दोहा/तेल अवीव:मिडिल ईस्ट में जारी संघर्ष पर अमेरिका, भारत समेत पूरी दुनिया की नजर बनी हुई है. रिपोर्ट के मुताबिक, इस बीच कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद-अल थानी ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि, मध्य पूर्व संकट को 'सामूहिक नरसंहार' करार दिया. शेख तमीम बिन हमद ने कहा कि, उनका देश हमेशा से इजराइल को लेकर चेतावनी देता रहा है. उन्होंने दोहा में आयोजित एशिया सहयोग वार्ता शिखर सम्मेलन (एसीडी) के दौरान यह बात कही.
बता दें कि, ईरान ने हिजबुल्लाह नेताओं की हत्या का इजराइल से प्रतिशोध लेने के लिए उस पर 180 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं. इजराइल के खिलाफ ईरान की इस जोरदार प्रतिक्रिया से पूरा विश्व अचंभित हो गया. वहीं इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने तुरंत इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, इजराइल ईरान के खिलाफ सही समय पर कठोर जवाबी कार्रवाई करेगा. इजराइल ने सुरक्षा मंत्रिमंडल की बैठक में साफ कर दिया कि, जो कोई उस पर हमला करेगा, वह उस पर जवाबी कार्रवाई करेगा.
वहीं, अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी ने कहा कि, यह अब स्पष्ट हो गया है कि जो हो रहा है वह नरसंहार है, इसके अलावा गाजा पट्टी को इंसानी रिहाइश के लायक नहीं छोड़ने की दिशा में काम किया जा रहा है, ताकि वहां के लोगों को वहां से विस्थापित किया जा सके.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, इजरायल ने गाजा में नरसंहार करने के आरोपों पर कड़ी आपत्ति जताई है, जहां उसने एक साल पहले हमास के आतंकवादियों द्वारा दक्षिणी इजरायली शहरों पर हमला करने के बाद जवाबी कार्रवाई किया था. इस हमले में 1,200 लोग मारे गए थे और 250 से अधिक बंधकों को पकड़ लिया गया था. हमास द्वारा संचालित क्षेत्र में स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इजरायली हमले के दौरान 41,500 से अधिक गाजावासी मारे गए हैं.
इस सप्ताह, इजराइल ने ईरान समर्थित लेबनानी आंदोलन हिजबुल्लाह के खिलाफ लेबनान में जमीनी आक्रमण शुरू किया, जो फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए इजराइल पर गोलीबारी कर रहा है.
अमीर तमीम ने इजराइली हमलों की निंदा की
अमीर तमीम ने लेबनान पर इजराइली सैन्य अभियानों की कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा कि "भाईचारे वाले लेबनानी गणराज्य" के खिलाफ इजराइली हमलों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. दूसरी तरफ इजराइल ने गाजा में नरसंहार संबंधी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है. एशिया सहयोग वार्ता शिखर सम्मेलन के भाषण में अल थानी ने कहा, "बिना शांति के सुरक्षा हासिल नहीं की जा सकती और ये 4 जून, 1967 से पहले जैसी स्थिति में एक स्वतंत्र फिलस्तीनी देश के बिना संभव नहीं, जिसकी राजधानी पूर्वी यरुशलम हो, ये अंतरराष्ट्रीय कानून और अरब शांति पहल के संकल्पों के मुताबिक हो." उन्होंने कहा, "कतर फिलिस्तीन के अधिकारों को कायम रखने और वहां के लोगों को कानूनी अधिकार मिलने का समर्थन करना जारी रखेगा."
"मध्य पूर्व युद्ध की शुरुआत हो चुकी है", रान पोराट ने कहा
वहीं दूसरी तरफ पीटीआई के हवाले से, द ऑस्ट्रेलियन सेंटर फॉर ज्यूस सिविलाइजेशन, मोनाश विश्वविद्यालय के सहयोगी शोधकर्ता रान पोराट का कहना है कि, लंबे समय से आशंका जताई जा रही मध्य पूर्व युद्ध की शुरुआत हो चुकी है. अब इजरायल ईरान पर इस तरह से पलटवार कर सकता है.
रान पोराट ने कहा,लगभग एक साल पहले गाजा में शुरू हुआ संघर्ष पूरे मध्य पूर्व में फैल गया है, जिसमें इजराइल अपनी सीमाओं से दूर देशों और समूहों से लड़ रहा है. इसके वैश्विक निहितार्थ भी हैं. जैसा कि इस सप्ताह के ईरानी हमले से पता चलता है, संघर्ष एक तरफ इजराइल और उसके पश्चिमी सहयोगियों और दूसरी तरफ रूस और चीन द्वारा समर्थित ईरान और उसके सहयोगियों के बीच सीधा टकराव बन गया हैय वाशिंगटन ने इजराइल को सैन्य सहायता और कूटनीतिक कवर प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जबकि मास्को ने ईरान को लड़ाकू जेट और वायु रक्षा तकनीक भेजने का वचन दिया है. यह यूक्रेन में अपने स्वयं के युद्ध के लिए ईरानी हथियार भी खरीद रहा है, जिससे तेहरान को बहुत जरूरी नकदी मिल रही है. इसके अलावा, इज़राइल वर्तमान में कई मोर्चों पर लगा हुआ है.