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भारत ने यूएन में फिलिस्तीन की पूर्ण संयुक्त राष्ट्र सदस्यता का समर्थन किया - India On Israel Hamas conflict

India On Palestine's Full UN Membership : संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि भारत दो-राज्य समाधान का 'समर्थन' करने के लिए प्रतिबद्ध है, जहां फिलिस्तीनी 'एक स्वतंत्र देश' में स्वतंत्र रूप से रह सकेंगे. उन्होंने कहा कि भारत दो-राज्य समाधान का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है, जहां फिलिस्तीनी लोग इजरायल की सुरक्षा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सुरक्षित सीमाओं के भीतर एक स्वतंत्र देश में स्वतंत्र रूप से रह सकें.

India On Palestine's Full UN Membership
रुचिरा कंबोज की फाइल फोटो. (File Photo)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 2, 2024, 5:25 PM IST

नई दिल्ली: एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, भारत ने संयुक्त राष्ट्र की पूर्ण सदस्यता के लिए फिलिस्तीन की दावेदारी को आगे बढ़ाया है. इसके साथ ही भारत ने दो-राज्य समाधान के लिए अपना समर्थन दोहराया है. संयुक्त राष्ट्र में प्रवेश के लिए फिलिस्तीन के आवेदन पर संयुक्त राज्य अमेरिका की ओर से वीटो लगाने के बाद बुधवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक बैठक में, संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि हालांकि हमने नोट किया है कि अमेरिका के वीटो के कारण संयुक्त राष्ट्र में सदस्यता के लिए फिलिस्तीन के आवेदन को मंजूरी नहीं मिली है.

कंबोज ने कहा कि भारत की दीर्घकालिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए, हमें उम्मीद है कि उचित समय पर इस पर पुनर्विचार किया जाएगा. संयुक्त राष्ट्र का सदस्य बनने के फिलिस्तीन के प्रयास का समर्थन किया जाएगा. हमने इस मामले को लेकर शीघ्र ही महासभा के दसवें आपातकालीन विशेष सत्र की पूर्ण बैठक बुलाने के आपके इरादे पर भी गौर किया है. भारत इस बैठक में सक्रिय रूप से भाग लेगा.

उन्होंने दोहराया कि भारत दो-राज्य समाधान का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है. स्थायी समाधान पर पहुंचने के लिए, भारत ने सभी पक्षों से शीघ्र ही सीधी शांति वार्ता फिर से शुरू करने के लिए अनुकूल परिस्थितियों को बढ़ावा देने का आग्रह किया. कंबोज का यह बयान ऐसे समय में आया है जब वर्तमान इजराइल-फिलिस्तीन संघर्ष पर भारत के रुख पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ध्यान से नजर रख रहा है.

भारत परंपरागत रूप से 2-राज्य समाधान में विश्वास करता है और फिलिस्तीन के एक संप्रभु स्वतंत्र और व्यवहार्य राज्य की स्थापना का समर्थन करता है. फिलिस्तीन के लिए भारत के समर्थन ने इजराइल के साथ उसके बढ़ते संबंधों को प्रभावित नहीं किया है. हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में, भारत सरकार ने फिलिस्तीनियों के साथ इजराइल के व्यवहार पर अपनी प्रतिक्रिया कम कर दी है.

इसके अलावा, रुचिरा कंबोज ने कहा कि गाजा में संघर्ष छह महीने से अधिक समय से चल रहा है, और इससे उत्पन्न मानवीय संकट बढ़ रहा है, उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र और उसके बाहर अस्थिरता बढ़ने की भी संभावना है. इस संदर्भ में, हम यूएनएससी की ओर से पिछले महीने संकल्प 2728 को अपनाने को एक सकारात्मक कदम के रूप में देखते हैं.

उन्होंने बताया कि इजराइल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष के कारण बड़े पैमाने पर नागरिकों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों की जान चली गई है और मानवीय संकट पैदा हो गया है जो बिल्कुल अस्वीकार्य है. उन्होंने कहा कि हमने संघर्ष में नागरिकों की मौत की कड़ी निंदा की है. शीर्ष भारतीय दूत ने कहा, हमारा दृढ़ विश्वास है कि अंतरराष्ट्रीय कानून और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का हर किसी को हर परिस्थिति में सम्मान करना चाहिए.

कंबोज ने कहा कि 7 अक्टूबर को इजराइल में आतंकवादी हमले चौंकाने वाले थे, और वे हमारी स्पष्ट निंदा के पात्र हैं. आतंकवाद और बंधक बनाने का कोई औचित्य नहीं हो सकता है. भारत का आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के खिलाफ एक दीर्घकालिक और समझौता न करने वाला रुख है. उन्होंने कहा कि हम सभी बंधकों की तत्काल रिहाई की मांग करते हैं.

कंबोज ने इस बात पर जोर दिया कि स्थिति को और बिगड़ने से रोकने के लिए यह जरूरी है कि गाजा के लोगों को मानवीय सहायता तुरंत बढ़ाई जाए और उन्होंने सभी पक्षों से इस प्रयास में एक साथ आने का आग्रह किया. भारत ने इस संबंध में संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के प्रयासों का भी स्वागत किया. गौरतलब है कि भारत ने फिलिस्तीन के लोगों को मानवीय सहायता प्रदान की है और आगे भी करता रहेगा.

भारतीय दूत ने दोहराया कि अंतिम स्थिति के मुद्दों पर दोनों पक्षों के बीच सीधी और सार्थक बातचीत के माध्यम से प्राप्त केवल दो-राज्य समाधान ही स्थायी शांति प्रदान करेगा. भारत दो-राज्य समाधान का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है जहां फिलिस्तीनी लोग इजरायल की सुरक्षा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सुरक्षित सीमाओं के भीतर एक स्वतंत्र देश में स्वतंत्र रूप से रह सकते हैं. कंबोज ने कहा कि स्थायी समाधान पर पहुंचने के लिए, हम सभी पक्षों से शीघ्र ही सीधी शांति वार्ता फिर से शुरू करने के लिए अनुकूल परिस्थितियों को बढ़ावा देने का आग्रह करते हैं.

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