इस्लामाबाद: जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि अगर चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) होती, तो धांधली के सभी मुद्दे एक घंटे में हल हो गए होते. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के संस्थापक ने अल-कादिर ट्रस्ट मामले की सुनवाई के बाद अदियाला जेल में पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह टिप्पणी की, जिसमें उनकी पत्नी बुशरा बीबी और सहयोगी शामिल हैं.
पीटीआई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया, 'आज इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन होती तो एक घंटे में धांधली का मसला सुलझ जाता. ऐस इमरान खान ने पत्रकारों से बातचीत में कहा'. इमरान खान के अनुसार, पाकिस्तान के चुनाव आयोग, कुछ राजनीतिक दलों और 'प्रतिष्ठान' ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग लाने की योजना को विफल कर दिया.
पत्रकारों से बात करते हुए, खान ने उन अधिकारियों के खिलाफ 'उच्च देशद्रोह की कार्यवाही' की मांग की, जिन्होंने कथित तौर पर आम चुनावों में लोगों का जनादेश चुराया था. हालांकि, उन्होंने अमेरिका में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) कार्यालय के बाहर प्रदर्शन का समर्थन किया, लेकिन उन्होंने प्रदर्शनकारियों द्वारा लगाए गए 'सेना विरोधी' नारों से खुद को अलग कर लिया. इमरान खान ने दावा किया कि उनकी पार्टी को 30 मिलियन से अधिक वोट मिले, जबकि बाकी 17 राजनीतिक दलों को संयुक्त रूप से इतने ही वोट मिले. उन्होंने कहा कि पीटीआई ने आईएमएफ और गैर-सरकारी संगठनों के साथ चुनावों में अनियमितताओं को भी उठाया है. चुनावी प्रक्रिया में खामियों की ओर इशारा किया.
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले, पीटीआई को एक साजिश के तहत उसके चुनाव चिन्ह बल्ला से वंचित कर दिया गया और फिर पूर्व सत्ताधारी पार्टी को उसके हिस्से की आरक्षित सीटों से वंचित कर दिया गया. उन्होंने कहा कि जनादेश की चोरी देशद्रोह के समान है, जो संविधान के अनुच्छेद 6 को आकर्षित करता है, जैसा कि डॉन द्वारा रिपोर्ट किया गया है.