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पाकिस्तान चुनाव परिणाम : 2024 की तरह 2018 में भी इलेक्शन रिजल्ट पर उठे थे सवाल

Question on Pakistan Election Result : पाकिस्तानी मीडिया ने पाकिस्तान चुनाव परिणाम 2024 को लेकर सवाल उठाए हैं. ये सवाल बहुत कुछ वैसे ही हैं, जैसा कि 2018 में मतगणना के दौरान उठे थे. 2018 में अधिकांश पीठासीन अधिकारियों के पास अपडेटेड स्मार्टफोन नहीं थे, जिसकी वजह से वे परिणामों को जल्द से जल्द अपडेट नहीं कर पा रहे थे. आज भी स्थिति में बहुत बड़ा बदलाव नहीं हुआ है.

pakistan general elections 2024
प्रतिकात्मक तस्वीर. (AP)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 9, 2024, 1:56 PM IST

Updated : Feb 9, 2024, 2:21 PM IST

नई दिल्ली : पाकिस्तान में गुरुवार को हुए मतदान के बाद शुक्रवार दोपहर 12 बजे तक मतगणना जारी रहने के कारण पाकिस्तानी मीडिया में पूरी चुनाव प्रक्रिया को लेकर सवाल खड़े हो गये. तमाम तरह की कांस्पीरेसी थ्योरी पाकिस्तानी मीडिया में चलने लगी है. पाकिस्तानी मीडिया में सवाल उठाये जा रहे हैं कि क्या यह पाकिस्तान का चुनाव आयोग इस स्थिति के लिए तैयार नहीं था या फिर चुनाव आयोग ने जानबूझ कर खुद को ऐसी स्थिति में डाला. पाकिस्तान के अखबार डॉन के मुताबिक मतदान से पहले ही चुनाव आयोग ने यह तय किया था कि वह मतगणना और परिणामों के लिए इंटरनेट पर निर्भर नहीं रहेगा.

चुनाव आयोग का तर्क था कि सुरक्षा स्थितियों को देखते हुए यह अंदाजा था कि पाकिस्तान में इंटरनेट और मोबाइल सेवाओं पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है. इसलिए वह घरेलू चुनाव प्रबंधन प्रणाली (ईएमएस) का उपयोग करेगा. जिसके तहत पीठासीन अधिकारियों को अपने मतदान केंद्रों के परिणामों को 'भौतिक रूप से' अपने संबंधित रिटर्निंग अधिकारियों के कार्यालयों तक भेजना होता है.

पाकिस्तान में लोगों ने गुरुवार को मतदान किया. (AP)

बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब चुनाव आयोग ने इस तरह का फैसला लिया. इससे पहले 2018 में हुए चुनाव के बाद मतगणना में भी प्रक्रियागत समस्या आयी थी. जिसके बाद दुनिया भर की मीडिया में पाकिस्तान में हुए चुनाव की विश्वसनीयता पर सवाल उठे थे. 2018 में हुए चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरिक-ए-इंसाफ को बहुमत मिला था.

पाकिस्तान में वोटिंग के दौरान सुरक्षा के कड़े इंजताम किये गये थे. (AP)

अतीत से नहीं ली सीख: साल 2018 में पाकिस्तान में हुए चुनाव में इस्तेमाल किए गए तथाकथित आरटीएस (रिजल्ट ट्रांसमिशन सिस्टम) की विफलता के कारण पूरी दुनिया में उसकी फजिहत हुई थी. तब चुनाव अधिकारियों ने कहा कि ज्यादा लोड पड़ने के कारण सर्वर डाउन हो गया. और इस वजह से यह सिस्टम फेल हो गया. हालांकि तब भी विशेषज्ञों ने सवाल उठाये थे कि यह कैसे हो सकता है. खासतौर से जब पहले से पता हो कि इस सिस्टम को कितने लोग (85000) इस्तेमाल करने वाले हैं. इस सवाल को और भी बल मिला क्योंकि इसे विकसित करने वाली पाकिस्तानी संस्था NADRA के पास इस काम का पूरा अनुभव भी था. तब यह सिस्टम पूरी तरह से इंटरनेट आधारित था.

लेकिन तब यानी 2018 में अधिकांश पीठासीन अधिकारियों के पास हाईएंड स्मार्टफोन नहीं थे जो आरटीएस एप से फोटो खींचकर भेज सके. उस समय महंगा डेटा होने के कारण पाकिस्तान में हाईएंड स्मार्ट फोन का इस्तेमाल आम नहीं था. अधिकांश लोग मोबाइल डेटा का उपयोग नहीं करते थे या सस्ते प्लान चुनते थे जो फॉर्म 45 की बड़े आकार की स्कैन की गई छवियों को अपलोड करने के लिए आवश्यक बैंडविड्थ का समर्थन नहीं करती थी. कई यूजर्स को लॉगइन करना भी नहीं आता था.

पाकिस्तान में वोटिंग के दौरान सुरक्षा के कड़े इंजताम किये गये थे. (AP)

आज और कल क्या हुआ :इसबार, कल यानी गुरुवार शाम को मतगणना शुरू होने के बाद पाकिस्तान की घरेलू चुनाव प्रबंधन प्रणाली पूरी तरह से ढह गई. पाकिस्तानी पत्रकारों के मुताबिक जिन परिणामों को रात साढ़े 10 बजे तक आ जाना चाहिए था वह शनिवार दोपहर 12 बजे तक नहीं आये. ऐसे में मीडिया में यह सवाल उठ रहा है कि क्यों पाकिस्तानी चुनाव आयोग ने ऐसी प्रणाली का इस्तेमाल करने की जिद ठानी जो पहले से ही सवालों के घेरे में था. क्या यह किसी बड़ी साजिश की ओर इशारा करती है. क्या पाकिस्तान में आने वाले चुनाव परिणाम पूरी तरह से निष्पक्ष होंगे.

पाकिस्तान में लोगों ने गुरुवार को मतदान किया. (AP)

डॉन के मुताबिक चुनाव आयोग के फैसले से यह भी सवाल खड़ा हो गया था कि पीठासीन अधिकारी विवादास्पद चुनाव प्रबंधन प्रणाली का उपयोग करके अपने संबंधित मतदान केंद्रों के चुनाव परिणाम कैसे प्रसारित करेंगे. पाकिस्तान चुनाव आयोग के दावे को लेकर पहले से ही सशंकित विशेषज्ञों का कहना है कि जैसी आशंका थी वैसी ही स्थिति सामने आई है.

दूरसंचार विशेषज्ञ अंसार उल हक ने पाकिस्तानी अखबार डॉन से कहा कि डिजिटल युग में यह पहले से ही एक व्यावहारिक समाधान की तरह नहीं लगता है जब आप दावा करते हैं कि ऑफलाइन रहते हुए पीठासीन अधिकारियों के परिणाम प्रसारित किए जाएंगे. दूसरी बात, लाइव संचार के बिना, यह स्वतंत्र सत्यापन और पारदर्शिता में बाधा डालता है, जो अंतरराष्ट्रीय विश्वास के लिए महत्वपूर्ण है. किसी भी स्थिति में इंटरनेट शटडाउन खुलेपन पर प्रभाव डालता है, जिससे चुनाव प्रक्रिया में सार्वजनिक और अंतर्राष्ट्रीय चिंताएं पैदा होती हैं.

गुरुवार शाम से ही पाकिस्तान में मतगणना जारी है. (AP)

चुनाव आयोग के दफ्तर में स्थापित मीडिया में कैसा था दृश्य:पाकिस्तान के अखबार डॉन के मुताबिक, पाकिस्तान चुनाव आयोग के दफ्तर में स्थापित मीडिया सेल में बड़ी संख्या में स्थानीय और विदेशी पत्रकार मौजूद थे, जो नतीजों पर किसी भी जानकारी का इंतजार कर रहे थे. मुख्य चुनाव आयुक्त, सचिव और सभी सदस्य अपने कार्यालयों में मौजूद थे. सीईसी की ओर से एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करने की उम्मीद थी. लेकिन इसके बजाय, विशेष सचिव जफर इकबाल केपी प्रांतीय विधानसभा के पहले आधिकारिक परिणामों की घोषणा करने के लिए सुबह 3 बजे से ठीक पहले राज्य संचालित पीटीवी पर उपस्थित हुए.

फिर आयी साल 2018 और आरटीएस की याद :एक संक्षिप्त घोषणा में, उन्होंने परिणामों के संकलन और घोषणा में देरी के लिए इंटरनेट और मोबाइल फोन सेवाओं के निलंबन को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया. आयोग ने यह स्पष्ट कर दिया था कि टीवी चैनलों पर प्रसारित किए जा रहे किसी भी परिणाम को उनकी ओर से सत्यापित नहीं किया गया है. डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक मौके पर मौजूद पत्रकारों ने बताया कि वह दो दशकों से अधिक समय से चुनावों को कवर कर रहे हैं. ऐसी स्थिति कभी नहीं देखी. उन्होंने कहा कि ऐसा 2018 में भी नहीं हुआ था जब चुनाव आरटीएस विवाद से प्रभावित हुए थे.

एक सूत्र ने डॉन को बताया कि इस्लामाबाद में जब कई मतदान केंद्रों के पीठासीन अधिकारी आधी रात के बाद चुनाव परिणाम और सामग्री जमा करने के लिए वहां पहुंचे तो आरओ के कार्यालयों के बाहर कुप्रबंधन था. उन्होंने कहा कि सुरक्षा अधिकारियों और पीओ के बीच बहस हुई और उन्हें अपने वाहनों के अंदर इंतजार करने के लिए कहा गया. सूत्रों ने कहा कि वाहनों की लंबी कतार के कारण, पीओ चुनाव परिणाम प्रस्तुत करने में सक्षम नहीं थे.

पाकिस्तान में लोगों ने गुरुवार को मतदान किया. (AP)

क्या था चुनाव आयोग का दावा:इससे पहले दिन में, ईसीपी के अतिरिक्त महानिदेशक (निगरानी एवं मूल्यांकन) हारून खान शिनवारी ने दावा किया कि आयोग चुनाव परिणामों की समय पर घोषणा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि दूरदराज के इलाकों से नतीजे आने में अधिक समय लग सकता है, लेकिन शहरों से आने वाले नतीजों को गुरुवार रात तक अंतिम रूप दे दिया जाएगा.

सरकारी पीटीवी न्यूज से बात करते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि नतीजों के लिए स्थापित चुनाव प्रबंधन प्रणाली इंटरनेट कनेक्टिविटी पर निर्भर नहीं है. उन्होंने स्पष्ट किया था कि इंटरनेट बंद होने से चुनाव परिणाम प्रक्रिया पर कोई असर नहीं पड़ेगा. उन्होंने बताया था कि किसी भी बाधा से बचने के लिए गिनती, फॉर्म पर डेटा प्रविष्टि और परिणाम जमा करने की प्रक्रिया को सटीक रूप से व्यवस्थित किया गया है. उन्होंने कहा कि रिटर्निंग अधिकारी (आरओ) ईएमएस पर ऑफलाइन परिणाम दर्ज करने में सक्षम होंगे.

Last Updated : Feb 9, 2024, 2:21 PM IST

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