तेहरान:ईरान ने मंगलवार शाम को 'ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस II' के तहत इजराइल पर लगभग 180 मिसाइलें दागीं, जिससे मध्य पूर्व में तनाव बढ़ गया. इजराइली अधिकारियों ने पुष्टि की कि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ और जबकि अधिकांश मिसाइलों को उनके रक्षा प्रणालियों ने रोक दिया था. कुछ मिसाइलें बच निकलने में सफल रहीं. इजराइली अधिकारियों ने कहा कि ईरान को इस हमले की कीमत चुकानी पड़ेगी.
एक अक्टूबर को ईरान ने इजराइल के खिलाफ बड़ा हमला किया, जो अप्रैल के बाद उसका दूसरा सीधा हमला था, जिसमें प्रमुख सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाकर मिसाइलों की बौछार की गई, जिनमें तेल अवीव में मोसाद हेडक्वार्टर और बीर्शेबा के पास नेवातिम एयरबेस शामिल थे.
मिसाइल हमला तब हुआ जब इजराइल ने कहा कि उसके सैनिकों ने जमीनी हमले के लिए लेबनान में प्रवेश किया है. साथ इजारइली सेना ने इसे हिजबुल्लाह के लड़ाकों और बुनियादी ढांचे को जड़ से उखाड़ने के लिए एक सीमित अभियान बताया.
ईरान में हमले में किन मिसाइलों का किया इस्तेमाल
रॉयटर्स ने ईरानी मीडिया के हवाले से बताया कि देश ने इजराइल पर किए गए हमले में कई तरह की बैलिस्टिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया. इनमें इमाद और गदर के साथ-साथ ईरान की नई फतह मिसाइल भी शामिल है.
बता दें कि इमाद और गदर ईरान द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें हैं. इसके अलावा ईरान के पास फत्तह-2 मिसाइल भी है, जिसे फारसी में 'विजेता' के रूप में जाना जाता है.