पाकिस्तान में वरिष्ठ पत्रकार की गोली मारकर हत्या - Pakistan Journalist - PAKISTAN JOURNALIST
Pakistan Journalist Khalil Jibran gunned down: पाकिस्तान में पत्रकार भी सुरक्षित नहीं हैं. अज्ञात बंदूकधारियों ने एक पत्रकार की गोली मारकर हत्या कर दी. आशंका जताई जा रही है कि आतंकवादियों ने वारदात को अंजाम दिया.
पत्रकार की गोली मारकर हत्या (प्रतिकात्मक फोटो) (ETV Bharat)
खैबर पख्तूनख्वा: पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार खलील जिब्रान की खैबर पख्तूनख्वा में अपने आवास के पास अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी. जिला पुलिस अधिकारी (DPO) खैबर सलीम अब्बास ने बताया कि एक निजी समाचार चैनल में काम करने वाले जिब्रान को मोटरसाइकिल पर सवार अज्ञात बदमाशों ने उस समय निशाना बनाया जब वह अपने दोस्त सज्जाद एडवोकेट के साथ अपने घर की ओर जा रहे थे.
डीपीओ ने बताया, 'पत्रकार की कार में उनके घर के पास खराबी आ गई, जिसके बाद बंदूकधारियों ने उन्हें घेर लिया, उन्हें गाड़ी से बाहर खींच लिया और उन पर गोलियां चला दी. उनकी मौके पर ही मौत हो गई और सज्जाद घायल हो गए. अपराधी घटनास्थल से भाग गए. उन्होंने बताया कि यह घटना लांडी कोटल पुलिस थाने के निकट मजरीना इलाके में हुई. पुलिस अधिकारी के अनुसार जिब्रान लांडी कोटल प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष भी थे. शव को पोस्टमार्टम के लिए लांडी कोटल अस्पताल ले जाया गया.
डीपीओ अब्बास ने दावा किया कि जिब्रान को आतंकवादियों से धमकियां भी मिली थीं. खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंदापुर ने घटना का संज्ञान लिया और संबंधित अधिकारियों को पत्रकार की हत्या के दोषियों को तुरंत गिरफ्तार करने का आदेश दिया. एक बयान में एसोसिएशन ऑफ इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एडिटर्स एंड न्यूज डायरेक्टर्स (एईएमईएनडी) ने ऐसी घटनाओं को रोकने में उच्च अधिकारियों की विफलता की आलोचना की, क्योंकि पत्रकारों को देश भर में लगातार यातना, अपहरण और धमकियों का सामना करना पड़ रहा है.
पिछले महीने, सिंधी अखबार के एक अन्य पत्रकार नसरुल्लाह गदानी को मीरपुर माथेलो से 12 किलोमीटर दूर कोराई गोथ के पास अज्ञात मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने निशाना बनाया था, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे. दुर्भाग्यपूर्ण घटना के समय गदानी अपनी मोटरसाइकिल पर सवार थे. हमले के बाद, पुलिस ने उन्हें सिविल अस्पताल मीरपुर माथेलो में भर्ती कराया, जहां उन्हें आपातकालीन चिकित्सा सहायता दी गई और फिर सर्जरी के लिए रहीम यार खान भेज दिया गया. बाद में उन्हें बेहतर इलाज के लिए एयर एम्बुलेंस के जरिए कराची ले जाया गया. सिंध सरकार ने उनकी सभी चिकित्सा लागतों को वहन करने की घोषणा की. हालांकि, उन्हें एक बेहतर अस्पताल में स्थानांतरित करने का भी कोई फायदा नहीं हुआ और लगभग तीन दिन बाद उन्होंने दम तोड़ दिया.