एलेक्सी नवलनी कौन थे, कैसे एक अकेले आदमी ने रूस में राजनीति को जिंदा किया
know Who Was Alexei Navalny : रूस में एलेक्सी नवलनी की मौत के बाद दुनिया भर में रूस में लोकतंत्र की स्थिति और पुतिन की तानाशाही को लेकर सवाल उठ रहे हैं. एलेक्सी नवलनी रूस में पुतिन विरोध का एक प्रमुख और लोकप्रिय चेहरा थे. चुनाव से करीब एक महीने पहले उनकी मौत ने कई सवाल खड़े किये हैं. इस विशेष रिपोर्ट में पढ़ें अलेक्सी नवलनी की राजनीतिक यात्रा और उनके संघर्ष के
हैदराबाद: एलेक्सी नवलनी कौन है. जिसकी मौत की खबर पर रूस और चीन जैसे देश चुप हैं तो वहीं अमेरिका, जर्मनी, आस्टेलिया जैसे देश खुलकर रूस में पुतिन की राजनीति पर सवाल उठा रहे हैं. क्यों एलेक्सी नवलनी की मौत के बाद भी उनके समर्थक और जानने वाले कह रहे हैं कि नवलनी नाम का व्यक्ति मर चुका है, लेकिन जिस आंदोलन को उसने जगाया वह अभी भी बना हुआ है. आखिर उन्होंने कैसे विपक्ष को सामने लाने और राजनीतिक बहस छेड़ने के लिए बार-बार चुनावों का इस्तेमाल किया.
एलेक्सी नवलनी एक दशक से अधिक समय तक पुतिनवाद विरोध के सबसे सशक्त चेहरे रहे. उन्होंने संसद से लेकर सड़क तक पर पुतिन के अधिनायकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ी. पुतिन की इच्छाओं के खिलाफ खड़े होने वाले लोगों का समर्थन किया.
अलेक्सी नवलनी को रूस में दी गई श्रद्धांजलि. (AP)
राजनीतिक सफर की शुरूआत:नवलनी 2011 में एक राजनीतिक ताकत के रूप में उभरे, जब उन्होंने पुतिन की यूनाइटेड रशिया को 'बदमाशों और चोरों की पार्टी' करार देकर 2012 के संसदीय चुनाव से पहले एक बड़े राष्ट्रीय विरोध आंदोलन की शुरुआत की. उन्होंने नारे को दर्शाने के लिए मीम बनाने की प्रतियोगिताएं आयोजित कीं. उन मतदाताओं को एकजुट किया जो पुतिन की पार्टी का समर्थन नहीं करते थे.
पुतिन ने अनुमान के अनुसार यह चुनाव जीता. इस चुनाव के बारे में यूरोप में सुरक्षा और सहयोग संगठन के पर्यवेक्षक मिशन के प्रमुख ने टिप्पणी की था कि अनियमितताएं और दुर्व्यवहार इतने अधिक हैं कि विजेता को लेकर 'कभी भी कोई संदेह नहीं किया जा सकता. ऐसे में नवलनी के प्रयासों का मतलब था कि एक नये विपक्ष का मौजूद होना. एक विपक्ष जो चुनावी धोखाधड़ी से लड़ने के लिए सड़कों पर उतरने के लिए तैयार था.
अलेक्सी नवलनी को रूस में दी गई श्रद्धांजलि. (AP)
चुनावों का ‘यहूदी बस्ती’ से बाहर आना :2013 में धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तारी और दोषी ठहराए जाने के बावजूद, नवलनी ने उस वर्ष मॉस्को के मेयर पद का चुनाव लड़ा. उन्होंने चुनावी राजनीति में नये प्रयोग किये. युवा कार्यकर्ताओं को अपने साथ जोड़ा. जो जोश से भरे हुए थे और सड़कों पर, अपने अपार्टमेंट्स में मतदाताओं से मिल रहे थे.
नवलनी ने लगभग 30% वोट हासिल किये. यह अनुमान से दोगुना था. हालांकि वह पुतिन के चुने हुए उम्मीदवार सर्गेई सोबयानिन से हार गये. नवलनी ने बाद में साथी विपक्षी नेता व्लादिमीर कारा-मुर्ज़ा के साथ एक साक्षात्कार में वास्तविक सफलता को व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि हमने दिखाया है कि सामान्य लोग, बिना प्रशासनिक संसाधनों, बिना कॉर्पोरेट प्रायोजकों, बिना जनसंपर्क गुरुओं के एकजुट हो सकते हैं. सफलता हासिल कर सकते हैं.
अलेक्सी नवलनी को रूस में दी गई श्रद्धांजलि. (AP)
नवलीनी ने कहा था कि हमने दिखाया है कि हम अब 3% चुनावी 'यहूदी बस्ती' तक ही सीमित नहीं हैं. नवलनी ने अपने चुनाव अभियान का निष्कर्ष सामने रखते हुए कहा कि मेरे लिए इस अभियान का सबसे महत्वपूर्ण परिणाम रूस में वास्तविक राजनीति की वापसी है.
रूस में राजनीति को जिंदा किया, लोगों को जगाया :नवलनी रूसी राजनीति से अलग-थलग पड़े रूसियों को एक साथ लाए. उन्हें सशक्त बनाया. अगले एक दशक तक, नवलनी और उनकी टीम ने रूस की राजनीति में राजनीतिक प्रतिस्पर्धा जारी रखी. उन्होंने स्थानीय संगठन बनाए, जिन्होंने समर्थन हासिल किया और क्रेमलिन की ओर से उनके रास्ते में रखी गई अंतहीन बाधाओं के बावजूद साइबेरियाई शहरों टॉम्स्क और नोवोसिबिर्स्क में कुछ सफलता पाई.
अलेक्सी नवलनी को रूस में दी गई श्रद्धांजलि. (AP)
निर्वासन से वापसी, स्मार्ट वोटिंग की खोज :इन प्रयासों की परिणति नवलनी की ओर से 2018 में विकसित की गई एक प्रणाली रही जिसे स्मार्ट वोटिंग कहा जाता है. एक ऑनलाइन टूल के माध्यम से, नवलनी टीम रूसियों को चुनाव में किसी भी सुधारवादी उम्मीदवार का समर्थन करने के लिए प्रोत्साहित करती है. यह प्रणाली विशेष रूप से मतदाताओं को पुतिन की यूनाइटेड रशिया पार्टी को हराने वाले उम्मीदवार की ओर निर्देशित करती है. रूसी विद्वानों मिखाइल टर्चेंको और ग्रिगोरी गोलोसोव के शोध से पता चलता है कि इस उपकरण का मतदाताओं पर बहुत महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा. चुनावों में मतदान, विपक्षी वोटों और इससे जुड़े अन्य पहलुओं में वृद्धि हुई.
ऐसा प्रतीत होता है कि नवलनी के प्रयासों ने रूसी शासन को परेशान कर दिया. मामले को जानने वाले लोग कहते हैं कि 2020 में रूस की घरेलू सुरक्षा एजेंसी, जिसे एफएसबी के नाम से जाना जाता है, ने उनके खिलाफ हत्या के प्रयास का षड़यंत्र रचा. हालांकि, इसे पूरे विश्वास के साथ नहीं कहा जा सकता की ऐसा ही हुआ था.
नवलनी नोविचोक के जहर से केवल इसलिए बच गए क्योंकि अंतरराष्ट्रीय दबाव ने शासन को उन्हें इलाज के लिए जर्मनी ले जाने की अनुमति देने के लिए मजबूर किया. अपने ठीक होने के दौरान, नवलनी ने अपनी राजनीतिक सक्रियता को आगे बढ़ाने और शासन की बढ़ती क्रूरता को व्यक्त करने के लिए अपने ऊपर हुए हमले का इस्तेमाल किया. उन्होंने इस पूरे अभियान का पर्दाफाश करने के लिए अपने हमलावर का साक्षात्कार लिया.
फरवरी 2021 में गिरफ्तारी की धमकी के बीच नवलनी की रूस वापसी के बाद सोवियत संघ के पतन के बाद से विपक्षी नेता के समर्थन में सबसे बड़ा सड़क विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ. इन विरोध प्रदर्शनों ने कार्यकर्ताओं की एक नई पीढ़ी को प्रेरित किया. उन्होंने सड़कों पर और उसके बाद के वर्षों में लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस की क्रूरता के नए स्तर को भी चिह्नित किया.
परंपरा को आगे बढ़ाना :जर्मनी में अपनी रिकवरी के दौरान पैरोल का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तारी के बाद नवलनी जेल शिविरों में बंद रहे. अपनी मृत्यु से पहले, नवलनी ने अपने समर्थक कार्यकर्ताओं की पीढ़ी से सीधे बात की. उन्होंने कहा कि सुनो, मुझे आपसे कुछ स्पष्ट बात कहनी है. आपको हार मानने की अनुमति नहीं है. अगर वे मुझे मारने का फैसला करते हैं, तो इसका मतलब है कि हम अविश्वसनीय रूप से मजबूत हैं.