोल्किया ने भारत-आसियान वार्ता साझेदारी के 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आसियान-भारत स्मारक शिखर सम्मेलन के लिए भारत का दौरा किया था. यह उनकी भारत की चौथी यात्रा थी. सुल्तान बोल्किया ने 26 जनवरी 2018 को अन्य आसियान सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ मुख्य अतिथि के रूप में गणतंत्र दिवस परेड में भी भाग लिया था.
नवंबर 2014 में हुई पीएम मोदी और सुल्तान बोल्किया की पहली मुलाकात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रूनेई के सुल्तान हसनल बोल्किया ने पहली बार 12 नवंबर 2014 को म्यांमार की राजधानी नेपीता में आसियान-संबंधित शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात की थी. इसके बाद दोनों नेताओं ने 14 नवंबर 2017 को मनीला (फिलीपींस) में आसियान-संबंधित शिखर सम्मेलन के दौरान भी मुलाकात की थी. तत्कालीन उपराष्ट्रपति डॉ. हामिद अंसारी ने 1-3 फरवरी 2016 को ब्रूनेई का दौरा किया था.
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने 26 जुलाई 2024 को लाओस के वियनतियाने में आसियान बैठकों के दौरान ब्रूनेई के विदेश मंत्री दातो हाजी एरीवान से मुलाकात की और दोनों देशों के राजनयिक संबंधों के 40 साल पूरे होने का जश्न मनाते हुए एक लोगो लॉन्च किया. ब्रूनेई के विदेश मंत्री दातो हाजी एरीवान ने 17 अगस्त 2024 को तीसरे वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन के विदेश मंत्रियों के सत्र में वर्चुअल रूप से भाग लिया.
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